इस दिल की लगी को तुम तब पहचानोगे ?
जब ' इश्क 'तुम्हे हो जाएगा
तुम मेरी तरह बन जाओगे
जब प्यार का बादल बरसेगा
तुम मेरी तरह तर जाओगे
जब इश्क तुम्हे हो जाएगा ..!
तुम मेरी तरह बन जाओगे ..!
जब किरणों में ठंडक होगी !
जब भंवरो में गुंजन होगी !
जब फूलो पे बहारे होगी !
जब नदियो में लहरे होगी !
तब इश्क तुम्हे हो जाएगा !
तुम मेरी तरह बन जाओगे !
तुम बादल बन जाना --
मैं मेधा बन बरसुंगी --
तुम पवन बन जाना --
मैं झोंका बन जाउंगी --
तुम मोसम बन जाना --
मैं ऋतू बन आउंगी --
तुम मयूर बन जाना --
मैं कोयल बन गाऊँगी --
तुम सागर बन जाना --
मैं नदी बन मिल जाउंगी --
तुम याद बन जाना --
मैं सीने से लग जाउंगी --
जब तुम्हे इश्क हो जाएगा
तुम मेरी तरह बन जाओगे !
वो इश्क जो दुनिया को भुला दे !
वो इश्क जो नहरों को खुदवा दे !
वो इश्क जो पहाडो को कटवा दे !
वो इश्क जो फूलो को खिला दे !
वो इश्क जो खुदा से मिला दे !
जब इ श्क तुम्हे हो जाएगा !
तुम मेरी तरह बन जाओगे !
इस दिल की लगी को तुम तब पहचानोगे
जब इश्क तुम्हे हो जाएगा !
तुम मेरी तरह बन जाओगे ...!
29 टिप्पणियां:
@दोस्तों, कम्प्यूटरजी की मेहरबानी के रहते इतने दिन आपसे दूर रही ...जल्दी ही बाम्बे की अगली कड़ी लेकर आउंगी ...धन्यवाद !
"ye isq nahi aasaan,
aag ka dariya hai,
uss paar jana hai"
hai na..........:)
sach me aap ne jab ye rachna likhi lagta hai, ek dum se apne ko uss purane jeevan ke mor pe pahucha diya...:)...
bahut dino se aap dikhe nahi,...
lekin aate hi aapne ek shandaar agaaj kiya..!
प्रेम ही प्रेम..बहुत ही सुंदर रचना।
Khuda-ye ishk ko salam
Khuda-ye ishk ko salam
Khuda-ye ishk ko salam
Khuda-ye ishk ko salam
तुम मेरी तरह बन जाओगे ...!
वाह .. बहुत खूब कहा है आपने इस अभिव्यक्ति में बेहतरीन ।
इस दिल की लगी को तुम तब पहचानोगे
जब ईश्क तुम्हे हो जाएगा !
तुम मेरी तरह बन जाओगे ...!
ना ना करते आखिर आपने 'इश्क'करा ही दिया दर्शी जी.
तडफ रहें हैं अब तो.
इंतजार है,बेकरारी है
तौबा ये इश्क है या कोई गंभीर बिमारी है.
क्या कोई इसका इलाज भी है आपके पास ?
क्या कहूं.. वकाई बहुत सुंदर
बहुत सुन्दर । दिल के सारे अहसास उंडेल दिए जी ।
कुछ व्यक्तिगत कारणों से पिछले 20 दिनों से ब्लॉग से दूर था
इसी कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका !
अमीर खुसरो कह गए हैं…
खुसरो दरिया प्रेम की वां की उलटी धार,
जो उतरा सो डूब गया, जो डूबा सो पार।
मस्त कविता रची है। मजा आ गया।
hum to ho gae aapke diwane....maa...aap mane ya na maane............mujhe aapse ho gaya ishq...ab aap hi jaane
जब ईश्क तुम्हे हो जाएगा !
तुम मेरी तरह बन जाओगे ...!
वाह .. बहुत खूब .... प्रेम की सुंदर अभिव्यक्ति...........
बहुत सुंदर रचना दर्शनजी.... कोमल प्यारे भाव
इस दिल की लगी को तुम तब पहचानोगे
जब ईश्क तुम्हे हो जाएगा !
तुम मेरी तरह बन जाओगे ...!
यही तो प्रेम की चरम परिणति है ..!
behtreen prastuti...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
बेहतरीन अभिव्यक्ति जज्बातों की..
बहुत बढिया .. आपके इस पोस्ट की चर्चा आज की ब्लॉग4वार्ता में की गयी है !!
कल "शनिवासरीय चर्चा" में आपके ब्लाग की "स्पेशल काव्यमयी चर्चा" की जा रही है...आप आये और अपने सुंदर पोस्टों की सुंदर काव्यमयी चर्चा देखे और अपने सुझावों से अवगत कराये......at http://charchamanch.blogspot.com/
(25.06.2011)
बहुत सुन्दर ...
अचानक ही एक शेर याद आगया ... ग़ालिब कहते हैं
इश्क ने ग़ालिब निकम्मा हमको कर दिया
वरना हम भी आदमी थे काम के ..
वाकई ..कमाल की लेखनी ....बधाई
बहुत ही सुन्दर गज़ल लिखी है आपने!
दिल की लगी और दिल्लगी शै ही ऐसी है
शैतान को भी भगवान बना दे.
दुनाली पर देखें
बाप की अदालत में सचिन तेंदुलकर
इतनी सुन्दर रचना और इतने सारे सुन्दर कमेंट...समझ में नहीं आता कि हम क्या लिखें इसपर... बस वाह! वाह! वाह!
हम तो यही कहेंगे यह इश्क इश्क है इश्क ...........
मेरे जैसे हो जाओगे जब इश्क तुम्हें हो जाएगा ,
दीवारों से टकराओगे जब इश्क तुम्हें हो जाएगा ।
अच्छी भाव पूर्ण समर्पण भाव की प्रस्तुति .
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