शुक्रियां ! करम ! मेहरबानी !
आज मुझे आप लोगों से मिले पूरा एक वर्ष यानी ३६५ दिन हो चुके हैं !
आज मेरे ब्लॉग 'मेरे अरमान मेरे सपने'की वर्षगाँठ हैं :--
आप लोगो का प्यार और सत्कार मेरे जीवन की अमूल्य निधि हैं !
" अपनों की इनायत कभी खत्म नहीं होती
रिश्तो की महक दूरियों से कम नहीं होती
जीवन में साथ हो अगर सच्ची दोस्ती का
तो जिन्दगी जन्नत से कभी कम नहीं होती ....!"
मेरा पहला प्रोफाईल फोटू
" अपनों की इनायत कभी खत्म नहीं होती
रिश्तो की महक दूरियों से कम नहीं होती
जीवन में साथ हो अगर सच्ची दोस्ती का
तो जिन्दगी जन्नत से कभी कम नहीं होती ....!"
आभासी दुनियां का सफ़र बड़ा निराला और जादुईभरा हैं--एक बटन दबाते ही हम इस लोक से उस लोक में पहुँच जाते हैं ..जहाँ सपने बिखरे पड़े हैं ..अरमानो की डोलीयां सजी हैं ..जहाँ हर तरफ प्यार हैं ..आदर हैं ..सम्मान हैं ! जहाँ एक दुसरे से अनजान होते हुए भी परिचित हैं ..सबका दुःख एक हैं सबका सुख एक हैं ..एक ही जगह बैठकर हम सबके साथ होते हैं ...
मुझे यह फेटेंसी दुनियां बहुत पसंद आई ..कुछ अपवाद छोड़ दे तो मुझे यहाँ सभी अच्छे लोग मिले ..जिन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया ..मुझे आदर दिया ..सम्मान दिया ..मेरी क़ाबलियत को उभरने का मौका दिया ..मेरी गलतियों को प्यार से समझाया और मुझे आगे बढकर गले लगाया ....
अपने सभी मित्रो का तहेदिल से धन्यवाद करती हूँ ...वो इसी तरह मेरा होंसला बढाए और यु ही मुझ पर प्यार लुटाए ..... धन्यवाद !
मेरे मित्रगण और ब्लॉग के जाने- माने दोस्त :-
ललित शर्मा ,हरी शर्मा ,मुकेश सिन्हा , अरुण शर्मा ,डॉ. रूपचंद शास्त्रीजी ,रशिम प्रभाजी ,हरकीरत हीर ,इन्दुपुरी ,आरती शर्मा ,संदीप जाट,संजय भास्कर, केवलराम.,वंदना गुप्ता ,संगीता स्वरुपदी,संगीता पूरी जी , राजीव कुलश्रेष्ठ ,विनोद्शर्मा, डॉ.दराल जी,नीरज जाट ,मदन शर्मा जी ,राकेशकुमार जी , सुनील कुमार, डॉ. दिव्या, ,डॉ. मोनिका शर्मा ,समीरलाल जी ,राज भाटिया जी,राजिव तनेजा जी, अजय झा जी,अल्बेलाजी, अतुल,सुनील खत्री,विशाल ,पाबला पाजी,कुश्वंश जी, संध्याशर्मा जी, सत्यमशिवम् , नीरज गोस्वामीजी, सुरेंदर पा जी, कुंवरकुश्मेश जी,महेंदर श्रीवास्तव जी, रेखा जी,सदा जी, कैलाश शर्माजी,सुशिल बाकलीवालजी, रोशीजी , महेश्वरी कनेरी जी, अंजू चोधरी जी, अजित गुप्ताजी,निर्मला कपिला जी,शलभ गुप्ता, अनुपमाजी ,जेनी शबनम जी, डंडा लखनवी जी,अरविन्द भट्ट जी,कमलेश भट्ट,संतोष,राजेंदर स्वर्णकार,महेंदर वर्माजी,काजलजी,सतीश जी, आकाश सिंह (जो मुझे माँ कहते हैं ) और मेरे ब्लॉग पर आने वाले समस्त दोस्तों का हार्दिक अभिनन्दन करती हूँ ...............(जिन्हें भूल गई हूँ वो माफ़ करे ..प्लीज़ ........)
मेरा पहला प्रोफाईल फोटू
मेरी पहली पब्लिश पोस्ट
अरमान आसमान पर छाए हुए बादलों की तरह होते हैं .... जो सिवाए कुदरत के हुकुम के कभी नहीं बरसते ...
