" ये है बाम्बे मेरी जान "
(चर्चगेट स्टेशन, लोकल )
मुम्बई की सैर : भाग 1 :- चर्चगेट !
आज मैं विशाल जी के कहने पर करवा रही हूँ --मुम्बई की सैर --
उनकी हार्दिक इच्छा है --बाम्बे घुमने की--आज वेसे भी महाराष्ट्र - डे है --यदि सन्डे नही होता तो भी आज यहाँ छुट्टी होती ! क्योकि आज के दिन ही महाराष्ट्र राज्य का उदय हुआ था --इसलिए १ मई को महाराष्ट्र -डे मनाया जाता है -- " ये है महाराष्ट्र मांझा "
मै समय -समय पर बाम्बे की सैर करवाती रहूंगी --वेसे मुझे बाम्बे ज्यादा पसंद नही है -- पेसे वालो का शहर है --हम मध्यम वर्गीय लोग तो बस यहाँ जीते है--यहाँ की परेशानियो से दो -चार होने की हमे आदत -सी पड़ गई है--रोज लोकल के धक्के खाना ,फिर बसों की क्यू में पसीना बहाना --घर लोटकर गहरी साँसे लेना यहाँ की दिनचर्या में शामिल है --क्या करे, हम मुम्बई- कर किसी और शहर में रह भी नही सकते --यहाँ का कोलाहल ,भीड़ ,तेज रफ्तारहमारे खून में शामिल हो गई है और यह हमे पसंद भी है --
मै समय -समय पर बाम्बे की सैर करवाती रहूंगी --वेसे मुझे बाम्बे ज्यादा पसंद नही है -- पेसे वालो का शहर है --हम मध्यम वर्गीय लोग तो बस यहाँ जीते है--यहाँ की परेशानियो से दो -चार होने की हमे आदत -सी पड़ गई है--रोज लोकल के धक्के खाना ,फिर बसों की क्यू में पसीना बहाना --घर लोटकर गहरी साँसे लेना यहाँ की दिनचर्या में शामिल है --क्या करे, हम मुम्बई- कर किसी और शहर में रह भी नही सकते --यहाँ का कोलाहल ,भीड़ ,तेज रफ्तारहमारे खून में शामिल हो गई है और यह हमे पसंद भी है --
आज आपको मै चर्चगेट मुम्बई की सैर करवाती हूँ --
सन्डे का दिन है --घर से निकलकर सीधे स्टेशन पहंची हु --रश आज थोडा कम है --लोकल भी खाली है--लेडिस फर्स्ट क्लास में बेठने का अनुभव भी निराला है --पीक -ओवर में आप कदम नही रख सकते--केसे अन्दर आना है --और केसे बाहर जाना है-- यह आप पर नही भीड़ पर निर्भर होता है --वेसे हम इसे अच्छी तरह से हेंडिल करना जानते है --
इतिहास :--
मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पादन में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25% , नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है-- भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिजर्व बैंक ,बम्बई स्टाक एक्सचेंज ,नेशनल स्टाक एक्सचेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। यहाँ भारत का हिंदी -सिनेमा और दूरदर्शन -उधोग भी है , जो बालीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है।
(यह है लेडिस ---फर्स्ट क्लास )
इतना खाली रोज दिखलाई नही देता--आज अंदर की बनावट देख सकते हो ..क्योकि रोज इतनी भीड़ होती है की केवल इंसान ही दिखाई देते है --और कुछ नही ---
( लोकल का आगमन--प्लेटफ़ार्म पर ...राजू की स्टाइल मै ..नहा- धोकर खड़ी है )
( वाह !क्या शांति है )
( यह हैं---- द फेमस वानखेड़े स्टेडियम )
(लोकल से खीचा चित्र )
( यह हे फेमस वानखेड़े स्टेडियम के अन्दर का द्रश्य )
