मेरे अरमान.. मेरे सपने..


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मंगलवार, 16 जून 2020

जीवन का सच!!



"जीवन भी कितना जटिल होता है ---

जिसे पाल पोसकर बड़ा किया;

उसे किसी ओर को सौपना पड़ता है ?

और पले- पलाये हुये को सहना पड़ता है ....।😢

जीवन क्षण-भंगुर हैं।।।



25 साल के होनहार वर्ष

पल -पल सिमटते रहते है

फिर कहीं और बसेरा,

अपना नीड कहीं और बनाकर,

धुंध में विलीन होना पड़ता है---।



 रीत की प्रीत बड़ी मुश्किल ?

 प्रीत है रिवाजो की कैद में,

जिंदगी का हर लम्हां,

गुजरता जाता हैं...

यही जीवन का नियम है ?

करो तो आसां,

न करो तो मुश्किल ?

यही जीवन की विडम्बना है ...।



पलकों पर आंसू हैं,

आंखों में मिलने की तड़प हैं,

समाज की जंजीरों में रूह कैद हैं

मन बावला...

हर तरफ उड़ने को बेताब हैं,

पर पंख - वहिन काया,

जाऊ तो किधर जाऊं,

चारों ओर फैली अमरलता,

लिपटकर पंगु बना, लाचार कर देती हैं।

लड़खड़ाकर चलने पर मजबूर कर देती हैं...

जीवन सिर्फ एक क्षण-भंगुर हैं।





-- दर्शन के दिल से @

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