फूलों पे रंग छाया
पेड़ों पे टेसू आया
लो फिर बसंत आया...!
कलियों ने सिर उठाया
भंवरो ने प्यार जताया
लो फिर बसंत आया...!
जाड़े ने दुम दबाया
मौसम ने फिर तपाया
लो फिर बसंत आया..!
कोयल ने चहचहाया
बुगला भी फडफडाया
लो फिर बसंत आया...!
फागुन ने फाग चढाया
होली ने रंग उड़ाया
लो फिर बसंत आया...!
सूरज ने भी गरमाया
कोहरा भी कसमसाया
लो फिर बसंत आया..!
चंदा भी मुस्कुराया
तारा भी टिमटिमाया
लो फिर बसंत आया..!
सरसों को फिर उगाया
मन झूम -झूम के गाया
लो फिर बसंत आया...!
फूलों पे रंग छाया
लो फिर बसंत आया --!!
11 टिप्पणियां:
सुंदर ....बसंतमाई रचना ...शुभकामनायें राजेश जी ...
सुन्दर रचना.... पढ़कर दिल खुश हो गया।
सुंदर भावनायें सुन्दर नवगीत, बसंत के आगमन पर
आ री मिलके किकली पाइए ....मिलके बसंत गीत गाइए
बसन्त पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाएँ!बेहतरीन अभिव्यक्ति.
वाह ! रंग बसंती छा गया।
प्यारी कविता ...शुभ बसंत
बहुत ही प्यारी और भावो को संजोये रचना......
@ सुंदर ....बसंतमाई रचना ...शुभकामनायें राजेश जी ...
आप राजेश नाम कब से रख लिया दर्शी जी ...:))
बसंत आगमन की बधाई ...!!
हम भी चले आए,आपने बुलाया
लो फिर....... बसंत आया
http//guzarish6688.blogspot.com
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