उसको प्यार है अपने प्यार से !
मुझको प्यार है अपने प्यार से !
न वो भूल सकता है अपने प्यार को!
न मैँ छोड़ सकती हूँ अपने प्यार को !
अजीब विडम्बना है !
फिर क्या समानता है;
हम दोनों के प्यार में ?
यही की ___
" हम दोनों का प्यार पर विश्वास है" ?
"हम दोनों का प्यार अटूट है "?
या __?
"हम दोनों ने प्यार के नाम पर धोखा खाया है" ?
प्यार!
धोखा !!
प्यार !!!
धोखा!!!!
दो अलग -अलग नाम!
पर एक दूसरे के पूरक !
"क्या हम दोनों को अपने -अपने प्यार को परखना चाहिए "?
या__
जलने दे अपने - अपने 'दम्भ' को प्यार की चिता पर....
या__
किनारा कर ले और तौलने दे समय को प्यार की कसौटी पर....🙄
आगाज़ यही है; अंजाम खुदा जाने ....😍
---दर्शन के दिल से
4 टिप्पणियां:
बहुत द्वंद्व है मन में । प्यार है तो दम्भ कहाँ ।
नमस्कार दीदी🙏बड़े दिनों बाद दर्शन हुए😊😊
मनोहर रचना है Thanks You.
आपको Thanks you Very Much.
बहुत अच्छा लिखते हाँ आप
हम लगातार आपकी हर पोस्ट को पढ़ते हैं
दिल प्रसन्न हो गया पढ़ के
.
धन्यवाद सर जी
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