आज तुझसे प्यार करने को दिल चाहता हैं ...
तुझे छूने, तुझमें समाने को दिल चाहता हैं ....
हम सपरिवार ता. 9 को मुम्बई से चले थे नैनीताल :----
हम कमरे में आकर तैयार होने लगे ...काफी ठंडी थी और इतनी ठंडी में ठन्डे पानी से नहीं नहाया जा सकता सो गीजर चलाया और नहाए ..मैं तैयार होकर बाहर निकल गई बालकनी में और अपना काम शुरू ..यानी फोटू कवर करने का जो मुझे बेहद पसंद हैं ..मिस्टर आए तब तक मैने झील की खूबसूरती के काफी सीन कैद कर लिए और उनसे अपनी उपस्थिति के फोटू भी खिंचवा लिए ...तब तक बच्चें भी आ गए ...और विक्की भी .....और हम चल दिए नैनीताल साईट सीन देखने :-----
ख़ुशी का इजहार ..कोलगेट मुस्कान
इतिहास :--
नैनीताल उतराखंड का एक व्यस्त पर्यटक स्थल हैं .इसे झीलों का शहर भी कहते हैं क्र्योकी यह पूरी तरह झीलों से धिरा हुआ हैं... 'नैनी' का अर्थ हैं 'आँख' और 'ताल' का अर्थ हैं 'झील' ,यहाँ के पर्वत सर्दी यो में पूरी तरह बर्फ से ढँक जाते हैं पर इन झीलों का पानी कभी नहीं जमता क्योकि यह प्राकृतिक झीले हैं और इनकी थाह अब तक कोई नही ले सका हैं ... समुन्द्रतल से इसकी उंचाई 1938 मीटर हैं और ताल की लम्बाई 1,358मीटर और चोड़ाई 458मीटर हैं इसकी गहराई 15 से 156मीटर आंकी गई हैं ... ..यहाँ का नजरा देखने लोग देश और विदेश से आते हैं ...पानी मैं इठलाती हुई रंगीन नावे इसकी सुन्दरता में चार चाँद लगा देती हैं ..सम्पूर्ण पर्वतमाला और पेड़ों की छाया इस ताल में स्पष्ठ दिखाई देती हैं ....इस ताल की विशेषता हैं की इसका पानी गर्मियों में हरा,बारिश में मटमैला और सर्दियों में नीला हो जाता हैं ...
1.सडीयाताल जलप्रपात :---
हमें विक्की सबसे पहले लेकर गया "जल - प्रपात " दिखाने .. जहाँ एक रेस्टोरेंट मैं हम सबने नाश्ता किया---
यहाँ हमने ब्रेड -बट्टर खाई और चाय पी ..चार ब्रेड विथ मक्खन 30 रु .प्लेट और चाय वही 15 रु. की एक । मैने देखा विक्की खाना खा रहा था ..टाइम हुआ था 11 बजे, हमें भी यहाँ खाना खा लेना चाहिए था बाद में हमें बहुत परेशानी हुई ,पर मिस्टर को नाश्ते की आदत हैं इसलिए खाना बाद में खाएगे कहीं और यह सोचकर हम जल प्रपात देखने चल दिए ... यहाँ काफी सैलानी आए हुए थे ..काफी भीड़ थी पर जल तो था ही नहीं ? बहुत छोटी -सी धारा बह रही थी ...बाद मैं मालुम पड़ा की यह धारा भी नकली हैं जो ऊपर पानी इक्कठा करके निचे देखने के लिए छोड़ते हैं ..हा, बारिश में यह असली झरना होता हैं ..इसका टिकिट हैं 5 रु .......
आप भी देखे :---
आप भी देखे :---
देखिए हैं न पतली -सी धार
छोटा -मोटा झरना हा हा हा हा
तो यह हैं जलप्रपात
पास ही बड़ा सुंदर जंगल था और पहाड़ भी ..मैं तो नहीं गई पर बच्चे घूम आए और मैं इस बैंच पर बैठ गई ठंडी -ठंडी हवा खाने ..बहुत सुंदर लग रहा था ..यदि बारिश का मौसम होता तो क्या कहने .....
3.लवर्स -पॉइंट्स :---
इसे लवर्स -पॉइंट्स कहते हैं ..बहुत ही खुबसूरत स्थल हैं पहाड़ की एक कटी हुई छोटी -सी पहाड़ी पर इसे बनाया हैं ..चारों - और रेलिंग लगा रखी हैं ,फिर भी कुछ मनचले बाहर निकल कर फोटू खिचवा रहे थे बहुत ही रिस्की मामला हैं ,,यह पहाड़ जितने सुंदर हैं उतने खतरनाक भी हैं यह सबको सोचना चाहिए ..खेर, प्रकृति का सुंदर रूप देखने से हम क्यों वंचित रहे आप भी देखे .. प्रकृति ने कहाँ -कहाँ प्यार बरसाया हैं...
प्रकृति ने कहाँ -कहाँ प्यार बरसाया हैं...
जितना खुबसूरत उतना ही खतरनाक
प्रकृति का सुंदर रूप देखने से हम क्यों वंचित रहे ..आप भी देखे
मेरे पीछे जो चट्टान हैं कुछ मनचले जोड़े वहाँ उतर कर फोटू खिंचवा रहे थे
और यह हैं चम्पाकली ...जो छोटे बच्चो को पहाड़ पर राउंड दिलवाती हैं
तो यह था लवर्स - पॉइंट्स ..यहाँ ककड़ी .पहाड़ी बैर, म़ेगी मिल रहे थे ...यहाँ घोड़े भी थे जो सैलानियों को पहाड़ का चक्कर लगाते हैं ..
अब हम चलेगे हिमालय दर्शन के लिए पर अगले भाग में ...तब तक के लिए बिदा....
जारी --------