याद आते हो तो कितने ----
अपने -से लगते हो तुम ----
वर्ना, हर लम्हां गुजरता हैं ----
तुम्हारे ख्यालो में ----
चुप -सी आँखों में आज ----
फिर वही सवाल उठा ----
क्या राहत मिलेगी मुझे ----
इन बंद फिजाओ में ----?
खेर, अँधेरे भी भले -जीने के लिए ----
गैर, हो जाते हैं सभी चेहरे उजालो में----
मुस्कुराओ तो भी अच्छा हैं ----
बेरुखी भी भली तुम्हारी ----
बेअसर हैं सभी बाते यहाँ मलालो में ----
याद आते हो तो एहसास -ऐ -ख़ुशी मिलती हैं ----