होली का हुडदंग
( बुरा न मानो होली है )
कुंहू -कुंहू बोले कोयलिया
हमरे संग होली खेलें सांवरियां !
नीले -पीले और गुलाबी
रंग भरे पिचकारियाँ !
गाल गुलाबी हो या लाल
आज रंगे दिलवाली !
बुरा न मानो होली हैं भाई !
बुरा न मानो होली हैं !
आगे -आगे राधा दौड़े पीछे किशन-मुरारी !
द्धारका में होली खेलें रुकमनी और गिरधारी !
हुई रंग से लाल चुनरियां !
सुभद्रा हुई मतवाली !
बुरा न मानो होली हैं भाई !
बुरा न मानो होली हैं !
लक्ष्मी आई रम्भा आई !
अपने साथ में तोहफे लाई !
गुझियों की बहार लाई !
पिन्नी और पपड़ी भी लाई !
हरे रंग की बर्फी खाकर !
हमने भी क्या घूम मचाई !
बुरा न मानो होली हैं भाई !
बुरा न मानो होली हैं !
कंचन और तुलजा ने मिलकर !
ठंडी -ठंडी भांग बनाई !
हमने भी एक पैग चढायां !
सर पर मदहोशी हैं छाई !
फिर मीठा खा भांग चढ़ाई !
अब तो खैर , नही हैं भाई !
बुरा न मानो होली हैं भाई !
बुरा न मानो होली हैं !
स्रष्टि ने क्या रूप रचाया !
फागुन ने क्या रंग जमाया !
सबके दिलो में प्यार समाया !
आज ख़ुशी से दिल भर आया !
रंगो ने सपने सजाए !
इन्द्र धनुष ने रंग दिखाए !
होली ने रंग डाला भाई !
बुरा न मानो होली हैं भाई !
बुरा न मानो होली हैं !
(बुरा न मानो होली है )
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** रिमिक्स **
मेरे ब्लाक के आदरणीय हम सफर आप सबको होली की ढेर सारी शुभ कामनाए ! इस रंगारंग त्यौहार पर मेरा प्यार भरा तोहफा कबुल करे :--
# बुरा न मानो होली हैं #
राजीव जी ने रंग जमाया !
अंतर जी ने ब्रश फिराया !
शास्त्री जी ने मल्हार गाया !
केवल राम के मन को भाया !
होली का त्यौहार ये आया !
बुरा न मानो होली हैं भाई !
बुरा न मानो होली हैं !
राजेंद्र जी ने राग सुनाया !
प्रभा जी ने ठुमका लगाया !
निर्मला जी ने साथ निभाया !
संगीता जी ने लोरी गाई !
मुकेश जी ने तान लगाई !
राकेश जी ने 'गंगा' बहाई !
सबमें ज्ञान की 'लौ ' जलाई !
बुरा न मानो होली हैं भाई !
बुरा न मानो होली हैं !
दुल्हनिया संजय घर आई !
साव जी ने ट्रेन चलाई !
नीरज जी को सीट थमाई !
सुशिल जी ने भांग घुटाई !
सराफे से भांग मंगाई !
सत्यम जी ने भांग चढ़ाई !
अब तो मुश्किल हो गई साईं !
डॉ.साहेब ने चोला बदला !
चित्रों पर है रंग उंडेला !
फोटूग्राफी अपना ली ताई !
बुरा न मानो होली हैं भाई !
बुरा न मानो होली हैं !
लाल -पीले रंगो से रंगकर !
शिखा -शालिनी आई हैं !
दिव्या जी ने गुझिया तलकर !
सबको दावत दी हैं भाई !
फागुन का महिना जो आया !
'मोर' ने अपना नाच दिखाया !
जमाल जी ने शे'र सुनाया !
पूजा जी ने भजन गाया !
सुरेन्द्र जी के "झंझट" कई !
बुरा न मानो होली हैं भाई !
बुरा न मानो होली हैं !
ललित जी अभी से रंग गए !
संतोष जी भी पीछे पड़ गए !
अरविन्द जी भी मगन हो गए !
सुनील जी तटस्थ हो गए !
बोले होली कैसे खेलु !
मैं तो अकेला हूँ भाई !
कुंवर जी की टोली आई !
अतुल को भी साथ लाई !
सबने भांग वही चढ़ाई !
मदहोशी फिर सब पर छाई !
