मेरे अरमान.. मेरे सपने..

मंगलवार, 1 मार्च 2011

शादी !!

अपनी बचपन की सखी रुकमा के बेटे की शादी में    शामिल होने इंदौर शहर गई थी उसी की कुछ झलकियाँ :-    


(दूल्हा और मै )


शादी में हमने  खूब  घूम मचाई ! 
बहुत नाची और ढेरो बधाई गाई !
रुकमा के लड़के की पहले थी सगाई,
फिर शादी और उसके बाद बिदाई  --|



(दुल्हे की  मेहँदी )




मेहँदी से सजाए हाथ ---
हल्दी ने रोनक चडाई --
चूडियो की खनखनाहट हे--
ख़ुशी का माहोल हे भाई--|

गाजे -बाजे के साथ पहले निकली बारात  
नाच रहा था श्रीपद  ,गोरव  और प्रताप ---
मित्र अतुल,सिध्दार्थ, हिमांशु ने बांधा साफा
भाई पंकज ,करन ने भी मिलकर दिया तोहफा  


(मै और रुकमा नाचते हुए ) 


मामा लक्षमण, नंदू, उमेश का था बुरा हाल,
भतीजे की शादी हे काम दुगना हो गया यार !   
मोसी शीला - विनोद थे परेशांन
कोई अडचन न आ जाए मेरी जान -! 
     
सेहरा बाँधा प्रणीत को दिया मुंह  में बीड़ा,  
चने खिलाकर बहनों ने दिया  घोडी पर चडा,  
नेग माँग कर भाभियों ने फिर रश्मे निभाई
शादी हें मेरे भाई की सिम्पी ने ठुनकी लगाई |

(दूल्हा - दुल्हन और मै  ) 



बढ़िया , शेरवानी थी लाल,
उस पर खूब फब रहा था गुलाल,
आगे -आगे बैंड -बाजे
पीछे थे  बराती
नाचने में मग्न स्तुति ,
गरिमा और प्राची,


(स्टेज पर सब नाचते हुए )



निक्की, सिम्पी और जस्सी,
इन्होने भी खूब धूम मचाई
अमन -नमन ने शर्त ये लगाई
कौन अच्छा नाचेगा कौन दुल्हे का  भाई


(बारात का मनमोहक द्रश्य )


कार्तिक और सोम्या दुल्हे के संग 
दुल्हे के हमजोली ,दुल्हे  के अंग 
घोड़ी पर आगे बेठे हे---
खुद को दूल्हा समझ कर -- 


फूल और माला से प्रणित का है बुरा हाल,
शादी क्या हे ये तो हो गई मेरे जी का जंजाल--


(दुल्हे के मामा -मामी )




दुल्हन पुरवा पर क्या नूर बरपा है --
हल्दी और मेहँदी का खूब रंग चडा है --
है शर्म से आँखे नम--- 
चेहरा भी गुलाबी जान पड़ा है --
कुछ मत पूछो यारो ---
दूल्हा हीरा  हे 
तो दूलहन सोना हें--



(शादी में रुकमा के गुरु जी का आगमन )


                          
रुकमा, तुझे आज मै देती हु बधाईयाँ --
दूल्हा और दुल्हन दोनों बंधे रहे
प्यार की इक डोर से 
तुम्हारे  दिलो में 
कभी भी न मेल आए--  
मेरी शुभकामना हमेशा आपस में स्नेह बना  रहे -


(पुरवा  और प्रणीत मुंदडा  )



प्रणीत  -पुरवा मेरी तुमसे यही इल्तजा है-- 
मेरी सखी  रुकमा का ख्याल हमेशा रखना--- 
आदर -सत्कार से उसकी झोली भरते रहना--- 
माँ जीवन में सिर्फ --इक बार मिलती हे-- 
उसकी ममता की लाज बनाए रखना --
आँखों से आंसू बहने न देना ---
पैरो  में प्यार का सागर बहा देना --
यही  तुम्हारे जीवन की सार्थकता है --
ओर मेरी -और- रुकमा के जीवन की उपलब्धी है -


(मै और मेरे भाई का परिवार)

(मै,दुल्हे की दोनों मामी और मोसी (सुबह का टाईम )    


(रात का टाईम ) भाभी का परिवार )

नोट :-   खाने के द्रश्य नीरज जाट के कहने पर लगाए हे धन्यवाद |


29 टिप्‍पणियां:

  1. अपनी काव्यमयी सुन्दर प्रस्तुति से आपने पूरे विवाह को सचित्र व सविस्तार जीवन्त कर दिया । अच्छा प्रयास, अच्छी प्रस्तुति...

