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गुरुवार, 9 अगस्त 2012

जिन्दगी मिलेगी नहीं दुबारा





 * जिन्दगी नहीं मिलेगी दुबारा *


जिन्दगी मिलेगी नहीं दुबारा 
 यु ही कट जायेगी बिन सहारा 
  कभी पैसो का जुगाड़ करते हुए ..
 कभी यू ही खाली पेट सोते हुए ...
जिन्दगी यू ही गुजर जायेगी ...

कभी  बेटी की फ़ीस भरते हुए ....
कभी बेटे की जींस सीते हुए....
कभी ख्वाबों को टूटते हुए ...
कभी तारों को गिनते हुए .... 
जिन्दगी यू ही गुजर जाएगी ..... 

कभी एक कतरा धुप को तरसते हुए ...
कभी एक साडी को तकते हुए ...
कभी सोने की चमक से चुंधियाते हुए ...
कभी रात को लट्टू की रौशनी में नहाते हुए ...
जिन्दगी यू ही गुजर जायेगी ....


कभी सड़कों पर दौडती कारों को देखते हुए ...
कभी नन्ही -आँखें साइकिल को तरसते हुए ..
कभी होटलों से ठहाकों को सुनते हुए ...
कभी एक 'वडा - पाव ' खाते हुए ....
जिन्दगी यू ही गुजर जायेगी ....


कभी एक परिवार को खोते हुए ...
कभी आपस में झगड़ते हुए ....
कभी पराया प्यार छिनते हुए ....
कभी अपनों की ही बलि लेते हुए ...
जिन्दगी यू ही गुजर जायेगी ...

कभी दूध के जुगाड़ में रोते हुए ...
कभी हवस की प्यास बुझाते हुए ...
कभी परिवार को पालते हुए ...
कभी चंद नोटों पर नाचते हुए ...
जिन्दगी यू ही गुजर जायेगी ...

कभी रात -भर कपड़ों को  सीते हुए ...
कभी रात- भर पहरा देते हुए ...
कभी अपनों के लिए रोते हुए...
कभी उम्मीदो के लिए तरसते हुए ... 
जिन्दगी यू ही गुजर जायेगी ...

कभी आंसुओ को पीते हुए ....
कभी हंसी को छिपाते हुए ...
कभी गम को ढोते हुए ... 
कभी ख़ुशी में भी रोते हुए ...
जिन्दगी यू ही गुजर जायेगी ...



कुछ इस तरह से गुजर गई  जिन्दगी जैसे ---
                ता -उम्र किसी दुसरे के घर में रहे हो जैसे ----अज्ञात !




14 टिप्‍पणियां:

सदा ने कहा…

वाह ... बेहतरीन भाव

डॉ टी एस दराल ने कहा…

जिंदगी को यूँ ही गुजरना ही होता है .
बढ़िया लिखा है .

Rakesh Kumar ने कहा…

कभी आंसुओ को पीते हुए ....
कभी हंसी को छिपाते हुए ...
कभी गम को ढोते हुए ...
कभी ख़ुशी में भी रोते हुए ...
जिन्दगी यू ही गुजर जायेगी ...


बहुत अच्छा लिखा है आपने.

कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ.

prerna argal ने कहा…

कभी आंसुओ को पीते हुए ....
कभी हंसी को छिपाते हुए ...
कभी गम को ढोते हुए ...
कभी ख़ुशी में भी रोते हुए ...
जिन्दगी यू ही गुजर जायेगी ...bahut sunder bhav liye ati sunder rachanaa .bahut badhaai aapko.


mere blog per aapka swagat hai .chaar mahine baad phir se shooroo ho payaa hai .kuch probelam aa gai thi.ab phir se mainaap sabke saath hoon.thanks,jaroor padharain,

विभूति" ने कहा…

बहुत ही खुबसूरत
और कोमल भावो की अभिवयक्ति......

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

कोमल भाव लिए रचना..
:-)

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

Man ko jhankrit kar diyaa kavita ne...
Badhayi.
............
कितनी बदल रही है हिन्दी!

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

thanx sada ..

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

dhanywad dr, saheb ...

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

thanx Rakeshji

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

thanx prerna...jindgi mein sab hota rahta hai ....

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

thanx sushama...

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

thanx reena ....

दर्शन कौर धनोय ने कहा…

thanx dr. saheb ...