मदहोशी फिर सब पर छाई !
बुरा न मानो होली हैं भाई !
बुरा न मानो होली हैं !
वन्दना जी ने गजलें गाई !
मोनिका जी भी पीछे आई !
सदा जी ने फाग उड़ाया !
'हीर' जी का दिल भर आया !
सुषमा जी को टेसू भाया !
सुषमा जी को टेसू भाया !
राजस्थान की होली न्यारी !
राशी जी को लगे प्यारी !
विभा जी को रंगो से यारी !
सबने मिलकर घूम मचाई !
सबने मिलकर घूम मचाई !
बुरा न मानो होली है भाई !
बुरा न मानो होली है !
(बुरा न मानो होली हैं भाई )
बुरा न मानो होली है ! यदि किसी की भावनाओं को चोट लगी हो तो दिल से माफ़ी मांगती हु -- कविता या गीत लिखना मेरे बस की बात नहीं है --बस तुकबंदी कर लेती हु --यदि किसी का नाम रह गया हो तो भी माफ़ करे जितने नाम याद थे लिख दिए -- दिल से होली की बधाई देती हु ...एक बार फिर 'बुरा न मानो होली है भाई..
-----दर्शनकौर
-----दर्शनकौर
47 टिप्पणियां:
दुल्हनिया संजय घर आई !
साव जी ने ट्रेन चलाई !
नीरज जी को सीट थमाई !
सुशिल जी ने भांग घुटाई !
मजा आ गया जी,
यह तो होली पर बहुत प्यारी कविता बना दी आपने
प्रणाम
बुरा न मानो होली है भाई !
बुरा न मानो होली है ! bhut acchi rachna hai... apko bhi happy holi...
धनोय जी ...बुरा मानाने की क्या बात है....होली ही तो है जब हम सब कुछ कह लेते है... वह भी बड़े प्यार से ! पर हाँ..एक बात खल गयी...मेरे ट्रेन में ...टी.टी.आई. साहब किधर छुट गए !जो भी कहे आपकी लेखनी और ...यह...बड़ा मजा आया..मुझे ही नहीं...मेरी मेम साहिबा को भी , जो बिना हँसे नहीं रह सकी ! आप को साव और परिवार के तरफ से आप के सपरिवार को ...होली की ढेर सारी शुभ कामना !
जाईये हम नहीं बोलते आपसे
पर रंग लगाना तो नहीं छोडेंगें
और कहना भी नहीं भूलेंगे
होली का त्यौहार आपके और सभी ब्लोगर जन के लिए
रंगमय ,उल्लासमय और शुभ हो .
'मनसा वाचा कर्मणा' को कब तक भुलायेंगी आप?
MAM MERA NAAM LIKHNE KE LIYE THANKS, AAP APNE BAARE MAIN BHI KUCH LIKHIYE MAM, AAP AUR APKE POORE PARIVAAR KO ATUL KI TARAF SE HOLI KI HARDIK SHUBHKAMNAYE
chutki bhar abeer meri taraf se
आदरणीय दर्शन कौर जी
नमस्कार !
यूं तो हर शब्द होली के रंग में भीगा हुआ है ...और यह पंक्ति ...गुलाल के संग एक खूबसूरत सवाल ...होली की शुभकामनाएं ...।।
वाह..वाह...वाह...अप्रतिम रचना...
होली की ढेरों शुभकामनाएं.
दर्शन कौर जी,
बुरा न मानो होली है.....
आपको सपरिवार होली की शुभकामनाएं !
हम तो इसी बात का इंतजार कर रहे थे । दर्शन जी के साथ भरपेट गुझियों की मौज ।
पर सरदारनी जी ने तो पेग भांग मीठा पिन्नी पापङ..यानी फ़ुल इंतजाम । खूब खाओ । खूब होली
खेलो ।.. अब जब आप पेग लगा के मस्ती से होली खेल खिला रही हो । तो बुरा कौन
मानेगा । जो माने । वो भी एक पेग लगा ले । मजा आ गया भाई । मुझे तो आपने खाने पीने का
ऐसा चस्का लगाया । फ़ौरन ही आ जाता हूँ । होली है..भई होली है ।
बहुत सुन्दर रचना!