* जिसने हमे वर्ड -कप दिलवाया *
( वानखेड़े स्टेडियम अन्दर से )
( वानखेड़े स्टेडियम अन्दर से )
( वानखेड़े स्टेडियम अन्दर का द्रश्य )
( बेटा सन्नी ~~ IPL मेच के दौरान )
( MALINGA FEVER ): सन्नी IPL के मैच के दौरान )
( दोस्तों के साथ ~~~मस्ती )
( दोस्तों के साथ ~~~मस्ती )
( टिकिट IPL मैच - दिल्ली डेर डेविल्स एंड मुम्बई इंडियंस का )
( राहुल गांधी भी बैठे लोकल मे~~~~राजनेतिक फंडा है जी )
(सुनसान चर्चगेट स्टेशन ~~आज सन्डे है भाई )
( यह है पश्चिम रेलवे (मुंबई लोकल ) का पहला स्टाप )
(चर्चगेट स्टेशंन का अंदर का द्रश्य )
( दिन में भी रात का आभास होता है )
( फ्लोरा फाउन्टेन )
( शहीदों की याद में )
( यह है TATA और BSNL टावर )
यह है फेशन -स्ट्रीट ~~यहाँ कभी -कभी स्टार भी कपडे खरीदते हुए दिख जाते है -- TVस्टार्स तो घूमते ही रहते है ..
( यह है मरीन ड्राइव, मुंबई )
( चौपाटी पर चहल -पहल जारी है )
( मरीन ड्राइव, मुंबई )
आज सन्डे है इसलिए सड़के खाली है
( रोज यह हाल होता है ,गाडियों की कतारे पता नही जा कहाँ रही है ? )
( सूर्य अस्त का लाजबाब द्रश्य )
( खुबसुरत भास्कर~~~ अलविदा दोस्त .कल फिर मिलेंगे )
(तेज हवाओं ने सर के चार बाल भी उड़ा दिए...जनाब )
यह है मरींन ड्राइव का खुबसुरत नजारा ...वो देखिए ..मै दिखाई दे रही हूँ
(गिरगांव चौपाटी ,हैंगिंग गार्डन से लिया चित्र )
यह है हैंगिंग गार्डन , निक्की और जेस ,करन ,इन्दर ,और अरुण !
१९९८ की एक यादगार
( यह है फेमस बूट -हाउस ~~हेंगिंग गार्डन )
और यह है क्विन - नेकलेस ! बम्बई रात की बांहों में
( हाजीअली ! ~~~ फोटू गूगल )
( 22 साल पुराना चित्र मिस्टर की गोद में जेस )
* चित्र ताज महल होटल के पास के गार्डन का *
और फिर इस गीत के बगेर बाम्बे का हाल कुछ अधुरा लगता है --
रफी साहेब की आवाज का जादू --
( फ्लोरा फाउन्टेन )
( शहीदों की याद में )
( यह है TATA और BSNL टावर )
यह है फेशन -स्ट्रीट ~~यहाँ कभी -कभी स्टार भी कपडे खरीदते हुए दिख जाते है -- TVस्टार्स तो घूमते ही रहते है ..
यहाँ काफी भीड़ रहती है और फेशने बुल कपडे मिलते है --सन्डे को यहाँ बाजार लगता है --वेसे हर दिन बाज़ार रहता है पर सन्डे को जरा ज्यादा भीड़ रहती है --
( यह है मरीन ड्राइव, मुंबई )
( चौपाटी पर चहल -पहल जारी है )
( मरीन ड्राइव, मुंबई )
आज सन्डे है इसलिए सड़के खाली है
( रोज यह हाल होता है ,गाडियों की कतारे पता नही जा कहाँ रही है ? )
( सूर्य अस्त का लाजबाब द्रश्य )
( खुबसुरत भास्कर~~~ अलविदा दोस्त .कल फिर मिलेंगे )
(तेज हवाओं ने सर के चार बाल भी उड़ा दिए...जनाब )
( यह है मछली घर यहाँ टिकट लगता है २५ रु.कई बार गई हूँ इस बार नही जाउंगी ...वेसे यहाँ बड़ी सुंदर मछलिया है --यदि आप यहाँ का प्रोग्राम बनाओ तो जरुर देखे .. )
यह है मरींन ड्राइव का खुबसुरत नजारा ...वो देखिए ..मै दिखाई दे रही हूँ
(गिरगांव चौपाटी ,हैंगिंग गार्डन से लिया चित्र )
यह है हैंगिंग गार्डन , निक्की और जेस ,करन ,इन्दर ,और अरुण !
