मेरे अरमान.. मेरे सपने..


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शनिवार, 25 मई 2019










मैं तुम्हे प्यार करती हूँ 
अपने अमिट प्यार से
तुम्हारे विचारो को 
अपनी अल्को में गुंथती रहती हूँ
मैं अकेली नही रहती ..
मेरी राते रातेँ --
तुम्हारी खुश्बुओ से गरमाती रहती है --सोचती हूँ -
जब मैं पराई होउंगी,तब क्या तुम्हे भुल पाउंगी 
शायद नही --
क्योकि मैं किसी को अपना सर्वस्त्र दे सकती हूँ 
अपना मन, इच्छा,जिस्म 
पर क्या मैं उसे वो 'स्वप्न' दे पाऊँगी 
जिनके 'नायक' सिर्फ तुम थे ?