--
उनको रंग लगाएँ, जो भी खुश होकर लगवाएँ,
बूढ़ों और असहायों को हम, बिल्कुल नहीं सताएँ,
करें मर्यादित हँसी-ठिठोली।
आओ हम खेलें हिल-मिल होली।।
--
होलिकोत्सव की सुभकामनाएँ!
nice post, looks really good!
गजब का काकटेल हैगा भाई
लाल पीले रंग के संग मिठाई
पेग के साथ छनी खूब ठंडाई
होली की बधाई है जी बधाई।
अरे वाह , सारे ब्लॉग जगत में होली के रंग बिखेर दिए ।
बढ़िया है जी ।
होली की बहुत शुभकानाएं ।
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (19.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
दर्शन जी के ब्लॉग पर आज है होली आयी.
तन मन सब रंग के उन्होंने खूब भांग पिलवाई.
अब नशे में झूमन लागा, मन का पगला 'मोर'
होली है भाई होली है , मचा रहा है शोर.
इस बार होली का मज़ा दुगना हो गया है.
आपने बहुत ही कमाल का लिखा है.
होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
होली पर खींची आप की तस्वीरों का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा.
बहुत सुन्दर होली| धन्यवाद्|
आप को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ|
पूरा ब्लॉग जगत यहाँ आ गया ..आपने क्या रंग जमाया है सबके साथ ..आपकी सी रचना ने मेरा मन मोह लिया ...आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
आपने तो होली के रंगों में सबको सराबोर कर दिया!
--
मस्त फुहारें लेकर आया,
मौसम हँसी-ठिठोली का।
देख तमाशा होली का।।
--
होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
kya baat hai sardarni sahiba....mazaa aa gaya!
होली की शुभकामनायें...... हैप्पी होली
आदरणीय दर्शन कौर जी नमस्कार!
बहुत सुन्दर रचना!
जरा बाहर निकल के देखें, निकली हम मर्दों की टोली है
पी के भंग लगा के रंग , कैसे करती हंसी ठिठोली है
अन्दर से जरा बाहर निकलें, क्यूँ करती आँख मिचोली है
अर र... र... र.. क्यूँ गुस्सा हो गयीं बुरा न मानो होली है
आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
@@समस्त ब्लोक जगत को मेरी होली की शुभकामनाए --सबको मेरा प्रयास और मेरी कल्पना पसंद आई आभार --इसी तरह मेरा होसला बनाए रखे --
यह होली तो बहुत मजेदार रही ....
दर्शन जी को सबने मिल घेरा
मुँह पर गुलाल भरा हाथ फेरा
खूब मस्त होली हुई भाई
सबने खूब मिठाई खायी ...
होली की शुभकामनायें
bilkul bura nahin manengen ji ....yeh to sahejane layak post hai.....
aapka aabhar......
Holi ki shubhkamnyen.... ( mafi chahti hun hindi nahin likh paa rahi hun)
लगता है मेरे आने तक मेरी सराफा की भांग भाई लोग सब खेंच गए । कोई बात नहीं अभी चिमनबाग का अंटा बाकि है जो सराफा से ज्यादा गहरा असर करता है । वो भी कम पड जावे तो फिकर नाट. रंगपंचमी पर तो हाथ से घुटी हुई का ही आनन्द चलता है ।
सभी संगी-साथियों को दर्शनकौरजी के घर की इस भंगमिश्रीत होली पार्टी पर बहुत-बहुत बधाईयां और शुभकामनाएँ...
बहुत सुन्दर और शानदार रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई! आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
@सुशिल जी चिमन बाग़ का अंटा इन बेचारे ब्लोक वालो पे भारी पड़ता-- यह तो हम इन्दोरी लालो के ही बस की बात है--वेसे आपने ठीक कहा- 'रंग पंचमी अभी बाकी है मेरे दोस्त !
बबली जी पहली बार आने का धन्यवाद |आपका ब्लोक बहुत अच्छा लगा --
@ अंतर जी ,
@सुषमा जी
@साव जी
@राकेश जी
@अतुल
@रशिम प्रभा जी
@संजय जी
@ हरदीप जी
@शास्त्री जी
@श्वान जी ...धन्यवाद
@राजीव जी, हमारे साथ रहोगे तो ऐसे ही ऐश करोगे --
@ललित जी काकटेल में मजा आ गया --
@ डॉ.साहेब
@सत्यम जी
@ सगेबोब जी
@pataliji
@केवलराम जी
@मुकेश जी
@सन्नी बेटे
@सुरेन्द्र जी
@चेतन्य जी
@मदन जी
@संगीता जी
@मोनिका जी धन्यवाद !
