मेरे अरमान.. मेरे सपने..


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शनिवार, 8 अगस्त 2020

सपनों का दर्द

सपनों का दर्द
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मैंने सपनों को चुराकर
तकिये के नीचे छुपा रखे है।
तुम अपनी आंखों को मूंदकर
मेरी अँखियों  में समा जाओ,
मैं तुम्हें सपनों की बस्ती में ले चलूंगी ।।

टूटे चांद के उजाले में,
अपनी बाहों के झूले में
लोरिया गाकर –
तुम्हें झूला झुलाऊंगी।

ओर तकिये के नीचे रखे अपने सपनों को 
हकीकत का जामा पहनाऊँगी।।

तुम मेरे आग़ोश में अपना सर रख देना,
मैं अपनी उंगलियों से तुम्हारा ललाट सहलाऊंगी
फिर कोमल लबों से उन्हें चूमकर 
अपने प्यार की मोहर लगाउंगी ।।

तब तुम मदहोश हो मुझसे लिपट जाआगे,
और मैं अपनी समस्त लज्जा खोकर 
अमर बेल बन तुममें सिमट जाऊंगी।।

तब तकिये के नीचे रखे सारे सपनों को आजाद कर दूँगी,
ओर खुशी के रंग बिखेर तेरी जोगन बन चिल्लाऊंगी___
मुझे तुमसे मोहब्बत है!
मोहब्बत हैं !!
मोहब्बत_है!!!"

____दर्शन के दिल से💝

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