नैनीझील का सोंदर्य
" आज सिर्फ फोटू खुबसूरत नैनीझील के"
नैनीताल भाग 1, भाग 2, भाग 3, भाग 4, भाग 5 पढने के लिए यहाँ क्लिक करे ...
इतिहास :---
नैनीताल शहर की खोज मिस्टर पी. बैरन ने 1840 में की थी । इस शहर के मध्य में स्थित हैं नैनीझील ,इसका आकर आँख की तरह हैं कहते हैं सती की एक आंख यहाँ गिरी थी ..यह पुरानी मान्यता हैं ...इस झील का रंग कभी हरा तो कभी नीला हो जाता हैं...इसी में नौकायान द्वारा बहुत आन्नद मिलता हैं ...
नैनीताल का इतिहास पोराणिक कथाओ में कितना सच हैं, यह कह नहीं सकते पर यह शहर अंग्रेजों की हुकूमत का साक्षी हैं, यहाँ की हर चीज़ पर अंग्रेजी हुकुमरानो की छाप हैं,यहाँ का माल रोड़ अंग्रेजो ने दो हिस्सों में बाटा था एक निचे का मार्ग जो झील के साथ ही चलता हैं ..जिसे हिन्दुस्तानी इस्तेमाल करते थे ,दूसरा ऊपर का जो वो खुद इस्तेमाल करते थे ,यहाँ हिन्दुस्तानियों को आने की मनाई थी ...
यह हैं दोनों रास्ते ....ऊपर वाला अंगरेजों का निचे वाला हिन्दुस्तानियों का ..आज दोनों पर सिर्फ हिन्दुस्तानी ही चल रहे हैं .....
शाम का सुहाना अंदाज -- मानो पानी में सूरज उतर आया हो ..."ये शाम कुछ अजीब हैं ... "
" हम चार "
किनारे पर नाववाले का इन्तजार करते हुए
"मांग के साथ तुम्हारा मैने मांग लिया संसार "
ग्रीन रंग, ग्रीन पहाड़ियों की वजय से
रुके हुए छोटे छोटे ड्रेगन ,जब झील में चलते हैं तो झील में चार चाँद जड़ जाते हैं
पानी में तैरती ये सफ़ेद बदके, मानो मोती तैर रहे हैं
सरोवर की नगरी
हनुमान जी का इकलोता मंदिर ...जहाँ वो राम भक्ति में लीन हैं
हुस्न पहाड़ो का क्या कहना हैं
हुरे रे रे रे रे रे फुल मस्ती
हम भी किसी से कम नहीं
तैरती नौकाए
झील में मटरगश्ती करके हम चल दिए मालरोड की रंगीनियाँ देखने और नैनी माता के दर्शन करने .....
जारी ----
11 टिप्पणियां:
उम्दा चित्रों से सजी पोस्ट, आभार, सत श्री अकाल
नैनी झील के बहुत सुन्दर चित्र खींचे हैं आपने!
शेयर करने के लिएअ आभार...!
वाह एक से एक सुंदर चित्र
good
naini tal ki khubsurti se rubru karati tumhari tasweere bahut achhi hai , badhai ....
नैनी झील की खूबसूरत तस्वीरें देख कर आनंद आ गया .
साथ हो तो सैर और भी सुहानी हो जाती है .
आज आपने बड़ी पुरानी यादें दिला दीं , बहुत प्यारे फोटो हैं , फोटोग्राफर को धन्यवाद कहियेगा !
मनमोहक तस्वीरें..
सैर और फोटोग्राफी अति सुन्दर !
maasi maa,phir se ek baar ghumaane ke liye thanks.
हूँ........
तो फुल मस्ती मस्ती ही की है आपने.
नैनीताल कभी गया नहीं,
पर आपने जो सैर कराई है वह अविस्मरणीय रहेगी.
बहुत बहुत आभार दर्शी जी.
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