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शनिवार, 30 जुलाई 2016

जयपुर की सैर ==भाग 7 ( jaipur ki sair == bhag 7 )




जयपुर की सैर ==भाग 7
बिड़ला मन्दिर --जयपुर 

बिड़ला मन्दिर का प्रमुख्य द्वार 





तारीख 13 को  हम बॉम्बे से 3 सहेलियां निकली थी जयपुर जाने को  'सम्पर्क क्रांति ट्रेन ' से और वो  रात कयामत की रात थी। ... 

अब आगे ----


20 अप्रैल 2016 

आज हमको हरी शर्मा जी के घर जाना है हम शादी में शरीक नहीं हो सके पर जयपुर आने के बाद उनके घर जाना जरुरी है । रात को नीना की तबियत ख़राब हो गई थी इसलिए वो हमारे साथ न जा सकी इसलिए हम तीनों ही चल दिए।

हमने ओला कैप मंगवाई और उनके घर 'मानसरोवर' कॉलोनी चल दिए ।एक घण्टे के सफर के बाद उनके घर पहुंचे सब से मिले शादी में न पहुँचने की क्षमा याचना हुई ,नाश्ता किया और बेटी को नेग दिया और उन्होंने  भी हमको मिठाई देकर सम्मानित किया ।

हम 4 बजे उनकी माताजी से बिदा लेकर निकल पड़े यहाँ के फेमस बिड़ला मन्दिर देखने।
आने के टाईम हम एक ऑटो में बैठ गए और उसमें हमारी जो गत बनी की पूछो मत। उसने 1 घण्टे में हमको जयपुर की सारी गलियों के दर्शन करवा दिए । बड़ी मुश्किल से जान बची ...

बिड़ला मन्दिर काफी फेमस है और यह मन्दिर आपको हर बड़े शहर में मिल जायेगा । सफ़ेद संगमरमर से बना ये मन्दिर बहुत ही बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है और काफी खूबसूरत बना है राधा कृष्ण की मोहक मूर्ति से सजा हुआ मुझे बहुत पसन्द आया।और सबसे बड़ी चीज पसन्द आई यहाँ फोटू खिंचने पर कोई पाबन्दी नहीं है ,हमने भी खूब जी भरकर फोटू खिंचे फिर आराम किया यहाँ काफी भीड़ रहती है पर शांति भी खूब मिलती है ।
रात को हमने यही ।मन्दिर के बाहर ठेले पर पावभाजी खाई ।और ऑटो कर घर आ गए ...

















मीना और मैं 

मैं ,अल्जीरा और मीना 



रात होने से फोटू क्लीयर  नहीं आये 

शेष अगले भाग में ----



शुक्रवार, 15 जुलाई 2016

जयपुर की सैर == भाग 6 ( Jipur ki sair = bhag 6 )


जयपुर की सैर  == भाग 6









तारीख 13 को  हम बॉम्बे से 3 सहेलियां निकली थी जयपुर जाने को  'सम्पर्क क्रांति ट्रेन ' से और वो  रात कयामत की रात थी। ... 

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18 अप्रैल 2016

आज सुबह देर तक सोते रहे क्योकि कल बहुत थक गए थे 9 बजे सब उठ गए आज मैंने सबको इंदौर के फेमस पोहे बनाकर खिलाये । सबको बहुत अच्छे लगे फिर हम मार्किट जाने को तैयार होने लगे  आज हम मार्किट जा रहे थे कुछ शॉपिंग करने..

आज सुबह हमारे एक और मित्र 'अरविंद भट्ट' जी हमसे मिलने आ गए, उन्होंने गुलाब के फूलों से और चॉकलेट से हमारा जोरद्वार स्वागत किया । फिर हम उनकी गाड़ी से बापू मार्केट तक आये ,आज उनको भी काम था इसलिए उनकी दावत कल के लिए स्थगित कर दी । कल मिलने का बोलकर वो चले गए पर शाम को हमको  घर छोड़ने का वादा किया अब हम दिनभर शॉपिंग करेगे।