जब तक कुदरत को मंज़ूर न हो.. कोई भी अरमान पूरा नहीं हो सकता |
" तू इस तराहं से मेरी ज़िन्दगी में शामिल हैं
जहां भी जाऊ यह लगता है तेरी महफ़िल है | "
जहां भी जाऊ यह लगता है तेरी महफ़िल है | "
मेरा पहला कमेन्ट
संजय भास्कर said...
समर्पण के साथ लिखी सुन्दर गजल के लिए बधाई!
नये साल की मुबारकवाद कुबूल करें!
मेरे लिए लिखी विशाल...दिल की कलम से ने पहली कविता
आदरणीय दर्शन कौर धनोए जी के नाम..
(वैसे तो दर्शन जी कहती हैं कि अध्यात्मिक चिंतन उनके एक किलोमीटर ऊपर से गुजर जाता है. लेकिन लगता है रब उनके आस पास ही है.उनके सरल हृदय को सलाम......)
जग चलता उलटा उलटा जी ,
हम चलते सीधा सीधा जी,
हमें सीधे चलते रब मिलता
जग कहता सीधा सीधा जी.
जग रहता ऊंचा ऊंचा जी,
हम रहते नीचा नीचा जी,
हमें नीचे रहते रब मिलता
जग कहता नीचा नीचा जी.
जग ऊंचा ऊंचा बोले जी,
हम अपना मूंह न खोलें जी ,
हमें चुप रहने में रब मिलता
जग गूंगा बहरा बोले जी,
हम बोले सच्चा सच्चा जी,
जग बोले झूठा झूठा जी,
हमें सच कहने में रब मिलता,
जग रहता हम से रूठा जी.
जग आगे आगे दौड़े जी,
हम पीछे को मूंह मोडें जी,
हमें पीछे रहते रब मिलता,
जग चाहे पीछे छोड़े जी.
हम ले लो ले लो कहते जी ,
जग दे दो दे दो कहता जी,
हमें देने में भी रब मिलता ,
जग पाकर खाली रहता जी.
जग बेचे मोल मुहब्बत को,
हम प्रेम खरीदें बढ़ बढ़ जी,
हमें लुट जाने में रब मिलता ,
जग पावे कंकर पत्थर जी.
जग कहता तुझमें ख़म है जी
हर वक्त क्यों हम हम है जी,
हमें हम कहने में रब मिलता,
क्यों हम में भी हमदम है जी.
" विशाल जो धर्मशाला रहते हैं और आदर से मुझे बड़ी बहन कहते हैं...
"
"
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मेरी पहली कविता परिकल्पना पर छापी
रश्मि प्रभा जी ने इस कविता को 'वटवृक्ष ' में भी स्थान दिया
रशिम प्रभाजी
इंतज़ार
अपने घर की –
दहलीज पर बैठी – तेरा इन्तजार कर रही हूँ –
निर्मोही ,अब तो आजा — !
साँझ हो चली हैं, उजियारा सिमट रहा हैं ,
धुंधलका छाने लगा हैं,
रात का डरावना साया मुझ पर आने लगा हैं ,
चाँद निकल चूका हैं –
चांदनी बिखरी पड़ी हैं –
मेरी सारी सखियाँ जा चुकी हैं –
इस अँधेरे कमरे में मैं,
कब तक अकेले बैठू –?
निर्मोही,अब तो आजा — !
रात का सन्नाटा गहरा रहा हैं–
‘जागते रहो’ की मनहूस आवाज आ रही हैं …
अचानक…..!
अचानक ,पलड़े पर होती वो हल्की -सी आह्ट—
मैं चोंक उठती हूँ ” कहीं तू तो नहीं” ?
निशब्द….!
दबे कदमों से —
मैरा दरवाजे तक आना —
वहाँ तुझे न पाना —
दिल पर विराना -सा छा जाना –
फिर, अंखियो से यू सरिता का बहना —
मन डूब -डूब जाना —
निर्मोही, अब तो आजा — !
रात के सन्नाटे में वो झिन्ग्रुओ की आवाज –
कही……धीरे से बजती वो पायल की झंकार –
दूर……कहीं हंसी, यू ठहाके लगाना –
कहीं…..शहनाई के सुर —
मंगल गीतों का बजना–
अजब -सा मंजर —
गजब -सा विरोधाभास –
कहीं ख़ुशी ….कहीं मातम !!!
