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मंगलवार, 19 मार्च 2024

कश्मीर फाईल #भाग 10

कश्मीर फाईल्स # भाग 10


लोकल श्रीनगर # 2
7 सेप्टेंबर 2023
आज हम लोकल श्रीनगर घूमने निकले हैं। पहले गुरु शंकराचार्य मन्दिर गए फिर मुगल गार्डन ओर फिर निशान्त बाग़ । ड्रायवर हमको परी महल और चश्मे शाही गार्डन भी ले जा रहा था पर हम काफी थक गए थे दूसरा हमने अभी तक शिकारा राईड्स नही की थी ।तो हम सब छोड़कर सीधे हाऊसबोट को निकल गए।हमारे ड्रायवर  ने हमको एक शिकारे में बैठा दिया जो हमको लेकर एक खटारे से हाऊसबोट में ले आया।मुझे ये हाऊसबोट बेहद गन्दा लगा पर शायद ऐसे ही होते होंगे हाऊसबोट! ये सोचकर गम पी लिया ओर फ्रेश होकर चाय पी ओर शिकारा राईट्स के लिए निकल गए। थोड़ी धूप फैली थी तो काफी अच्छा लग रहा था। 
कश्मीर का सबसे आकर्षण बस ये शिकारा में घूमना ही हैं।सचमुच बहुत ही बढ़िया एक्सपीरियनस रहा। हालांकि डल एरिया पिछले भाग में बहुत गन्दा था, काई भी जमा थी और थोड़ी थोड़ी बदबू भी आ रही थी फिर भी घूमने में मजा आ रहा था। 

जैसे जैसे दिन छुप रहा था और रात हो रही थी वैसे-वैसे हाउसबोटों की लाईट्स जगमगा रही थी और वो  सब एक स्वपन सा लग रहा था। मुझे ये ज्यादा आकर्षण का केंद्र लगा।और अब पछतावा हो रहा हैं कि मैंने पहले ही दिन शिकारा राईट्स क्यो नही की।

1 घण्टे की शिकारा राईट्स पलक झपकाते ही खत्म हो गई और शिकारे ने हमको हमारे सड़े से हाऊसबोट पर उतार दिया।पर ये क्या!!हमारा हाऊसबोट भी दुल्हन की तरह सजा हुआ था ।और बहुत प्यारा लग रहा था।मैंने हाऊसबोट पर बहुत सी तस्वीरे खिंचवाई ओर कपड़े चेज कर के हम हाल में आ गए जिधर डायनिग टेबल पर हमारा खाना लगा था। पूरे  हाऊसबोट पर 4 कमरे थे विथ बाथरूम के ओर चारो भरे हुए थे।यहाँ ये बढ़िया बात थी कि फोन आ रहे थे और नेट व वाय फ़ाय भी चल रहा था।

हमने मटर पनीर की सब्जी ,रोटी ,दाल और चावल खाये।खाना बहुत टेस्टी था। यहाँ हमने पानी की एक बॉटल खरीदी जो 70 रु की आई। बाकी तो सबकुछ फ्री था।अगर आप ठहरने हाऊसबोट में जाये तो पहले से पानी की बोतल खरीद ले वरना 20 रु कि बॉटल आपको 70 रु में मिलेगी।

खाना खाकर हम अपने पलँग पर सोने चले गए।यहाँ काफी ठंड़क थी। हाऊसबोट काफी पुराना था नीचे कालीन बिछे थे वो भी पुराने थे ।मैंने टूर वाले को कम्पलेण्ड की पर मुझे पता है कुछ नही होगा।

रात को ठंडी बढ़ गई तो हमने मजबूरी में गन्दे कम्बल ओढ़ लिए ओर गहरी नींद में सो गए।कल हमको पहलगाम जाना है।

दूसरे दिन उठे तो बहुत फ्रेश थे ।नहाने का मन ही नही हो रहा था पर क्या करे नहाना भी मजबूरी था तो जैसे तैसे गर्म पानी से ड्राईक्लीन करके हम डायनिंगरूम में आ गए।फटाफट पोहे ओर ब्रेड का नाश्ता किया और सामान लेकर फटाफट रफूचक्कर हुए।वापस शिकारा में बैठकर किनारे पर आए जिधर हमारा ड्रायवर खड़ा था। हाऊसबोट को अलविदा कर हम अपनी गाड़ी में बैठकर  हजरतबल मस्जिद की ओर चल पड़े।

मस्जिद के पास बहुत सी नॉनवेज दुकानों पर कुछ पक रहा था जिससे माहौल में अजीब सी बदबू फैली थी। हम मस्जिद के सामने उतर गए मिस्टर का मन बिल्कुल नही था पर मेरे कारण वो भी उतर गए और हम अंदर गए। अंदर नमाज़ वाले एरिये में हमको जाने से रोक दिया और  नजदीक के दूसरे रास्ते पर जाने को बोला जिधर बड़ा सा गार्डन था।मैं उधर चल दी।मिस्टर भी बड़बड़ाते हुए मेरे पीछे चल दिये मानो वहाँ खड़े रहे तो कोई उनको गोली मार देगा😃😃

आम सा गार्डन था हम देखकर वापस अपनी कार तक आ गए और आगे का सफर हमारा शुरू हो गया।

मिलते हैं पहलगाम में...

 



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