tag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post8490951080733574120..comments2023-10-28T01:10:55.795-07:00Comments on मेरे अरमान.. मेरे सपने..: फिर तेरी याद आई !!!दर्शन कौर धनोयhttp://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comBlogger33125tag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-12046187926592635352011-05-23T11:35:07.519-07:002011-05-23T11:35:07.519-07:00sabhi kavitayein bahut hi sunder haisabhi kavitayein bahut hi sunder haiRoshihttps://www.blogger.com/profile/18372159823117732748noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-11742700719758271992011-05-04T20:08:55.120-07:002011-05-04T20:08:55.120-07:00न मिटा ठोकरों से मेरी मजार को ऐ जालिम !
जरा रहम कर...न मिटा ठोकरों से मेरी मजार को ऐ जालिम !<br />जरा रहम कर ! खुदाया ,यहाँ कोई सो रहा है<br />अपने 'बुत ' पे परेशां तुझे देखा तो ,<br />तेरी याद आई !!! <br /><br />वाह , लाजवाब लाजवाब लाजवाबKunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-21542454765627833772011-05-04T03:07:25.021-07:002011-05-04T03:07:25.021-07:00वाह ... हर पंक्ति बेमिसाल ।वाह ... हर पंक्ति बेमिसाल ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-60190191736465200472011-05-04T02:17:03.179-07:002011-05-04T02:17:03.179-07:00बहुत ख़ूबसूरत और लाजवाब रचना लिखा है आपने जो काबिले...बहुत ख़ूबसूरत और लाजवाब रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बहुत दिनों के बाद आपके ब्लॉग पर आकर सुंदर कविता पढ़ने को मिला जिसके लिए धन्यवाद! बहुत बढ़िया लगा!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-757791640066742122011-05-03T22:14:01.209-07:002011-05-03T22:14:01.209-07:00Waah !!!Waah !!!Jassi Dhanoehttps://www.blogger.com/profile/11528227887139813081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-61411791906970805712011-05-03T09:56:13.650-07:002011-05-03T09:56:13.650-07:00आदरणीय दर्शन कौर जी नमस्ते ! बहुत खुबसूरत रचना जान...आदरणीय दर्शन कौर जी नमस्ते ! बहुत खुबसूरत रचना जाने क्यों बार बार पढने को दिल करता है ........मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-26232198885094987362011-05-03T07:33:38.096-07:002011-05-03T07:33:38.096-07:00रिक्त होने पर पूर्णता की याद आई । बहुत सुन्दर अभिव...रिक्त होने पर पूर्णता की याद आई । बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ।amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-3554963086309105922011-05-02T10:33:35.324-07:002011-05-02T10:33:35.324-07:00बढ़िया रचना के लिए शुभकामनायें आपको !बढ़िया रचना के लिए शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-64039536905860705582011-05-02T07:48:10.394-07:002011-05-02T07:48:10.394-07:00बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति और चित्र!
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पिछले कई दिनों...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति और चित्र!<br />--<br />पिछले कई दिनों से कहीं कमेंट भी नहीं कर पाया क्योंकि 3 दिन तो दिल्ली ही खा गई हमारे ब्लॉगिंग के!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-49860478954154795862011-05-02T06:38:49.860-07:002011-05-02T06:38:49.860-07:00न मिटा ठोकरों से मेरी मजार को ऐ जालिम !
जरा रहम कर...न मिटा ठोकरों से मेरी मजार को ऐ जालिम !<br />जरा रहम कर ! खुदाया ,यहाँ कोई सो रहा है<br />अपने 'बुत ' पे परेशां तुझे देखा तो ,<br />तेरी याद आई !!! <br />दर्द को शब्द और चित्रों से बहुत बढ़िया तरीके से उकेरा है आपने.....कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-38164246196088764232011-05-02T04:38:35.797-07:002011-05-02T04:38:35.797-07:00न जाने किसकी नजर लग गई है हमारी 'दर्शी'जी ...न जाने किसकी नजर लग गई है हमारी 'दर्शी'जी पर<br /><br />दर्द को बिछातीं हैं,दर्द को ओढती हैं और दर्द में ही सोतीं हैं <br />शब्दों को चुन चुन दर्द में भिगोती हैं,<br />आँखों की सीपियों में आँसू बने मोती हैं.<br /><br /><br />जरा थोडा बाहर आईये 'दर्शी'जी,दर्द भरी यादों से.<br />आप तो एक खूबसूरत यात्रा पर ले चलनेवाली थीं न.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-63329990833766263772011-05-02T04:21:27.894-07:002011-05-02T04:21:27.894-07:00न मिटा ठोकरों से मेरी मजार को ऐ जालिम !
जरा रहम कर...न मिटा ठोकरों से मेरी मजार को ऐ जालिम !<br />जरा रहम कर ! खुदाया ,यहाँ कोई सो रहा है<br />अपने 'बुत ' पे परेशां तुझे देखा तो ,<br />तेरी याद आई !!! <br /><br />ग्रेट, बहुत ही शानदार लफ्ज़. अनंत. सुन्दर. पीड़ा. सब कुछ शामिल.<br />बहुत अच्छा लगा पढकर.<br /><br />मेरे ब्लॉग पर आयें, स्वागत है.<br /><a href="http://www.mydunali.blogspot.com/" rel="nofollow">चलने की ख्वाहिश...</a>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13342084356954166189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-32269096860516592152011-05-01T21:29:52.315-07:002011-05-01T21:29:52.315-07:00फिर तेरी कहानी याद आई. उत्तम भावाभिव्यक्ति...