निर्मोही ,अब तो आजा —-!
तेरे बिन इस सूने जीवन में आस कौन बँधाए–?
दीया कौन जलाए —?
कौन प्यार करे –?
कौन प्यार जताए –?
कौन अपनी बांहों में मुझे सुलाए –?
मेरा दिल धबरा रहा है –
उन्मुन्दी आँखों में तेरे अक्स का आना –
गीली सतह पर तेरी सूरत का तैर जाना –
ख्यालो में धीरे -धीरे थपकियाँ देकर तेरा मुझे सुलाना –
आँखों में निंदियाँ का सरुर आ जाना –
निर्मोही,अब तो आजा —!!!
ये निंदियाँ – रानी मुझे सरपट दौड़ा रही हैं–
लगता है –
आखरी वक्त हैं …..?
आखरी सलाम ……?
निर्मोही, अब तो आजा —!!!
***************************************
"साहित्य प्रेमी संध " के काव्य संग्रह में मेरी ५ कविताए छपी हैं
"टूटते सितारों की उड़ान "
"टूटते सितारों की उड़ान "
संपादक --सत्यम शिवम् का हार्दिक धन्यवाद
१. प्रेम दीवानी
२. क्यों होते हैं ये धमाके
३. गुलदान
४. दिलकश चाँद
५. मुझे मेरा प्यार लौटा दो
मेरे समस्त दोस्तों को एक बार फिर से धन्यवाद देती हूँ
"हम अपने रिश्तो को यादों से सजाएगे
दूर रहकर भी आँखों में नज़र आएगे
हम कोई वक्त नहीं जो बीत जाएगा
जब भी करोगे याद चले आएगे ...!"
!! नव -वर्ष की हार्दिक शुभकामनाए !!
36 टिप्पणियां:
वाह आपके साथ तो पूरी यात्रा ही कर ली :)
@kajalji dhanywad .....
ब्लॉग के प्रथम वर्षगांठ की बधाई । और नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
बहुत सुन्दर सफ़र रहा यह ।
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं आंटी....एक साथ नव वर्ष की,ब्लाग के सालगिरह की और मेरे उपहार को स्नेह देने हेतु.......बहुत बहुत आभार.....।
बढ़िया रहा आपका सफर...आगे भी दिनों दिन यूँ ही आगे बढ़ती रहे
@dhanywad dr. saaheb...
@dhanywad Rajivji........
आदरणीय दर्शन कौर जी
नमस्कार !
इतने सारे खूबसूरत एहसास एक साथ...
ब्लॉग के प्रथम वर्षगांठ की बधाई ।
नववर्ष की आपको बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.
शुभकामनओं के साथ
संजय भास्कर
बहुत ही शानदार रहा आपका सफ़र
आपकी की लेखनी निरंतर चलती रही यही कामना है ....लेकिन शब्दों के इस सुहाने सफ़र में हम हमेशा आपके साथ है....बहुत सुंदर पोस्ट....नववर्ष की शुभकामनाओ के साथ......
ब्लॉग की साल गिरह और नव वर्ष 2012 की हार्दिक शुभ कामनाएँ।
सादर
@dhanywad sanjay
@dhanywad yshwantji
ओह! बहुत सुन्दर.
बधाईयाँ जी बधाइयाँ.
आपसे ब्लॉग जगत में परिचय वर्ष २०११
की सुखद उपलब्धि है.
आपके सुन्दर सार्थक लेखन से ब्लॉग जगत
सदा सदा ही प्रकाशित होवे यही दुआ और कामना है.
आपका यात्राओं का वर्णन बेमिशाल होता है.
आभार दर्शी जी बहुत बहुत आभार आपका.
बेहतर और बेहतर ......आपको सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं .....!
आपकी रचनाओं से निरंतर प्रेरणा मिलती रही है।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
congrats, many more to see together.
आपका सफ़र तो बहुत ही शानदार रहा……………आप इसी तरह सफ़र तय करती रहें ……………आपको व आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !!!
"टिप्स हिंदी में" ब्लॉग की तरफ से आपको नए साल के आगमन पर शुभ कामनाएं |
टिप्स हिंदी में
बधाई, दोस्त हैं - रहेंगे , नया वर्ष प्रभु के आशीर्वचनों से परिपूर्ण हो ...
