मेरे अरमान.. मेरे सपने..

बुधवार, 16 नवंबर 2011

यादों का समुंदर..




यादों का समुंदर..



तन्हाईयो में जब -जब  तेरी यादों से मिली हूँ !
महसूस हुआ हैं की तुझे देख रही हूँ *******!



यादों के समुंदर में तैरती हुई -उभरती हुई ---
बहुत आगे निकल चुकी थी की ---
अचानक !लहरों ने पीछे धकेल दिया ---
-- डर गई --?
पीछे गुजरा हुआ जमाना था --?
बहुत अदभुत और सुहाना था --?
पर दुखदायी भी था  






 खुला आकाश !
खुला मंज़र !
न किसी की चाहत !
न किसी का इंतजार !
न रूठना !
न मनाना !
न कोई रवानगी !
न कोई फ़साना !
कोई हलचल न थी --?
कोई कोलाहल न था !
युही कारंवा बढ़ता रहा --
मंजिले आती रही --
मेहरबा छुटते रहे --








---फिर अचानक ---
तुमसे मुलाक़ात हुई --
बात हुई --
चाह हुई --
इज़हार हुआ --
इकरार हुआ --
कदम से कदम मिले --
हम राह बने --
फूल खिलने लगे --
पक्षी चहचहाने लगे --
हम युही चलते रहे --


!!अचानक !!
ठोकर लगी 
हाथ छुट गया --
लाख कोशिश की पर वो मिल न सका --
मिला सिर्फ अंधकार !
सूनापन !!
सन्नाटा !!




आँखे खोलती हूँ तो मुझे रात के सन्नाटे डसते हैं ?
बंद करती हूँ तो और भी जबड़े में कसते हैं ?
भागती हूँ 
चिल्लाती हूँ  
अरे, "कोई हैं "
अपने ही शौर  में आवाज़ गुम हो जाती हैं 
लगता हैं कोई गला दबा रहा हो ?
आंखे उबल पड़ी हैं 
"तुम ,कहाँ हो प्रिये !"
साँसे, उखड़ने लगी हैं 
हाथ -पैर मारने लगती हूँ --
अचानक! तंद्रा भंग हुई --






ऐसा लगा मानो कोई सपना देख रही थी ?
यादों के समुंदर में गोता खाती हुई न जाने कितनी दूर निकल गई थी 
हौले -हौले बाहर आने लगी --
दूर क्षितिज में सूरज डूब  रहा था --
 सारी कायनात ने सिंदूरी चादर ओढ़ ली थी --
लहरें थकीं -थकीं लौट रही थी --
****और मैं****
बालू में धसी नन्ही -नन्ही सीपों को,
मुंह खोलते-बंद होते हुए देख रही थी-- ?
"क्या कभी कोई बारिश की पहली बूंद इनके मुंह में जाएगी "
जहाँ से एक सच्चा मोती बनकर बाहर आएगा -- ?
या 
हमेशा की तरह इनमें बना मोती 'झूठा' साबित होगा ???


     
कुछ लोग पास रहकर भी याद नहीं आते ?
कुछ लोग दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते ?
    
* सारे चित्र --गूगल से सभार     

27 टिप्‍पणियां:

  1. कुछ लोग पास रहकर भी याद नहीं आते ?
    कुछ लोग दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते ?
    sach hai

    जवाब देंहटाएं
  2. !!अचानक !!
    ठोकर लगी
    हाथ छुट गया --
    लाख कोशिश की पर वो मिल न सका --
    मिला सिर्फ अंधकार !
    सूनापन !!
    सन्नाटा !!

    उफ़! यह क्या हो गया दर्शी जी.
    सुखान्त के दरस की आशा का ऐसा दुखांत.
    नियति के हाथ सभी मजबूर है.

    भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए हार्दिक आभार.

    जवाब देंहटाएं
  3. badi khubsurat yaad hai aapki...:)
    par koi nahi
    jindagi hai
    to pyar hai
    pyar hai
    to
    thokaren bhi hai
    aur fir
    fir se milan bhi hai.......:))))

    khubsurat rachna Darshan jee:)

    जवाब देंहटाएं
  4. सुदर भाव,सुन्दर प्रस्तुति...

    जवाब देंहटाएं
  5. यादों का मंज़र ... लगा कि स्वप्न चल रहा है ..खूबसूरत प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  6. तन्हाईयो में जब -जब तेरी यादों से मिली हूँ !
    महसूस हुआ हैं की तुझे देख रही हूँ *******!bhauyt hi khubsurat..... ehsaas ki rachna...

    जवाब देंहटाएं
  7. कुछ लोग पास रहकर भी याद नहीं आते ?
    कुछ लोग दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते ?

    ...लाज़वाब...बहुत भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति...

    जवाब देंहटाएं
  8. प्यार के मनोभावों मेन मिलने बिछड़ जाने की भावनाओं को आपने बहुत ही खूबसूरती के साथ उकेरा साथ के आपकी इस अभिव्यक्ति की अंतिम पंक्तियों ने दिल छु लिया" कुछ लोग पास रहकर भी याद नहीं आते ?
    कुछ लोग दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते"
    बहुत खूब लजावाब प्रस्तुति समय मिले कभी तो आयेगा मेरी भी पोस्ट पर आपका स्वागत है :-)

    जवाब देंहटाएं
  9. जिंदगी की तरह अनेक उतार चढाव लिए सुन्दर रचना ।

    जवाब देंहटाएं
  10. यह अचानक क्या हो गया यही नहीं होना था सुदर भावाव्यक्ति बधाई

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति..

    जवाब देंहटाएं
  12. आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें
    चर्चा मंच-701:चर्चाकार-दिलबाग विर्क

    जवाब देंहटाएं
  13. दर्शन जी यूँ लगा जैसे एक ज़िन्दगी का सफ़र तय कर लिया हो………………बहुत खूबसूरती से भावों को संजोया है।

    जवाब देंहटाएं
  14. कुछ लोग पास रहकर भी याद नहीं आते ?
    कुछ लोग दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते ?

    वाह बहुत सुन्दर रचना
    सादर बधाई

    जवाब देंहटाएं
  15. कई सरे भाव समेटे है रचना खुद में ...जिंदगी के उतार चड़ाव के बीच कुछ है जो नहीं छूटता.

    जवाब देंहटाएं
  16. यादें ऐसी ही तो हैं...
    जो बस गयीं हृदय में तो भुलाये नहीं भूलतीं!

    जवाब देंहटाएं
  17. कुछ लोग पास रहकर भी याद नहीं आते ?
    कुछ लोग दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते ?

    वाह बहुत सुन्दर रचना......

    जवाब देंहटाएं
  18. कुछ लोग पास रहकर भी याद नहीं आते ?
    कुछ लोग दूर रहकर भी भुलाए नहीं जाते ?

    Bahut Gahari kahi..... sunder rachna

    जवाब देंहटाएं
  19. ओ दर्शी जी ....आप तो मेरेको ये बताओ की
    खूबसूरत तस्वीरें इतनी कैसे लगा लेती हैं आप .....
    मुझे तो समझ नहीं आता की इन तस्वीरों में डूबूं या आपकी कविता में ....:))

    जवाब देंहटाएं

जिन्दगी तो मिल गई थी चाही या अनचाही !
बीच में यह तुम कहाँ से मिल गए राही ......