मेरे अरमान.. मेरे सपने..


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गुरुवार, 14 फ़रवरी 2013

लो फिर बसंत आया...






लो फिर बसंत आया
फूलों पे रंग छाया
पेड़ों पे टेसू आया
लो फिर बसंत आया...!

कलियों ने सिर उठाया
भंवरो ने प्यार जताया
लो फिर बसंत आया...!

जाड़े ने दुम दबाया
मौसम ने फिर तपाया
लो फिर बसंत आया..!

कोयल ने चहचहाया
बुगला भी फडफडाया
लो फिर बसंत आया...!

फागुन ने फाग चढाया 
होली ने रंग उड़ाया
लो फिर बसंत आया...!

सूरज ने भी गरमाया
कोहरा भी कसमसाया
लो फिर बसंत आया..!

चंदा भी मुस्कुराया
तारा भी टिमटिमाया
लो फिर बसंत आया..!

सरसों को फिर उगाया
मन झूम -झूम के गाया
लो फिर बसंत आया...!

फूलों पे रंग छाया
      लो फिर बसंत आया --!!



11 टिप्‍पणियां:

Anupama Tripathi ने कहा…

सुंदर ....बसंतमाई रचना ...शुभकामनायें राजेश जी ...

संजय भास्‍कर ने कहा…

सुन्दर रचना.... पढ़कर दिल खुश हो गया।

संजय भास्‍कर ने कहा…

सुंदर भावनायें सुन्दर नवगीत, बसंत के आगमन पर

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

आ री मिलके किकली पाइए ....मिलके बसंत गीत गाइए

Rajendra kumar ने कहा…

बसन्त पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाएँ!बेहतरीन अभिव्यक्ति.

डॉ टी एस दराल ने कहा…

वाह ! रंग बसंती छा गया।

Chaitanya Sharma ने कहा…

प्यारी कविता ...शुभ बसंत

विभूति" ने कहा…

बहुत ही प्यारी और भावो को संजोये रचना......

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

@ सुंदर ....बसंतमाई रचना ...शुभकामनायें राजेश जी ...

आप राजेश नाम कब से रख लिया दर्शी जी ...:))

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

बसंत आगमन की बधाई ...!!

Guzarish ने कहा…

हम भी चले आए,आपने बुलाया
लो फिर....... बसंत आया
http//guzarish6688.blogspot.com