मेरे अरमान.. मेरे सपने..


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शनिवार, 25 मई 2019










मैं तुम्हे प्यार करती हूँ 
अपने अमिट प्यार से
तुम्हारे विचारो को 
अपनी अल्को में गुंथती रहती हूँ
मैं अकेली नही रहती ..
मेरी राते रातेँ --
तुम्हारी खुश्बुओ से गरमाती रहती है --सोचती हूँ -
जब मैं पराई होउंगी,तब क्या तुम्हे भुल पाउंगी 
शायद नही --
क्योकि मैं किसी को अपना सर्वस्त्र दे सकती हूँ 
अपना मन, इच्छा,जिस्म 
पर क्या मैं उसे वो 'स्वप्न' दे पाऊँगी 
जिनके 'नायक' सिर्फ तुम थे ?

7 टिप्‍पणियां:

शिवम् मिश्रा ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 26/05/2019 की बुलेटिन, " लिपस्टिक के दाग - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

अनीता सैनी ने कहा…

सुन्दर सृजन
सादर

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत खूब....., सादर नमस्कार

Kuldeep Kanwar दुनिया की सैर कर लो ने कहा…

वाह, सूंदर शब्द रचना

Puran Mal Meena ने कहा…

कंप्यूटर मोबाइल ब्लॉगिंग मेक मनी इंटरनेट से संबंधित ढेर सारी जानकारी अपनी मातृभाषा हिंदी में पढ़ने के लिए विजिट करेंaaiyesikhe

Subodh Sinha ने कहा…

पर क्या मैं उसे वो 'स्वप्न' दे पाऊँगी
जिनके 'नायक' सिर्फ तुम थे ? ...
गूढ़ बातें जो शब्दों में नहीं अहसासों में पाई जाती है ...औरतें बतलाती नहीं किसी से

बेनामी ने कहा…

बहुत खूब