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शुक्रवार, 15 मार्च 2024

कश्मीर फाइल# भाग6

कश्मीर फाईल#6




गुलमर्ग
भाग#2
5 सेप्टेंबर 2023

आज हम गुलमर्ग की सैर करने निकले है। पिछले भाग में हम नीचे से गंडोले में बैठकर ऊपर आ गए थे। अब आगे का आंखों देखा किस्सा जारी:-----
3 हजार 50 मीटर्स ऊपर पहुँच कर हमने एक खुला मैदान देखा। इसको कोंगडोरी कहते हैं। इधर कुछ सेल्फी पॉइंट बना रखे थे।यहाँ भी पोनी वाले घूम रहे थे आगे के पॉइंट दिखाने के लिए पर हमने मना कर दिया ।हमको यही पर अच्छा लग रहा था। इन खूबसूरत वादियों को निहारना ओर ठंडी फिजाओं को सूंघना ही मेरा मकसद था।यहाँ मैं घण्टों बैठ सकती हूं।यहाँ थोड़ी ठंडी भी थी तो धूप में बैठना अच्छा लग रहा था। हम धूप में फोटू खिंचते हुए इधर-उधर घूम रहे थे ।बड़ा ही प्यारा मौसम था। यहाँ कुछ होटल बने हुए थे।काफी लोग घोड़े पर बैठकर न जाने किधर निकल गए कुछ देर दिखते रहे फिर गुम हो गए। इससे आगे फेज़ 2 का गंडोला हैं जो 14 हजार फीट ऊपर हैं अगर वहाँ जाती तो यकीनन बर्फ मिलती पर वो आजकल बन्द हैं उसका मेंटनेस चल रहा है।
यहाँ बैठकर मुझे फ़िल्म का गाना बार बार याद आ रहा था--" कितनी खूबसूरत ये तस्वीर हैं.. ये कश्मीर हैं ...ये कश्मीर हैं।"
हमने यहां बहुत फोटू खिंचे , चलते हुए गंडोले के नीचे खड़े होकर हमने खूब वीडियो बनाई। आते-जाते गंडोले बहुत अच्छे लग रहे थे। काफी देर बाद जब मन भर गया तो लौटने में ही भलाई समझी । उधर घोड़े वाले का भी बार बार फोन आ रहा था तो हम वापस गंडोले में बैठ गए।
गंडोले से वापसी में मुझे बॉम्बे का एक ग्रुप मिला जिसमें सभी युवा थे।उनमें से एक लड़के ने मुझसे पूछा कि आंटी जी, "गंडोले वाली जगह कितनी दूर है? हम पैदल जा सकते हैं।"
मैंने बोला--"जरा भी दूर नही हैं आराम से जा सकते हो।"
उनके पास खड़ा घोड़े वाला मुझे घूर रहा था । उसके बन्धे बकरे जो मैंने खोल दिये थे ☺️ओर मुझे जोर से हंसी आ गई,मानो मैंने सारे घोड़े वालो से अपना बदला ले लिया हो।😂🤣😂

घोड़े से वापस आ रहे थे तो हमने एक पहाड़ी पर एक सुंदर मन्दिर देखा।तब याद आया कि ये तो वही मन्दिर हैं जिस पर फ़िल्म "आपकी कसम" में राजेश खन्ना और मुमताज पर एक फ़ेमस गीत फिल्माया था।भांग पीकर दोनों मस्त डांस कर रहे थे । ऐसा लगा,मानो कल की ही बात हो---" जय जय शिव शंकर ...कांटा लगे न कंकर... के प्याला तेरे नाम का पिया😂🤣😂
ओर हम भी झूमते हुए घोड़े पर ही मन्दिर की तरफ चल दिये।मन्दिर एक टेकरी पर बना हुआ था ।वहाँ तक जाने के लिए सीढियां बनी हुई थी जिससे हम जैसे लोग आराम से चढ़कर ऊपर जा सकते हैं।
शिव मंदिर:---
यह मंदिर 1915 में महराजा हरी सिंह की पत्नी महारानी मोहिनी बाई सिसोदिया ने बनवाया था। इस मंदिर की देखरेख एक मुस्लिम परिवार करता है।106 साल पुराने इस शिव मंदिर का जीर्णोद्धार कश्मीर में तैनात मिलिट्री के जवानों ने किया है।करीब तीन महीनों में सेना ने इस मंदिर की मरम्मत करके इसे फिर से पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए खोल दिया गया था। इस मंदिर में चर्च,गुरद्वारा ओर मस्जिद भी हैं।
सीढ़ियों से ऊपर चढ़कर हमें शानदार सीनरी के दर्शन हुए। नीचे खड़े घोड़े ओर गाड़ियां नन्हे नन्हे खिलोने जैसे प्रतीत हो रहे थे। चारो ओर खूबसूरत मखमली हरियाली बिछी थी मानो किसी ने हरी चादर बिछा दी हो।प्रकृति का ये रूप कितना दिलकश था।
ऊपर शंकर जी का मंदिर था। रंगरोगन नये जैसा ही लग रहा था।कुछ देर बैठकर हम नीचे उतर गए ।वही गाड़ी मंगवा ली और उसमें बैठकर हम श्रीनगर को चल दिये।
कल हम सोनमर्ग चलेगे ।तो मिलते हैं कल...










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