मेरे अरमान.. मेरे सपने..


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शनिवार, 12 दिसंबर 2020

कर्नाटक डायरी#13

कर्नाटक-डायरी
#मैसूर -यात्रा
#भाग=13
#कुर्ग-यात्रा (अंतिम क़िस्त)
#भाग=6
#24 मार्च 2018

सुबह होटल से निकलकर हमने कुर्ग के किला ओर महल को देखकर अब वापसी की राह पकड़ी ..आगे...

कुर्ग का मौसम बड़ा ही सुहावना था ठंडी हवा अभी भी चल रही थी हमने स्वेटर लाद रखे थे लेकिन जैसे जैसे हम मडिकेरी से नीचे उतर रहे थे थोड़ी गर्मी का अहसास हो रहा था,अब हम मडिकेरी से 36 km दूर हारंगी बांध की ओर उड़ रहे थे।

जब हम हारंगी डैम पहुँचे तो धूप अपनी चरम सीमा पर थी,काफी गर्मी लग रही थी, जितना ठंडा कुर्ग था उतना ही गरम हारंगी था😊

हारंगी डैम के दरवाजे से पहले ही जो गेट आया वहां 2 घोड़ों की प्रतिमा हमारा स्वागत करती हुई लगी थी। हिरंगी डैम में प्रवेश करने से पहले एक बड़ा सा गेट हमारा इंतजार कर रहा था,हमने भी उसका वेलकम का जवाब वहां एक फोटू खिंचकर दिया ओर अंदर प्रवेश किया, ये एक लंबा चौड़ा गार्डन था जो दूर तक फैला हुआ था और इस समय वीरान पड़ा हुआ था।

हारंगी अपने ट्री हाउसों के लिए लोकप्रिय है। उत्तरी कोडगु के कुशलनगर के समीप स्थित हारंगी बांध एक दर्शनीय पिकनिक स्थल है। कावेरी नदी पर बना यह बांध 2775 फीट लंबा और 174 फीट ऊंचा है।

बाग में हमारे सिवा कोई नही था। हमारी तरह सभी उल्लू थोड़ी थे जो इतनी गर्मी और धूप में बगीचे की सैर को आते, ख़ेर, इतनी देर में बच्चों ने एक छायादार केबिन देख लिया जो काफी ऊंचे स्थान पर था और चारो ओर से खुला हुआ था ,हम तेजी से उधर दौड़ पड़े मानो हमको मुद्दतो बाद लोकल में सीट मिली हो😊

वहां पहुंचकर थोड़ी राहत की सांस ली पानी वगैरा पीकर हम टनटन्ना गए अब हमने चारों ओर निगाह घुमाई ,यहां से डैम पूरा दिख रहा था धूप होने के बावजूद ठंडी हवा चल रही थी।
हमने यादगार के लिए थोड़े फोटू खिंचे,ओर थोड़ा गार्डन में घूम भी लिए ।पर ज्यादा कुछ देखने को था नही इसलिए हम बाहर निकल गए और बाहर निकल कर एक टपरी पर बैठकर चाय का आनंद लिया।
लेकिन, धत तेरी की ,हमारे जैसी टपरी की चाय सारे कर्नाटक में कहीं भी नही मिलती हैं।
मायूस हो हम अपनी गाड़ी पे आ गए
अब हमारी गाड़ी तेजी से मैसूर की ओर भाग रही थी।
क्रमशः...









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