हम बापू मार्किट में आये यहाँ पर  राजस्थानी साजो समान भरा पड़ा है जिसको देखना ही बहुत अच्छा लगता है ।पर भाव- ताव बहुत होता है टूरिज्म प्लेस होने के कारण पहले भाव ज्यादा बोलते है फिर धीरे धीरे कम करते है । गर्मी बहुत थी और हम गर्मी से बेहाल हो रहे थे फिर भी हमने यहाँ से राजस्थानी लहँगा, बैग, चूड़ियाँ,  चप्पल, चादरें, पेंटिंग वगैरा खरीदी और सबने यहाँ के मशहूर घाघरे खरीदे ।यहाँ की मशहूर चाट खाई। दिन भर हम नीबू पानी और जूस पीते रहे ताकि पानी की कमी न हो । वैसे हम घर पर से भी ठंडा ग्लूकोश का पानी बनाकर लाये थे।

पूरा दिन शॉपिंग करते रहे और शाम को अरविंद जी आ गये ,गर्मी अपनी चरम सीमा पर थी । मार्किट में गर्मी से झुलसते हुए जब कार के AC की ठंडी हवा आई तो मुझे तो नींद के झोंके आने लगे।
राजाजी बाग पहुंचकर अरविंद ने एक - एक लस्सी पिलाई और हम अपने घर पहुँच गए ।आज बहुत थक गए थे मुझसे तो उठा ही नहीं जा रहा था, अल्ज़िरा ने ही पुलाव बनाये और सबने खाये और जो सोये की पूछो मत

19 अप्रैल2016
सुबह 5 बजे मीना अक्सर उठ जाती है आज उसी ने सबके लिए नाश्ता बनाया अंडे और ब्रेड .. पहले वो  बाजार से अंडे और ब्रेड लाई फिर सबको उठाया, हम सब फ्रेश होकर अरविंद का इंतजार करने लगे देखते है आज अरविंद ने कहाँ ले जाना है ।
ठीक टाईम पर अरविंद के साथ हम सब मैँ, अल्ज़िरा, नीना और मीना निकल पड़े। 

आज हम सबने कल का खरीदा हुआ घाघरा और चप्पल पहना था। पहले अरविंद अपने IT कॉलेज लेकर आये जहाँ वो प्रोफ़ेसर है उनके कॉलेज के शानदार बगीचे में हमने कुछ फोटू खिंचे फिर हमारी कार जयपुर की व्यस्त सड़कों से गुजरती हुई जयपुर के बड़े मॉल वर्ल्ड ट्रेड पार्क  में आई , बहुत विशाल और भव्य मॉल था। आज हमारा लन्च यही था। आज का दिन हमने इसी मॉल में बिताया। और यह एक यादगार दिन साबित हुआ।






 लक्ष्मी मिष्ठान भंडार के टेस्टी  दही भल्ले और टिकिया 






LMB  



 कॉलेज के कम्पाउंड में -- मैँ  नीना और मीना  


वर्ल्ड ट्रेड पार्क बाहर का दृश्य 



























इस तरह आज का दिन मजेदार रहा


बुधवार, 6 जुलाई 2016

जयपुर की सैर == भाग 5 ( jaipur ki sair = bhag 5)

जयपुर की सैर == भाग 5
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तारीख 13 को  हम बॉम्बे से 3 सहेलियां निकली थी जयपुर जाने को  'सम्पर्क क्रांति ट्रेन ' से और वो  रात कयामत की रात थी। ... 

अब आगे -----


17 अप्रैल 2016 


आज सुबह हम हरी शर्मा जी की बेटी की शादी में शरीक होने जा रहे थे पर अचानक गिरिराज जी शर्मा (जिनके साथ हम सब जाने वाले थे ) जी के रिश्ते में किसी की मौत हो गई और हमारा प्रोग्राम केंसिल हो गया क्योकि यहाँ से भीलवाड़ा 200 km है और एकदम से बन्दोबस्त करना थोडा मुश्किल है फिर भी कोशिश की पर सफलता नहीं मिली।
मन बहुत उदास है । हरी जी ने कहा टैक्सी कर के आ जाओ मैँ यहाँ पेंमेंट कर दूँगा पर हमारी इच्छा नहीं हुई ।जिस शादी में शरीक होने आये थे वहां न जाना हुआ इसलिए सबका मूड ऑफ़ था।

दिन भर हम मुंह लटका कर रहे अचानक हमारे एक दोस्त राजीव अवस्थी का फोन आया की 6 बजे तक तैयार रहिये मैँ आपको आमेर के किले पर होने वाला लाइट ऐंड साउंड शो दिखाने ले चलता हूँ फिर हम देशी होटल में डिनर करेगे ...