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  2. अरे वाह , आपने पूरा सेहरा गा दिया ।
    सही सहेली का धर्म निभाया जी ।

    दूल्हा दुल्हन को बधाई और शुभकामनायें ।

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  3. इतनी शानदार शादी में क्या खाने पीने का इंतजाम नहीं था। मैं तो ऊपर से पढता-पढता नीचे तलक आ गया लेकिन कोई भी खाता-पीता नहीं दिखा। क्या सभी बाराती और घराती डाइटिंग पर चल रहे हैं?

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  4. नीरज जाट जी,आने का बहुत -बहुत धन्यवाद |
    जबसे राजीव जी ने कहा हे की आप खाती बहुत हे तबसे खाने के बारे में लिखने में थोडा -सा कंजूसी कर जाती हु |

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  5. @ डॉ. साहेब सेहरे के लिए धन्यवाद |
    @ डॉ. मोनिका जी धन्यवाद |
    @ रश्मि जी धन्यवाद |
    @ सुशिल जी धन्यवाद |

    सबको मेरी ख़ुशी में साम्मिल होने के लिए दिल से अभिनंदन |

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  6. अरे भाई रिपोर्टर साहब । शादी में तो दावत का ही मजा है ।
    दुल्हा को दुल्हिन । दुल्हिन को दूल्हा । मिलता है । हम तो दावत
    की ही मौज उङाते है ।भाई नीरज जाट जी,सही कह रहे हैं । डांस
    तो आपका देख ही लिया । माल मिष्ठान के बिना मजा कैसा ।
    वैसे मैंने दो तीन बार आपकी अनुस्पस्थिति में यही सोचा ।
    रिपोर्टर साहब फ़िर कहीं पर्यटन करने चले गये ।

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  7. दूल्हा और दुल्हन दोनों बंधे रहे
    प्यार की इक डोर से
    तुम्हारे दिलो में
    कभी भी न मेल आए--
    मेरी शुभकामना हमेशा आपस में स्नेह बना रहे -

    kuchh aise hi subhkamnayen hamare dil se bhi nikal rahe hain..:)

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  8. Very innovative and cool post.Keep posting such different kind of blogs.

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  9. अरे दर्शन जी ,
    सहेली हो तो आप जैसी ......
    मन खुश हो गया तसवीरें देख .....
    पुरवा अपने नाम की तरह खिली रहे ....महकती रहे ...
    प्रणित भी इस प्रणय के बंधन को जिम्मेदारी से निभाए ....
    दुआ है ....

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  10. रंग बिरंगे चित्रों से सजी पोस्ट बहुत अच्छी लगी । आज उपवास है , खाने की प्लेट देखकर भूख लग आई । वर वधु को शुभकामनाएं ।

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  11. @ राजीव जी इसी लिए मेने फटाफट दो फोटू लगा ही दिए --माल मिष्टान वगेर केसी शादी !

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  12. @हरकीरत जी धन्यवाद |
    @दिव्या जी धन्यवाद |
    @ मुकेश जी धन्यवाद |
    @काजल जी पहली बार आए आपका स्वागत हे |
    @श्वान जी पहली बार आए हे आपका स्वागत |

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  13. Sunder Tasweeren ..rochak prastuti..
    वर वधु को शुभकामनाएं

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  14. आनंद आ गया ...आप सबका जीवन यूँ ही खुशियों से भरपूर रहे वर और वधु को भावी सुखी जीवन की हार्दिक शुभकामनायें

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  15. बहुत सुन्दर चित्र खींचा है आपने शादी का.साथ में काव्यमयी प्रस्तुति.
    तभी आप अनुपस्थित रही इतने दिनों.
    salaam.

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  16. आपका यह अपनापन भा गया ...इस बेहतरीन सचित्र प्रस्‍तुति के लिये बधाई के साथ शुभकामनाएं ..आप यूं ही हमेशा अपनों के करीब रहें ।

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  17. दूल्हा और दुल्हन दोनों बंधे रहे
    प्यार की इक डोर से
    तुम्हारे दिलो में
    कभी भी न मेल आए--
    हमारी ओर से भी दोनों को शुभकामनायें

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  18. @Sadaji,dhanyvaad|
    @Sunilji dhanyvaad|
    @surendra ji dhanyvaad|
    @Amrendrajidhanyvaad|
    @vivek dhanyvaad| isi tarah aate rhe ....

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  19. काव्यमयी प्रस्तुति और शादी के चित्र भी , सब बहुत बढ़िया है.

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  20. दर्शन जी,
    आपने तो सचमुच में ही दर्शन करा दिए एक लाजबाब शादी के .
    आपकी उमंग और रसपूर्ण चित्रण ने अभिभूत कर दिया मन को .
    और फिर आपका यह कहना कि "माँ जीवन में सिर्फ एक बार मिलती है ,उसकी ममता की लाज बनाये रखना " तो दिल को छू गया .
    मेरे ब्लॉग 'मनसा वाचा कर्मणा ' पर आपका स्वागत है.

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जिन्दगी तो मिल गई थी चाही या अनचाही !
बीच में यह तुम कहाँ से मिल गए राही ......