मेरे अरमान.. मेरे सपने..


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रविवार, 31 मई 2020

प्यार

मैं  तुम्हे प्यार करती हूँ 
अपने अमिट  प्यार से
तुम्हारे विचारो को 
अपनी अल्को में गुंथती रहती हूँ
मैं  अकेली नही रहती ..
मेरी राते --
तुम्हारी खुश्बुओ से गरमाती रहती है --सोचती हूँ -
जब मैं पराई होउंगी,तब क्या तुम्हे भुल पाउंगी 
शायद नही --
क्योकि मैं किसी को अपना सर्वस्त्र दे सकती हूँ 
अपना मन, इच्छा,जिस्म 
पर क्या मैं उसे वो 'स्वप्न' दे पाऊँगी 
जिनके 'नायक' सिर्फ तुम थे ?
---दर्शन के दिल से