पुणे क सफ़र -- भाग 2
( आगा खां पैलेस )
आगा खाँ पैलेस
दगडू शेठ के गणपति देखकर हम चल दिए "आगा खाँ पैलेस " देखने....यहाँ पहुँचकर हमने 5 रु की टिकिट कटाई ---सारा महल सुनसान पड़ा था ..बहुत ही सुंदर महल था ...और बागीचे के तो क्या कहने ....
इतिहास :---
आगा खान पैलेस पुणे के येरावाड़ा मे स्थित एक ऐतिहासिक भवन है। सुल्तान मुहम्मद शाह आगा खान दिवतीय ने 1892 में बनवाया था। इस भवन में "महात्मा गांधी" को उनके अन्य सहयोगीयो से साथ सन 1940 में बंदी बना कर रखा गया था। कस्तूरबा गांधी का निधन इसी महल में हुआ था। उनकी समाधी भी यहॉ स्थित है। अब यह भवन एक संग्राहलय है।
यह स्मारक ६.५ हेक्टेयर में फैला हुआ है। 1892 में शाह आगा खान तृतीय ने इसे बनवाया था। 1956 तक यह भवन उनका महल रहा। 1969 में,आगा खान चतुर्थ ने इसे भारत सरकार को दान में दे दिया था।महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी और महात्मा जी के सचिव महादेवभाई देसाई ३५ वर्ष तक यहां रहे और इसी प्रवास के दौरान उनकी मृत्यु हुई थी उनकी अस्थियां स्मारक के बागीचे में रखी गई हैं। गांधी जी के जीवन पर एक फोटो-प्रदर्शनी और उनकी व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुएं जैसे उनकी चप्पलें और चश्मे यहां रखे गए हैं।
महल के अन्दर गांधी जी और बा के दैनिक उपयोग की वस्तुए ...
गांधी जी की प्रतिमा एक बालक के साथ खेलते हुए
कस्तूरबा गांधी
यह है गांधी जी, कस्तूर बा गांधी, ओर उनके सचिव महादेव भाई देसाई का स्मारक
पैलेस के शानदार बगीचे की कुछ तस्वीरे
अलविदा ..आगा खां पैलेस
कस्तूरबा गांधी
9 अगस्त 1942 को जब बापू को मुंबई से गिरफ्तार करके यहाँ नजर बंद रखा गया था तो उनके साथ कस्तूर बा गांधी और उनके सचिव मनोहर भाई देसाई भी थे ...यहाँ आकर महज 6 दिन बाद ही मनोहर देसाई जी की मृत्यु हो गई थी ...उनकी याद में यहाँ उनका स्मारक बना है ..
यह है गांधी जी, कस्तूर बा गांधी, ओर उनके सचिव महादेव भाई देसाई का स्मारक
9 अगस्त 1942 को शिवाजी पार्क (मुंबई )से गिरफ्तार करके कस्तूरबा गाँधीजी को पुणे के इसी आगा खां पैलेस में रखा गया था जहाँ 22 फरवरी 1944 को उनका देहांत हुआ ..उनका स्मारक भी यहाँ बना है ..गांधी जी की मृत्यु यहाँ नहीं हुई पर उनका स्मारक भी यहाँ बना हुआ है ..
अलविदा ..आगा खां पैलेस
और इस तरह हम चल दिए आगा खां पैलेस देखकर वापस अपने एक दोस्त के पास ....जहाँ खाना खाकर हमको जाना है शिर्डी के साईं बाबा के पास ....तो मिलते है .......
शिर्डी के साईं बाबा के यहाँ ......जारी ----
5 टिप्पणियां:
कभी मौका लगा तो हम भी जायेंगे।
बहुत ही अच्छी लगी आपकी यह प्रस्तुति
बहुत बढ़िया जानकारी युक्त लेख.....अच्छा लगा...
bahut achchhi jankari sajha ki hai aapne .aabhar हम हिंदी चिट्ठाकार हैं
एतिहासिक आगा खाँ पैलेस में एतिहासिक यात्री।
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