वाह वाह दर्शन जी आपकी दावत से ही हमें शक हो गया था कि दाल में कुछ काला है ....
इधर आकर देखा तो मोर उलटे पैरों नाच रहा है ...
दिव्या जी गुझिया..लिए बैठी हैं ...
झंझट जी माथा पकते बैठे हैं ...
पूजा जी को सुर नहीं मिल रहे ....
गायक राजेन्द्र जी का अभी इन्तजार है ....
एक हीर ही है जो समय से पहुँच गई ....
बधाईयाँ जी ......
'रंगों भरी रचना से 'दर्शंन जी'ने, प्रेम रंग में रंगा है साईं
मेरे ब्लॉग पर दर्शन देकर, मुझको मस्त किया रे भाई
क्या इनकी तारीफ़ करूँ अब ,ज्यूँ होली की हुडदंग मचाई
बुरा न मानो होली है भाई, बुरा न मानो होली है भाई'
आपको ,समस्त परिवार को और सभी ब्लोगर जन को एक बार फिर से होली की शुभ कामनाएँ.
@हीर जी तुझ बिन जग सूना ...होली है ..
bahut hi pyaari ran-birangi rachna...
Happy Holi... :)
आपकी कविता ने खूब रंग जमाया.
रंगों के त्यौहार होली की बहुत बहुत शुभकामनायें !
आज सोचा कि क्या किया जाए दिन का पहला काम
तब दिलो दिमाग की सतह पर उभरा आप का नाम
आपको होली की शुभकामनाएँ
प्रहलाद की भावना अपनाएँ
एक मालिक के गुण गाएँ
उसी को अपना शीश नवाएँ
मौसम बदलने पर होली की ख़शियों की मुबारकबाद
सभी को .
आपको भी होली की बधाई.
रंगों की चलाई है हमने पिचकारी
रहे ने कोई झोली खाली
हमने हर झोली रंगने की
आज है कसम खाली
होली की रंग भरी शुभकामनाएँ
बहुत सुन्दर होली.
आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
भूलने का कोई बहाना,नहीं चले अब 'दर्शन' जी
जल्दी सबको लेकर आओ,मेरे ब्लॉग पर रंग बरसाओ
'बिनु सत्संग बिबेक न होई'पर दर्शन देकर,मन का करलो हर्षन जी
रंग के त्यौहार में
सभी रंगों की हो भरमार
ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार
यही दुआ है हमारी भगवान से हर बार।
आपको और आपके परिवार को होली की खुब सारी शुभकामनाये इसी दुआ के साथ आपके व आपके परिवार के साथ सभी के लिए सुखदायक, मंगलकारी व आन्नददायक हो। आपकी सारी इच्छाएं पूर्ण हो व सपनों को साकार करें। आप जिस भी क्षेत्र में कदम बढ़ाएं, सफलता आपके कदम चूम......
होली की खुब सारी शुभकामनाये........
सुगना फाऊंडेशन-मेघ्लासिया जोधपुर,"एक्टिवे लाइफ"और"आज का आगरा" बलोग की ओर से होली की खुब सारी हार्दिक शुभकामनाएँ..
समय मिले तो ये पोस्ट जरूर देखें.
"गौ ह्त्या के चंद कारण और हमारे जीवन में भूमिका!"
लिक http://sawaisinghrajprohit.blogspot.com/2011/03/blog-post.html
आपका कीमती सुझाव और मार्गदर्शन अगली पोस्ट को और अच्छा बनाने में मेरी मदद करेंगे! धन्यवाद…..
खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
नेह और अपनेपन के
इंद्रधनुषी रंगों से सजी होली
उमंग और उल्लास का गुलाल
हमारे जीवनों मे उंडेल दे.
आप को सपरिवार होली की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.
.
बहुत खुशबूदार और स्वादिष्ट कविता लिखी दर्शन जी । मैंने सारा दिन गुझिया तली प्रेम से , लेकिन जब कमर सीधी करने बैठी तो देखा, सारे ब्लॉगर चट कर चुके हैं सारी गुझिया । मुझे एक भी नहीं मिली।
मैं बुरा कैसे न मानूं , मुझे भी गुझिया चाहिए....
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