१९९८ की एक यादगार
( यह है फेमस बूट -हाउस ~~हेंगिंग गार्डन )
और यह है क्विन - नेकलेस ! बम्बई रात की बांहों में
( विक्टोरिया टर्मिनस यानी कल का VT आज का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस )
अगली बार आपको जुहू , हरे रामा हरे कृष्णा मन्दिर ,गेट वे आफ इण्डिया और हाजी अली घुमाँउंगी ---
( हाजीअली ! ~~~ फोटू गूगल )
( 22 साल पुराना चित्र मिस्टर की गोद में जेस )
* चित्र ताज महल होटल के पास के गार्डन का *
और फिर इस गीत के बगेर बाम्बे का हाल कुछ अधुरा लगता है --
रफी साहेब की आवाज का जादू --
जारी .....
जरा हटके जरा बचके
जवाब देंहटाएंये है बम्बई मेरी जान.
दर्शन जी आप भी बहुत मूडी है.जब मैंने कहा सैर कराने ले चलो तो आपने कहा नहीं.जब विशाल भाई ने कहा तो आपने कहा यह लो.
कोई बात नही आप सैर कराने तो लेकर चल ही पड़ी हैं,वो भी बम्बई की .राम राम बड़े लोग बड़ी बातें.पर हम तो आपके साथ हैं.फिर तो मौज ही मौज है.'सन्नी'को देख बहुत अच्छा लगा.बहुत मेहनत करता है वह अपनी पोस्ट लिखने में.मै तो कायल हूँ उसका.
अच्छा यात्रा वर्णन करती हैं आप बहुत ही सजीव चित्रण किया है बहुत बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआपने अपनी यात्रा का खूब आनंद उठाया।
जवाब देंहटाएंदर्शन कौर जी आपका यह बाम्बे ( क्षमा कीजिये राज ठाकरे जी) मुंबई दर्शन पहले रेल फिर खेल बहुत अच्छा लगा आभार
जवाब देंहटाएंवैसे हूं तो दिल्ली में, लेकिन लग रहा है कि बस अभी मुंबई से वापस लौटा हूं। बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंवाह..वाह!
जवाब देंहटाएंदर्शन जी आपने तो खूबसूरत चित्रों के द्वारा
हमें भी पूरी मुम्बई के दर्शन करा दिये!
आपने बड़े विस्तार से मुंबई के बारे में बताया । नई लोकल तो बिल्कुल मेट्रो जैसी लग रही है । लेकिन हमें तो दिल्ली से बढ़िया कहीं नहीं लगता जी ।
जवाब देंहटाएंThe Meaning of : "MUM-BA-I"
जवाब देंहटाएंIn English we call her : "MUM"
In Gujarati we call her : "BA"
In Marathi we call her : "I"
Thus Mumbai means : "Mother"
मेरी टिपण्णी कहाँ हैं 'दर्शी'जी. ये बॉम्बे वाले भी बड़े 'वो' है.
जवाब देंहटाएंकहीं भीड़ में ही तो न खो दी है आपने मेरी टिपण्णी को .
