मेरे अरमान.. मेरे सपने..

गुरुवार, 18 अगस्त 2011

'गोल्डन टेम्पल अमृतसर '

गोल्डन टेम्पल भाग 1


" सुनहरी आभा से दमक रहा ,सज रहा दाता दरबार तेरा !
मेरे  गुरुओ की शरण -स्थली ,लोग इसे स्वर्ण -मन्दिर कहते हैं !!
   





( गोल्डन -टेम्पल यानी स्वर्ण -मंदिर ...अमृतसर ) 








५ अगस्त २०११


 रात ९.३० बजे हमने (बेटा सन्नी और मैं ) बोरीवली से 'गोल्डन टेम्पल अमृतसर ' गाड़ी पकड़ी--
मैं पिछले  ही साल जुलाई में  पतिदेव और बेटियों के साथ एक बार गई थी ,पर सन्नी को छुट्टी न मिलने के कारण वो नही जा सका था -- अपने एक दोस्त के  साथ वो जाने वाला था पर अचानक उस दोस्त ने मना कर दिया ..इस तरह संजोग से मेरा गोल्डन टेम्पल जाना तैय हो गया ..फटाफट नेट से तत्काल में टिकटे बुक की ..रश था नही; इसलिए आराम से कन्फर्म टिकट मिल गई ...और मैं चली ....अमृतसर ..गुरु के दरबार में ...


( रेल चली--रेल चली--छुक --छुक--छुक)
  

( खुबसुरत नजारा ) 


( सन्नी ..मेरा बेटा)  



( सेकंड क्लास के सफ़र का भी अपना मज़ा हैं )


सुबह की चाय ! कुल्हड़ में... वाह जी वाह !

( बारिश का मौसम  ) 

( रहस्यमयी स्टेशन)




6 अगस्त 2011:-सुबह 11बजे 

हम कोटा जंक्सन पहुंचे ..मेरा ससुराल होने की वजय से परिवार वाले मिलने आ ही जाते हैं ..खाना भी आ जाता हैं ..मेरी बचपन की एक सहेली बेबी भी यहाँ रहती हैं ..वो भी मिलने चली आई....20 मिनट गाड़ी यहाँ खड़ी रहती हैं ....हमने खूब बाते की....२५ मिनट बाद गाडी यहाँ  से चली ...?  अपनों से मिलना जितनी  ख़ुशी  देता हैं... बिछड़ना उतना ही गम भरा  होता हैं ?






    

( कोटा )            



( कोटा स्टेशन ) 


( मेरा परिवार....कोटा (राजस्थान




( बारिश ने सारे माहौल को हरी चादर से ढंक दिया  ऐसा प्रतीत होता हैं )  
"ये कौन चित्रकार हैं "

(  खुबसुरत वसुंधरा ) 




(  मथुरा स्टेशन , श्री कृष्ण का जन्म स्थान ) 


( हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन ) 




( निजामुद्दीन स्टेशन से दिखाई दे रहा एक  खंडहर मकबरा ) 

दोपहर का खाना खाकर मैं कुछ देर सो गई ..शाम को ७बजे हमारी गाड़ी निजामुद्दीन स्टेशन पहुंची !
दिल्ली में कई लोगो से मिलने की इच्छा थी--नीरज जाट से संदीप जाट से मिलने की बहुत इच्छा थी ..पर यह गाडी निजामुद्दीन से सीधे गाजियाबाद चली जाती हैं सो,कई लोगो से मिलने की इच्छा दिल में ही रह गई --फिर भी मुकेश आ ही गए --30 मिनट का हाल्ट था..मुझे तो पता ही नही था ! मुकेश ने ही बताया था खेर, मुकेश से बहुत  बाते हुई ,लगा ही नहीं की पहली बार  मिल रहे ..शांत और सोम्य मुकेश अपने नेचर के मुताबिक़ ही मेरे लिए 'मुंशी प्रेमचन्द' की कहानियो का संग्रह लाए थे ..उनका यह उपहार मेरे दिल को भा गया ..
नेट की दुनियां भी कितनी रहस्यमयी हैं ..जिन्हें हम पी. सी. के परदे पर रोज देखते हैं ..बाते करते हैं..वो सामने आ जाए तो आश्चर्य दुगना हो जाता हैं और ख़ुशी के वो पल हमेशा के  लिए एक यादगार बन जाते हैं...


(और ये हैं मुकेश सिन्हा  --एक ब्लोगर ..शांत और सोम्य )




 ( अमृतसर से लगा मानावाला स्टेशन )




7 अगस्त 2011 सुबह 8 बजे 

हम अमृतसर पहुँच ही गए....



(अमृतसर रेलवे स्टेशन )


( अमृतसर शहर ) 

( शहीदी स्मारक )


( और यह हैं मेंन गेट स्वर्ण मंदिर का ) 


( यह हैं आफिस ! जहाँ रूम मिलते हैं..सबको ! )
( फ्री में भी और पैसो से भी ? )

( आज गुरूद्वारे  में काफी भीड़ हैं )   




        ( और यह हैं--गुरु हर गोविन्द -निवास ! जहाँ हम ठहरे थे --
ऐ सी रूम सिर्फ 300 रु. में )





( रूम में ऊपर जाने के लिए लिफ्ट !)