वाह साल भर का पूरा इंद्रधनुषी सफ़र रहा । हमें तो सारे रंग भाए जी । बहुत बहुत शुभकामनाएं आपको नए सफ़र के लिए ।
नव वर्ष और ब्ल़ॉग की पहली वर्षगाँठ की हार्दिक शुभकामनाएँ
आदरणीय दर्शन कौरजी
आप को सपरिवार नव वर्ष 2012 की ढेरों शुभकामनाएं.
इस रिश्ते को यूँ ही बनाए रखना,
दिल मे यादो क चिराग जलाए रखना,
बहुत प्यारा सफ़र रहा 2011 का,
अपना साथ 2012 मे भी इस तहरे बनाए रखना,
!! नया साल मुबारक !!
आप को सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया, आज का आगरा और एक्टिवे लाइफ, एक ब्लॉग सबका ब्लॉग परिवार की तरफ से नया साल मुबारक हो ॥
सादर
आपका सवाई सिंह राजपुरोहित
एक ब्लॉग सबका
आज का आगरा
दर्शनजी सबसे पहले तो आपको ब्लॉग की साल गिरह और नव वर्ष की हार्दिक-हार्दिक शुभकामनाएं...
बहुत अच्छे और सुन्दर से अंदाज़ से सजाई है आपने अपनी यह विशेष पोस्ट. आपका आगे का सफ़र भी नयी उपलब्धियों से भरा हो यही कामना करते हैं... :)
सालगिरह मुबारक हो, यूँ ही सालगिरह मनाते रहे, खिलखिलाते रहें।
लगाते रहे जिन्दगी के मेले। महुआ के साथ :)
आपका ब्लॉग बहुत खूबसूरत है बार बार पड़ने का दिल करता है सभी रचनायें दिल को अपने पण का अहसास कराती है ..............
sabse pahle to naye shaal ki shubhkamnayen....
aap aise hi apnee khushiyan kavitaon ke madhyam se failate rahen...:)
HAPPY NEW YEAR DARSHAN JEE:)
बहुत सुंदर, आपने अपनी यादों को बहुत ही अच्छी तरह प्रस्तुत किया है।
आपको बहुत बहुत बधाई
नव वर्ष मंगलमय हो !
बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ....
एक वर्ष पूरा होने पे बधाई .. और नव वर्ष की भी बहुत बधाई ...
दर्शन जी ब्लॉग के एक साल पूरे करने पर बहुत बहुत बधाई...आपका ये ब्लॉग यूँ ही सालों साल चलता रहे...
नीरज
आप ऐसे ही अनवरत लिखतीं रहें ,यही हमारी कामना है ...
नए साल की ढेरों शुभकामनाएं
आपका ये ब्लॉग यूँ ही चलता रहे...
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
बहुत-बहुत बधाई हो!
दस दिनों तक नेट से बाहर रहा! केवल साइबर कैफे में जाकर मेल चेक किये और एक-दो पुरानी रचनाओं को पोस्ट कर दिया। लेकिन आज से मैं पूरी तरह से अपने काम पर लौट आया हूँ!
नववर्ष की हार्दिक मंगलकामनाओं के आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
दर्शी जी,क्या मेरी दोस्ती वर्ष २०११ की ही कहानी रह जायेगी.
मेरी पोस्ट दो हफ्ते से अधिक पुरानी हो चुकी है,
नव वर्ष भी एक हफ्ते से अधिक पुराना हो गया है.
आपके दर्शन के लिए अखियाँ तरस रहीं हैं जी.
बुरा न मानियेगा जी.
दोस्ती में मुझे शिकायत का हक तो है न.
अरे हम तो जाने माने लोग में आ गए :) बहुत बहुत बधाई आपको एक वर्ष पूरा करने की इसी तरह आपकी पोस्ट हर साल आती रहे ...
प्रिय दर्शन कौर धनोये जी (माँ) नए वर्ष की हार्दिक बधाई |
फिर भी ये पोस्ट मुझे रास नही आई |
ये बात मैंने किसी को नही बताई |
अब आप बताइए क्या है सचाई | Call to +91 9462601866
दिल खुश कर दिया 'दर्शी' जी आपने.
देर से तो आयीं पर दुरुस्त आयीं जी.
शुक्रिया...बहुत बहुत शुक्रिया आपका.
आपका हर शब्द मेरे लिए बहुत कीमती है.
ऐसे शुभ दिन बार बार आयें...
शुभकामनाएँ सदा के लिए..
सादर.
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