"पांडवकडा वॉटर फॉल "
खारघर की सैर
7 सितम्बर 2014
आज आपको नवी मुंबई की सैर कराती हूँ ----
हम सपरिवार पहुंचे CBD बेलापुर ---ये 'नवी मुंबई ' में है -सिडको ने इसे प्लान से बहुत ही अच्छी तरह से बनाया है ---यह कई सेक्टर में फैला है -- यहाँ का प्राकृतिक नज़ारा देखने काबिल है ---ऊँचे -ऊँचे पहाड़ देखने से किसी हिल स्टेशन का आभास होता है --
मुंबई की जनसँख्या देखते हुये इसे और खारघर को बसाया गया आज यहाँ का रियल स्टेट काफी उँचाई पर हैं --
इतिहास :--
यह नवी मुंबई (खारघर ) में है -- CST (छत्रपति शिवजी टर्मिनस ) से पनवेल जाने वाली हर्बल लाईन से यहाँ पंहुचा जा सकता है -- रोड से भी आप खारघर तक जा सकते है, ये मुंबई- पूना रोड पर आता है ---यहाँ एक गोल्फ ग्राउण्ड भी बना है और सड़क पर एक गुरुद्वारा भी है ---लेकिन यह सिर्फ रैनी सीजन्स में ही रहता है ।
इतिहास :--
यह नवी मुंबई (खारघर ) में है -- CST (छत्रपति शिवजी टर्मिनस ) से पनवेल जाने वाली हर्बल लाईन से यहाँ पंहुचा जा सकता है -- रोड से भी आप खारघर तक जा सकते है, ये मुंबई- पूना रोड पर आता है ---यहाँ एक गोल्फ ग्राउण्ड भी बना है और सड़क पर एक गुरुद्वारा भी है ---लेकिन यह सिर्फ रैनी सीजन्स में ही रहता है ।
आज आपको बेलापुर से लगा दूसरा स्टेशन "खारघर "ले चलती हूँ यहाँ बारिश के मौसम में एक खूबसूरत वॉटर फॉल गिरता हैं जो केवल बारिश के मौसम में ही रहता हैं --- "कहते है की यहाँ पर बनी गुफा में 'पांडव ' अपने अज्ञातवास के दौरान छुपे हुए थे इसलिए ही इसका नाम "पांडवकडा " पड़ा ---
हम जब यहाँ पहुंचे तो 3 बज रहे थे ,कुछ सिपाही यहाँ खड़े लोगो को वॉटर -फॉल जाने के लिए रोक रहे थे ,उनका कहना था की यहाँ 2 लोग ऊपर से गिरे पत्थरो के कारण मर चुके है --काफी भीड़ थी लड़का -लड़कियों के झुंड के झुंड खड़े थे पुलिस वालो से मन्नते हो रही थी हमने भी उनको कहा पर वो मानने वालो में नहीं दिख रहे थे।
आखिर हम उनको छोड़ उदास से पास के गुरद्वारे में चले गए ---आधा घंटा वहाँ बिताकर जब हम वापस उसी स्थान पर आये तो पुलिसमैन जा चुके थे और सारी भीड़ अब अंदर जाती हुई दिखी हम भी एक मिनट की देरी किये फटाफट अंदर को चले गए ---- झरना काफी दूर दिख रहा था ---जाते -जाते बैंड तो बजने वाली थी ----
ये है खारघर का गुरद्वारा
यहाँ है वो फ़ेमस वाटर फॉल (दूर सड़क से दिखाई देता हुआ )
कहते है इस गुफ़ा में पाण्डवाज़ ने अपने अज्ञातवास के कुछ दिन निकले थे
और अब वापसी
वापसी में पाण्डु हवलदार ऊपर आ पहुंच चुके थे हमको भी एक गुस्से भरी नज़र फैंक कर सबको वहां से सिटी बजाकर वापस चलने को बोल रहे थे--शाम के 6 बज रहे थे और हम अब सेंट्रल पार्क घूमने चल दिए --
11 टिप्पणियां:
झरना तो वास्तव मे सुन्दर है लेकिन पत्थर गिरना तो खतरनाक है ! गुफा को देखकर डर लग रहा है ! यहाँ जाने के लिये क्या साधन हैं और कितना दूर है , कृपया यह भी बताएं ....
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 11-9-2014 को चर्चा मंच पर चर्चा -1733 में दिया गया है ।
आभार
डॉ साहेब ,यह नवी मुंबई (खारघर ) में है-- CST (छत्रपति शिवजी टर्मिनस ) से पनवेल जाने वाली हर्बल लाईन से यहाँ पंहुचा जा सकता है -- रोड से भी आप खारघर तक जा सकते है ये मुंबई- पूना रोड पर आता है ---यहाँ एक गोल्फ ग्राउण्ड भी बना है और सड़क पर एक गुरुद्वारा भी ---मार्च में जब मेरे बेटे की शादी इसी गुरद्वारे में हुई थी तो ये व्हाटर फॉल नहीं था --यह सिर्फ रैनी सीजंस में ही होता है -- और इसी झरने के पास से ही ऊपर गुफा में जाने का रास्ता है ,काफी लोग वहां भी चढ़े हुए थे --
Thanx Dilbag---
मस्त झरना है, समधी-समधन को हमारी राम राम कहना और सारी मौज अकेले लेने से हजम नहीं होगी। समझे कि नहीं :)
ललित ,तुम तो मेरे बेटे की शादी में इस गुरूद्वारे में आ चुके हो --- जो पीछे पहाड़ियां थी बस यही से ये झरना शुरू होता है---
बहुत खूब.... झरना वाकई में बहुत सुन्दर हैं....
nice post
http://wwwsanvibhatt.blogspot.in/
nice post
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bahut hee vadiya
welcome to my 100th post :
http://raaz-o-niyaaz.blogspot.com/2014/09/blog-post.html
वाह....मज़ा आ गया इतना सुंदर झरना देखकर. मान कर रहा है अभी दौड़ पड़ें झरने में भीगने के लिए.
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