मेरे अरमान.. मेरे सपने..


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शनिवार, 19 दिसंबर 2015

मैं तुमसे फिर कब मिलूंगी ?


फिर मिलूंगी कब ????











2 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

दर्शन कौर जी, आपकी इस रचना में शब्दों का बहुत सुन्दर संयोजन है जो वास्तव में में दिल को छू रही है। आपकी इस रचना को www.iBlogger.in पर पुनः उपरोक्त पोस्ट की लिंक के साथ प्रकाशित किया जा रहा है। आप अपनी रचना को यहां http://bit.ly/1ODdiP3 पर देख सकती है।

JEEWANTIPS ने कहा…

सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार! मकर संक्रान्ति पर्व की शुभकामनाएँ!

मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...