मैं तुम्हे प्यार करती हूँ
अपने अमिट प्यार से
तुम्हारे विचारो को
अपनी अल्को में गुंथती रहती हूँ
मैं अकेली नही रहती ..
मेरी राते रातेँ --
तुम्हारी खुश्बुओ से गरमाती रहती है --सोचती हूँ -
जब मैं पराई होउंगी,तब क्या तुम्हे भुल पाउंगी
शायद नही --
क्योकि मैं किसी को अपना सर्वस्त्र दे सकती हूँ
अपना मन, इच्छा,जिस्म
पर क्या मैं उसे वो 'स्वप्न' दे पाऊँगी
जिनके 'नायक' सिर्फ तुम थे ?
7 टिप्पणियां:
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 26/05/2019 की बुलेटिन, " लिपस्टिक के दाग - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
सुन्दर सृजन
सादर
बहुत खूब....., सादर नमस्कार
वाह, सूंदर शब्द रचना
कंप्यूटर मोबाइल ब्लॉगिंग मेक मनी इंटरनेट से संबंधित ढेर सारी जानकारी अपनी मातृभाषा हिंदी में पढ़ने के लिए विजिट करेंaaiyesikhe
पर क्या मैं उसे वो 'स्वप्न' दे पाऊँगी
जिनके 'नायक' सिर्फ तुम थे ? ...
गूढ़ बातें जो शब्दों में नहीं अहसासों में पाई जाती है ...औरतें बतलाती नहीं किसी से
बहुत खूब
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