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति भी आज के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
आपने तो पूरे बाम्बे की सैर करा दी,
जवाब देंहटाएंमैं भी अभी तक यहाँ नहीं गया हूँ, आप तो पास में रहती है,
आपने एक बात ठीक कही संडे वाली, हम जब भी यहाँ आयेगे तो संडे तो जरुर शामिल रहेगा,
आपकी अगली किश्त का इंतजार रहेगा।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं@जाट जी,जरुर ...सन्डे को बड़ा आराम रहता है ..
जवाब देंहटाएंराकेश जी,कल की सारी टिपण्णी ब्लोगर जी हजम कर गए --डकार भी नही ली --आज दुबारा पोस्ट की है ;..
जवाब देंहटाएंक्या जबरदस्त सैर कराई है मुझे भी याद आ गए अपने दिन....
जवाब देंहटाएंओह!
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट से तो पुराने सारे कमेंट गायब हो गये!
--
खुशी इस बात की है कि पोस्ट वापिस आ गई!
--
दर्शन जी मुम्बई दर्शन कराने के लिए आपका आभार!
मुंबई की तस्वीरों का जवाब नहीं.
जवाब देंहटाएंLovely pics. Nice reporting.
जवाब देंहटाएंदर्शन जी मुम्बई आपकी नजरों से देखने पर और भी खूबसूरत दिखाई देती है... और आखिर में सुहाना सा गीत चार चाँद लगा देता है....
जवाब देंहटाएंअच्छी पोस्ट है…
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट से तो पुराने सारे कमेंट गायब हो गये!
जवाब देंहटाएं@ बाम्बे की सैर करा दी....
जवाब देंहटाएंमजेदार रही आपके साथ मुंबई की सैर ...दर्शन आंटी ...थैंक यू
जवाब देंहटाएंदर्शन जी मुम्बई की यह सचित्र सैर बहुत पसंद आई ! और अंत में इतने मधुर गीत से समापन कर आपने आज के दिन की बड़ी मीठी शुरुआत करवा दी ! अगली कड़ी का इंतज़ार रहेगा ! बधाई एवं शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंएक सण्डे जाट के नाम।
जवाब देंहटाएंजरुर नीरज तुम्हारा स्वागत है ...
जवाब देंहटाएंदर्शी जी,
जवाब देंहटाएंबहुत आभार आपका मेरी फरमायश पूरी करने के लिए.
मुम्बई आप जैसे बड़े दिल वालों की नगरी है.
बहुत ही खूबसूरत रहा यह सफरनामा.
विशाल जी के कहने से ही सही, हमे भी मुंबई के बारे मे आकर्षक चित्र और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गयी। शेयर करने के लिए आभार !
जवाब देंहटाएंवैसे तो मुझे कभी मुंबई जाने का मौका नही मिला पर आपकी पोस्ट के माध्यम से अब मैंने भी मुंबई की शैर कर लिया | धन्यवाद | आप जैसे लोगो की वजह से ही मैं ब्लॉग की दुनिया से खुद को अलग नहीं कर पा रहा हूँ एक बार फिर से अच्छी पोस्ट के लिए आभार |
जवाब देंहटाएंअब समझ में आया आपको पहाड़,झरने,नदियाँ,जंगल इतने अच्छे क्यों लगते हैं. मुम्बई की भागदौड़ से भागने का मन तो करता ही होगा न !! वैसे हमारे लिए "बम्बोई " (राजस्थान के गावों में ऐसे ही उच्चारण करते हैं ) दूर की ही बात है !! आपके साथ हमने भी "बम्बोई " का मिजाज समझने की कोशिश की !! धन्यवाद !!
जवाब देंहटाएंसन्नी फिल्मों में ट्राई क्यों नहीं करता ?? शुरू में तो मैं उसे कोई हीरो ही समझ बैठा!!
ये है मुम्बई मेरी जान,बहुत बढ़िया सैर करायी आप ने
जवाब देंहटाएंबढ़िया सैर बुआ। मजा आ गया।
जवाब देंहटाएं