मेरे अरमान.. मेरे सपने..


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मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012

एक 'कील' हूँ मैं **?









असम्भव की गहरी खाई में गिरी हुई ****
एक 'कील' हूँ मैं ***  ?
साधारण ***
जंग लगी ***
खुद से ही टूटी हुई **
थकी ???
 कमजोर !!!

तुम्हारा  तनिक -सा सपर्श ,,,
मुझे जिन्दगी दे सकता हैं प्रिये !









मुझे उठाकर अपने कॉलर पर सजा लो ****
मैं फूल बनकर खिल जाउंगी !
मुझे उठाकर अपने पहलु में सुला लो ****
 मैं प्रेमिका बनकर लिपट जाउंगी !
मुझे उठाकर अपने सीने में छिपा लो ****
मैं याद बनकर छिप जाउंगी !
मुझे उठाकर अपने प्याले में ढाल लो ****
मैं नशा बनकर छा जाउंगी !
मुझे उठाकर अपनी राह का हमसफ़र बना लो ****
 मैं राह के रोड़े हटा कलियाँ बिखरा दूंगी!
मुझे उठाकर सर का ताज बना लो ****
मैं दुनियां को तुम्हारे क़दमों में झुका दूंगी !





मैं तुम्हे सपनों के हिंडोले में बैठकर ,
तीसरी दुनियां की सैर करवाउंगी !
मैं तुम्हारे क़दमों में आँचल बिछा कर, 
तुम्हें कांटो से बचाउंगी !
मैं तुम्हें मन -मंदिर का देवता बनाकर, 
दिनरात तुम्हारी पूजा करुँगी !
मैं तुम्हें अपना सर्वस्त्र देकर, 
अमर -लता की तरह लिपट जाउंगी !
मैं तुम्हारी ख्वाहिश में ही अपना मंका ढूंढ कर ,
तुम्हारे साथ ही बह जाउंगी !











नजर नहीं आती मुझे कोई मंजिल ?
डोल रही हैं मेरी किश्ती भंवर में,
अगर तेरे प्यार का सहारा मिल जाए तो, 
इस 'जंग' लगी 'कील' का जीवन संवर जाए ...


"तुम्हें अपना बनाना मेरे प्यार की इन्तेहाँ होगी ?
तुमसे बिछड़ना मेरे जीवन की नाकामयाबी ??  " 

  

18 टिप्‍पणियां:

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति। धन्यवाद|

रेखा ने कहा…

सुन्दर चित्रों के साथ ही सुन्दर प्रस्तुति ..

विभूति" ने कहा…

चित्र और भावो का खुबसूरत समायोजन......

केवल राम ने कहा…

तुम्हें अपना बनाना मेरे प्यार की इन्तेहाँ होगी ?
तुमसे बिछड़ना मेरे जीवन की नाकामयाबी ?? "

वाह क्या बात है .....प्रेम की बेहतर अभिव्यक्ति ...!

vidya ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
प्रेम और समर्पण से सराबोर..

सादर.

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत उम्दा ....

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

uff kavi man kya se kya soch leta hai....:)
bahut khubsurat.. bahut pyari rachna...!!
ek keel se khud ko compare kar liya...

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

मैं तेरे इश्क की इंतिहा चाहता हूँ
मेरी सादगी देख मैं क्या चाहता हूँ :)

Maheshwari kaneri ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्तुति...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सार्थक प्रस्तुति!

दिलबागसिंह विर्क ने कहा…

आपकी पोस्ट चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
http://charchamanch.blogspot.com
चर्चा मंच-791:चर्चाकार-दिलबाग विर्क

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

भावपूर्ण चित्र !

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

समर्पण का भाव लिए हुये अच्छी प्रस्तुति

Pallavi saxena ने कहा…

आपकी यह पोस्ट पढ़कर एक पुराना हिन्दी फिल्मी गीत याद आया
"मुझे तेरी मोहोब्बत का सहारा मिल गया होता अगर तूफान नहीं आता किनारा मिल गया होता" बहुत ही सुर भाव संयोजन किया है आपने शुभकामनायें ....

anurag jagdhari ने कहा…

खूबसूरत पोस्ट ...धन्यवाद जी

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

बहुत सुन्दर ...

Rakesh Kumar ने कहा…

"तुम्हें अपना बनाना मेरे प्यार की इन्तेहाँ होगी ?
तुमसे बिछड़ना मेरे जीवन की नाकामयाबी ?? "


कील की भी क्या सुन्दर 'डील' है.
सब अंदर से 'फील'की बात है.
प्यार में 'शील' और समपर्ण न हो तो
प्यार कैसा.

मेरी पोस्ट 'हनुमान लीला-भाग ३'
पर आप क्यूँ नहीं आईं दर्शी जी.
महीने से आपके दरस को तरस गयी.
ऐसे न तरसाया कीजियेगा,प्लीज.