आज बस इतना ही.....अगली किस्त में गुरु का दरबार !

जारी .....

21 टिप्‍पणियां:

  1. दिल ही दिल में रह गयी आपसे मिलने की कितनी तमन्ना थी?

    आपने ये अच्छा नहीं किया,

    नहीं किया, नहीं किया, नहीं किया, नहीं किया, नहीं किया, नहीं किया,

    अब मैं आपसे बात नहीं करुँगा जब तक आप आमने सामने नहीं मिलोगे।

    नमस्कार

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  2. ham to mil aaye.....senior citizen se :D
    hahahahaha:)
    aajkal anna k liye senior citizen ka board laga kar mohtarma ghum rahin hain, sadko pe:D

    achchha laga aapke saath inn photos ko dekh kar!!
    aur haan sach me aap achchhe ho!! simply superb!!
    par main shant aur saumya, kuchh galatfahmi to nahi:D

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  3. बहुत सुन्‍दर फोटोग्राफ है। कुछ यादे होती है जो मन को प्रसन्‍न कर जाती है।

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  4. बहुत अच्छा लगा यात्रा विवरण पढकर ... ज़ारी रखिये ...

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  5. सांच कहूँ सुन लेहू सभै, जिन प्रेम किओ तिनहीं प्रभु पाइओ।
    कहू नानक इहू ततु बीचारा,बिनु हरि भजन नहीं छुटकारा ॥

    सुंदर यात्रा वृतांत, सति श्री अकाल

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  6. एक साथ बहुत सुन्दर द्रश्य देखकर मन रोमांचित हो उठा.... बहुत बढ़िया लगा इतनी सुन्दर-सुन्दर जगहों का एक साथ चित्रण देखकर ..

    बहुत बढ़िया यात्रा वृतांत के लिए धन्यवाद !

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  7. बहुत सुन्दर और यादगार दृष्यों के साथ आपने गुरु के दरबार तक पहुँचा दिया । दर्शन अभी बाकि हैं...

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  8. चित्र और विवरण से प्रसन्नता हुई!

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  9. कल-शनिवार 20 अगस्त 2011 को आपकी किसी पोस्ट की चर्चा नयी-पुरानी हलचल पर है |कृपया अवश्य पधारें.आभार.

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  10. बहुत बदिया चित्रों के साथ यात्रा विवरण /आपने बहुत अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया है /बधाई आपको /


    please visit my blog.
    http://prernaargal.blogspot.com/thanks

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  11. फोटो शेयर करने के लिए आभार
    अगर आपको प्रेमचन्द की कहानिया पसंद हैं तो आपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है |
    http://premchand-sahitya.blogspot.com/

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  12. हमेशा की तरह, रोचक विवरण एवं आकर्षक चित्र !

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  13. बहुत खूबसूरत चित्रों के साथ आपने हमें भी कराई अमृतसर की सैर .. आभार

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  14. देखे हुए शहर की तस्वीर ताजी हो गयी ! अगली पड़ाव का इंतजार !

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  15. खूबसूरत चित्रों से सजा आपका यात्रा वृतांत बहुत सुन्दर, मनोहारी और
    रोचक है.काफी जानकारी मिलीं आपकी इस पोस्ट से.
    अनुपम प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.

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  16. खूबसूरत चित्रों से सजा..बहुत बढ़िया यात्रा वृतांत के लिए धन्यवाद !

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  17. kaash aapke golden temple jane se pehle aapse dosti ho jati to hum bhi jalandher staton par ya fir golden temple hi milne chale aate..:)\
    aapka blog behadd achha laga.
    samay mile to mere blog par bhi ghumne aayiyega ..

    http://neelamkahsaas.blogspot.com

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  18. आपकी यात्रा पसंद आई खास तौर पर चित्रों ने मन मोह लिया ...
    जन्माष्टमी पर शुभकामनायें स्वीकार करें !!

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  19. आपकी पोस्ट ब्लोगर्स मीट वीकली (५) के मंच पर शामिल की गई है /आप ब्लोगर्स मीट वीकली (५) के मंच पर आयें /और अपने विचारों से हमें अवगत कराएं /आप हिंदी की सेवा इसी तरह करते रहें यही कामना है /प्रत्येक सोमवार को होने वाले
    ब्लोगर्स मीट वीकली मैं आप सादर आमंत्रित हैं /आभार /
    http://hbfint.blogspot.com/2011/08/5-happy-janmashtami-happy-ramazan.html
    ब्लॉगर्स मीट वीकली (5) Happy Janmashtami & Happy Ramazan

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  20. बहुत खूबसूरत चित्रमयी यात्रा………हमने भी साथ कर ली।

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जिन्दगी तो मिल गई थी चाही या अनचाही !
बीच में यह तुम कहाँ से मिल गए राही ......