वाह !!! सब को जैसे पंख लग गए , हम हवा से बाते करने लगे ,फटाफट सब कपड़े वगैरा निकालने और सजने - सवांरने लगे ,थोड़ी देर पहले फैली ख़ामोशी टूट गई ।
ठीक 6 बजे राजीव अपनी गाडी के साथ प्रकट हुए और हम सब चल दिए खेड़ापती  बालाजी के मंदिर को देखने ...यह जयपुर शहर से 51 km दूर है 
जयपुर के शानदार दरवाजो से गुजरती हुई हमारी कार जा रही थी रास्ते में बिड़ला मन्दिर , सिटी पैलेस ,हवामहल और जलमहल को पार् करते हुए हम पहुँच गए खड़े गणपति।।।

काफी दूर हमको रोक दिया गया और हम पैदल ही मन्दिर की और बढ़ चले ,ये मन्दिर काफी विशाल है इसकी पहली मंजिल पर मन्दिर है बहुत भीड़ थी हम दर्शन कर के वापस लोट आये ,अब हमारा अगला पड़ाव था आमेर का किला।

जयगढ़ का किला पार् करके हमारी गाड़ी तेजी से जयपुर के बाहर निकल रही थी और Iहम किले में न जाकर किले के पिछवाड़े चल दीये जहाँ ये शो होता है ।  हमको कार से किले के बाहर छोड़कर राजीव वापस 1 किलो मीटर पीछे चले गए गाड़ी पार्क करने , अजीब बात है इतनी दूर पार्किंग बनाने का क्या तुक है खेर, हम वही फोटू खीचने लगे और राजीव के आते ही हम किले में चल दिए जहाँ 200 रु पर व्यक्ति टिकिट थी ;विदेशियों को यही टिकिट 500 में मिल रही थी ।हमारे काफी ना करने के बावजूद भी टिकिट राजीव ने खरीदी और हम किले के ऊपर चढ़ने लगे । काफी लोग बैठे थे और सामने चल रहा था अद्भुत इतिहास लाईट के माध्यम से अमिताभ और गुलज़ार की रौबीली आवाज़ में जयपुर का शानदार इतिहास ,घोड़ो की टापो से गूंजती स्वर लहरी हमको पौराणिक जयपुर की सैर करती रही और हम मन्त्रमुक्त हो उस काल में विचरण करते रहे।

बस एक बात खटकी की फोटू लेने पर पाबन्दी थी पर हम भी कम नहीं थे  चुपचाप कुछ तस्वीरें ले ही ली ; पर मज़ा नहीं आया खैर ,कमेंट्री भी अंग्रेजी में थी हिंदी में कमेंट्री होती तो और भी ज्यादा आनंद आता लेकिन ये बात हमको पता चली जब हम 1घण्टे का शो देखकर रिटर्न हुए तो पता चला की अगला प्रोग्राम हिंदी का ही है और इसका टिकिट भी 100 रु था ओ तेरी की !!!! हम तो नए थे पर शायद राजीव को भी यह बात पता नहीं होगी वरना हम यह शो देखते।

अब हम चल दिए डिनर करने हमारी कार जयपुर की नई बनी टनल को पार करती हुई दौड़े जा रही थी यहाँ एक ढ़ाबा  गणेश पवित्र भोजनालय के सामने  राजीव ने कार रोकी बहुत ही सिम्पल और सड़क के किनारे पर स्थित यह ढ़ाबा था कुछ कुर्सियां और मेजें रखी हुई थी ; अजीब तो लगा पर बहुत इन्जॉय किया कड़ी और सेव की भाजी के क्या कहने बहुत टेस्टी थे ।सड़क के किनारों के ढाबे में खाना खाने का एक अलग ही आनन्द महसूस हुआ।

रात को हमको राजीव हमारे घर तक छोड़कर गए....
थैंक्स राजीव सबकी तरफ से ..


खेड़ापती बालाजी 


मंदिर पहली मंजिल पर 




 मंदिर का प्रवेश द्वार 



 रास्ता 




 हमको अपनी गाडी से यहाँ उतरना  पड़ा 












आमेर के किले का  पिछवाड़ा ; यही से हम प्रोग्राम देखने गए थे 


 लाईव शो