लवासा
महाराष्ट्रा सरकार द्वारा बनाया हिलस्टेशन
महाराष्ट्रा सरकार द्वारा बनाया हिलस्टेशन
लवासा (मराठी नाम )
10 -12 -16 पूना
2 दिसम्बर को अपनी बेटी के घर पूना गई थी पूना के कई ऐतिहासिक जगह पर घूमकर आखिर में 10 तारीख़ को लवासा घूमने का प्रोग्राम बनाया , दामाद ने अपनी नई आई टेन i 10 गाडी को तेल पानी पिलाया और हम सुबह नाश्ता करके निकल पड़े लवासा हिलस्टेशन देखने ,,,,,
दिसम्बर का महीना सुबह ठंडी ठंडी हवा में हमारा कारवां बढतारहा ,,,, बॉम्बे के मुकाबले पूना थोड़ा ठंडा है पर इतना भी नहीं की स्वेटर लादना पड़े सिर्फ एक शा ल से काम चल गया ।
लवासा पुणे के पास वरसगांव बांध / जलाशय के पीछे बाज़ी पासलकर जलाशय के किनारे पश्चिमी घाट में स्थित है । पुणे से 50 किलो मीटर दूर बसा है लवासा । ये पुणे से 80 मिनिट में पहुंचा जा सकता है । बॉम्बे से ये 180 किलो मीटर के करीब पड़ता है जो आप 3 घण्टे की दुरी से आराम से पहुँच सकते हो |
यह शहर वरसगांव बाँध और जलाशय को चारो और से घेरने वाली आठ बड़ी बड़ी पहाड़ियों की गोद में स्थित है बहुत ही सुंदर तरीके से इसको बसाया है आजादी के बाद बना पहला हिल स्टेशन है लवासा;जो महाराष्ट्रा गवर्मेन्ट का ड्रीम प्रोजेक्ट है ।यह प्लान से बना हिल स्टेशन है जो 25 हेक्टर्स मैं फैला है यानि 100 किलो मीटर में फैला है इस पर अब तक करीब 50 अरब रूपया खर्च हो गया है । और ये अब भी बन रहा है।कहते है ये 2021 में पूर्ण होगा । यहाँ 1000 बंगले और 500 फ्लेट बनकर तैयार है यह प्रोजेक्ट अमेरिकन कम्पनी के साथ मिलकर हिंदुस्तान कन्ट्रक्शन कम्पनी के द्वारा हो रहा है ।
इस पर स्वीजरलैंड की तर्ज पर झील, 5 स्टार होटल, सड़क,घर,हॉस्पिटल बनाने का प्लान है , ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी की एक शाखा भी यहाँ खोलने का प्लान है इस ड्रीम प्रोजेक्ट को सन 2000 में स्वीकृति मिल गई थी फिर इस पर काम शुरू हुआ ये अंग्रेजो के बनाये हिल स्टेशनों जैसा तो नहीं है फिर भी बोम्बे पूना वालो के लिए एक वरदान स्वरूप है ।
यहाँ गेट पर ही पार्किंग चार्ज लिया जाता है जिसे एंट्री फीस भी कह सकते है ।
कार 500 रु
बाइक 200रु
बस 1000 रु
इसके अलावा और कोई चार्ज नहीं है ।
पार्किंग के बाद करीब 6-7 किलोमीटर चलने के बाद ही मेन सिटी शुरू होती है ।ज्यादा ऊँचे तो नहीं पर पर्वत और उनकी श्रृंखलाएं मन को मोह लेती है,सुंदर सड़क और सड़क के किनारे ही क्यारियों में सजावटी खूबसूरत फूलों के पौधे और एक ही कतार में बने एक ही रंग में रंगे बंगले जो इनकी सुंदरता में चार चांद लगा देते है ।
यहाँ का मेन आकर्षक है एक झील और उसके पास बने सुन्दर घर और उन घरों पर लगाया एक ही कलर ।
झील के पास ही बनी सुन्दर सड़क पर घूमते सैलानी अपनी खुशी आप ही बखानते नजर आते है ।
झील में दौड़ती नावे और स्पीड बोट पर चहकते बच्चे और युवा की ख़ुशी साफ झलकती है ।
यहाँ पैदल घूमना भी अपने आपमें कम नहीं है झील से सटी सड़क पर कोई वाहन नहीं आ सकता सिर्फ साईकिल ही आप चला सकते हो जो यहाँ पर महज 200 रुपये में 1घण्टा किराये पर उपलब्ध हो जाती है ।महंगी तो है पर यहाँ के सौंदर्य को तपासने के लिए जरुरी भी है ।
यहाँ झील में एक पूल भी है जो आपको इस तरफ से दूसरी तरफ ले जा सकता है यहाँ हर तरह का खाना उपलब्ध है झील के किनारे थोड़ा महंगा और ऊपर सड़क पर थोड़ा सस्ता और अच्छा है ।
यहाँ बैंक और ATM भी है जिससे आप जब चाहे पैसा निकाल सकते है। पब्लिक टॉयलेट भी साफ और काफी बड़े बने है । यहाँ रात्रि विश्राम के लिए कम दामो में रूम सर्विस है यदि आप ठहरना चाहे तो ठहर भी सकते है और वापस पूना भी आ सकते है ।और हम अँधेरा होने से पहले ही निकल आये ।
पूना वालो के लिए ये वन डे ऑफर अच्छा है ।
लवासा की कमिया :---
लवासा अपने आप में अच्छा हिलस्टेशन है पर ये केवल पूना या बॉम्बे से ही सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है विकसित सड़के होने के बावजूद एक पहाड़ी ईलाके में स्थित होने की वजय से इन सड़को में कुछ जगह खड़ी ढाल है । और हेलीकाप्टर के अलावा निकट भविष्य में कोई हवाई योजना नहीं बनी है ।
गुड़ बाय लवासा और अब देखिये लवासा के सूंदर फोटू :---
लवासा का एकमात्र दरवाजा यानी एंट्री
बैठने को कुर्सियां बनी है
ये मेरा दिल---- दीवाना - मस्ताना
झील एकदम साफ़
सफाई इतनी की निचे भी बैठ जाओ
सुंदरता बिखरी है
झील के बाहर की सड़क और झील पर बने फ्लेट
बाज़ार
लवासा का मानचित्र
झील के किनारे वाली सड़क पर सैलानी
रात का शमा झूमे चँद्रमा
नोकविहार का आनन्द
बंगले
सड़क पर दौड़ती ट्रेन
बंगलो का पिछवाड़ा