टो...फिर तेरी कहानी याद आई. उत्तम भावाभिव्यक्ति...<br /><br /><a href="http://najariya.blogspot.com/2011/04/blog-post_28.html" rel="nofollow">टोपी पहनाने की कला...</a><br /><br /><a href="http://jindagikerang.blogspot.com/2011/04/blog-post_27.html" rel="nofollow">गर भला किसी का कर ना सको तो...</a>Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-85663587721910173602011-05-01T11:15:44.557-07:002011-05-01T11:15:44.557-07:00bahut sunder rachanaabahut sunder rachanaaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/13199219119636372821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-24418395798770719772011-05-01T04:44:42.267-07:002011-05-01T04:44:42.267-07:00जब चांदनी की शीतलता तपती रेत की असहनीय उष्ण...जब चांदनी की शीतलता तपती रेत की असहनीय उष्णता में परिवर्तित हो जाये तो, यादों के सहारे ही सही, अतीत में लौट जाने की इच्छा स्वाभाविक ही है. दर्द और पीड़ा को अभिव्यक्ति देने के लिए आपने जिन बिम्बों का प्रयोग किया है वह वास्तव में बेजोड़ हैं. इनसे कविता का प्रभाव कई गुणा हो गया है .<br />मर्मस्पर्शी, इस सुंदर रचना के लिए बधाई !aarkayhttps://www.blogger.com/profile/04245016911166409040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-39953168903214541172011-05-01T03:49:17.211-07:002011-05-01T03:49:17.211-07:00जब बूझा दिया था तू ने मेरी फडफडाती लो को
अन्धकार ग...जब बूझा दिया था तू ने मेरी फडफडाती लो को<br />अन्धकार गहन था, दूर था सवेरा--<br />आज जब उड़ता हुआ धुँआ देखा तो,<br />तेरी याद आई !!! <br />बहुत सुन्दर ....आपके जज्बे को सलाम !!<br />बहुत खूबसूरती से पिरोया है भावों को ...मन की वेदना की सुन्दर अभिव्यक्ति.<br />हमें मालुम न था की आपके सिने में इतना दर्द भी भरा है <br />जब दर्दये इश्क सताता है तो रो लेता हूँ <br />जब कोई हादसा याद आता है तो रो लेता हूँमदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-80302245094123733372011-05-01T00:50:51.194-07:002011-05-01T00:50:51.194-07:00मै भी क्या शै हूँ ,क्या चीज हूँ
खाया था कभी तीर को...मै भी क्या शै हूँ ,क्या चीज हूँ<br />खाया था कभी तीर कोई<br />आज जब दर्द ने सताया तो ,<br />तेरी याद आई !!!<br />बहुत खुबसूरत रचना |Minakshi Panthttps://www.blogger.com/profile/07088702730002373736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-60666391590989363242011-05-01T00:40:50.216-07:002011-05-01T00:40:50.216-07:00बहुत खूबसूरत ... ये गीत याद आ गया अनायास ही ...
आप...बहुत खूबसूरत ... ये गीत याद आ गया अनायास ही ...<br />आपने याद दिलाया तो मुझे याद आया ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-35115930566204585572011-05-01T00:07:58.784-07:002011-05-01T00:07:58.784-07:00राह में बिछे कांटो को लांधकर पहुंची सेहरा में ,मै
...राह में बिछे कांटो को लांधकर पहुंची सेहरा में ,मै<br />फुल नही थे वो थी, खारे- आरजू<br />उस तपती हुई रेत से खुद को जलाया तो ,<br />तेरी याद आई !!!<br /><br />Awesome !<br /><br />ati sundar rachna !<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-66155975772756229762011-04-30T23:48:51.639-07:002011-04-30T23:48:51.639-07:00वाह!बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई......वाह!बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई......Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-48826994172146236912011-04-30T22:40:49.290-07:002011-04-30T22:40:49.290-07:00इतना दर्द है कि
इतना दर्द है कि
इतना दर्द है कि ...इतना दर्द है कि <br />इतना दर्द है कि <br />इतना दर्द है कि <br />इतना दर्द है कि <br />इतना दर्द है कि <br />इतना दर्द है कि <br />घबराकर -<br />आपके लिये कोरियर से पेन किलर <br />टेबलेट का एक पूरा पत्ता ही भेज रहा हूँ ।सहज समाधि आश्रमhttps://www.blogger.com/profile/12983359980587248264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-2716285649400677162011-04-30T18:24:49.205-07:002011-04-30T18:24:49.205-07:00वाह!! क्या अभिव्यक्ति है...बहुत सुन्दर!!वाह!! क्या अभिव्यक्ति है...बहुत सुन्दर!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-7234479893068074372011-04-30T11:21:30.570-07:002011-04-30T11:21:30.570-07:00बहुत सुन्दर बधाईबहुत सुन्दर बधाईShikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-10652957503464009272011-04-30T11:20:46.935-07:002011-04-30T11:20:46.935-07:00यादो का सचित्र संयोजन बेहद ...कोमलयादो का सचित्र संयोजन बेहद ...कोमलG.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1223456821174166148.post-68481339922927975802011-04-30T10:46:29.630-07:002011-04-30T10:46:29.630-07:00बहुत खूबसूरत रचना .... प्रभावी अभिव्यक्तिबहुत खूबसूरत रचना .... प्रभावी अभिव्यक्ति डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.com