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शनिवार, 27 जून 2020

Gds इंदौर-महेश्वर ट्रिप

                इंदौर-महेश्वर-ट्रिप


*इंदौर- महेश्वर मीट*
(तीसरे दिन)
8दिसम्बर 2019
सुबह 4 बजे मुझे चारु ने धमकाते हुए उठाया...बोली---"बुआ 10 बार आवाज़ लगा चुकी हूं अब अगर नही उठी तो हम सब आपको छोड़कर चले जायेंगे..."
 धमकी काम कर गई और मैं फटाफट 10 मिनिट में तैयार भी हो गई।😂

कल सहस्त्र धारा में खूब हुड़दंग मचाकर हम सब दत्त मन्दिर गए  जहां दर्शन कर हमने टेस्टी चाय पी ओर सुनील के लाये करांची बिस्किट भी खाए ...यही से भालसे दम्पति ओर सरोज बिदा हुए और हम थकेहारे बस में बैठ गए ...
आते समय बस को छोड़कर जब हम लोग पैदल होटल की तरफ आ रहे थे तो महेश्वर का बाजार अपने पूरे यौवन पर था...खूबसूरत महेश्वरी साड़ियां करीने से सजी हुई थी वही एक गोलगप्पे वाले को देख अल्पा का मन बेईमान हो गया लेकिन उसको मायूस होना पड़ा क्योंकि गोलगप्पे ही खत्म हो गए थे।😃
फिर  राजीव, माथुर साहब ओर बलकार जी के साथ चाय पीकर ही हमने संतुष्टि की।
ओर आज अभी सुबह 6 बजे उसी चाय वाले के पास हम फिर से चाय का आनंद ले रहे थे।
चाय पीकर  हम सब ओंकारेश्वर महादेव के दर्शन करने चल पड़े।
ठीक साढ़े सात बजे हम ओम्कारेश्वर महादेव के दर्शन कर रहे थे...भीड़ बिल्कुल नही थी,आराम से दर्शन कर के हमने अभिषेक भी किया ...यहां हमने घुमक्कड़ी फ़ेसबुक के कुछ मेम्बरो से भी मुलाकात की,जो इत्तेफ़ाक़न ओम्कारेश्वर की सैर को ही निकले थे।
अब हम सब नाव में सवार हो ममलेश्वर महादेव के दर्शनों को चल दिये जो माँ नर्मदा के उस ओर किनारे पर ही बना था।
यहां भी आराम से दर्शन कर सबने खूब फोटुग्राफी की ओर वही एक छोटे से ढ़ाबे में खाना भी खाया।
खाना टेस्टी था, ओर उसको टेस्टी बनाया सब ग्रुप के मेम्बरों ने परोसगिरी कर के😂
खाना खाते खाते कब 3 बज गए पता ही नही चला।
यहां से सबके बिछड़ने का टाईम हो चला था , रात को ही प्रतीक, मनोज, अनिल,योगी जी,सरोज, नरेंद्र तो  निकल भी गए थे अब दोनों पांडेजी भी निकलने के चक्कर में थे😃ओर खंडवा रोड पर आते ही ज़बको जय श्रीराम बोलकर चलते बने।
इधर हमारी बस वापस उज्जैन को ही जा रही थी सबको उज्जैन से ही अपने गतव्य स्थान  की ट्रेनें पकड़नी थी। इसलिए सब उज्जैन ही चल पड़े.
लेकिन मुझे इंदौर उतरना था क्योकि मेरी ट्रेन रात 11 बजे इंदौर से थी, इसलिए मैं अपने भाई के घर राजमोहल्ला जाउंगी।
इंदौर के आतें ही मैंने भी सबको टाटा- बाय-बाय कर इस प्रोग्राम की इतिश्री की🙏
साथियों, जब हम सब मिलते हैं तो कितना जोश होता हैं लेकिन जब बिदा की बेला आती हैं तो सबके मुंह लटक जाते है  फिर सब अपनी - अपनी राह चल देते हैं अगले साल मिलने के वादे के साथ...😍
मिलन हमेशा खुशियां लाता हैं और विछोह हमेशा दुख:
इसलिए मिलते रहो और खुशियां प्राप्त करते रहो😀🙏

                  ओंकाारेशर मन्दिर में पूूजा

                      ओम्कारेश्वर 
                     Gds टीम

                        ममलेश्वर महादेव 

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