हम ५ जुलाई 2010 को गोल्डन टेम्पल एक्सप्रेस से बाम्बे से अम्रतसर जाने के लिए रवाना हुए |दो दिन का लंबा सफ़र था ,साथी अच्छे मिले ,सफ़र अच्छा गुजर गया | 8 जुलाई को सुबह छः बजे दरबार साहिब पहुँच गए | सरोवर मै नहाकर हम दरबार साहिब के अन्दर पहुंचे | एकदम शांत वातावरण था ...रूह को शांति देने वाला |
Awesummm
जवाब देंहटाएंThank you.. :)
जवाब देंहटाएंआपके अरमानों का स्वागत है दर्शन जी ....
जवाब देंहटाएंस्वर्ण मंदिर की बहुत सुंदर तसवीरें लगाई हैं ....
काफी अरसा हो गया ...(शायद २० साल) गए को ....
मामूली सी यादें हैं अब तो ....
काफी कुछ बदल गया होगा अब तो ....
हर किरता जी, मेरे ब्लाक पर आने के लिये बहुत -बहुत शुक्रिया |
जवाब देंहटाएंअपनी पहली कोशिश 'बाबाजी 'को अर्पित है धन्यबाद |