मेरे अरमान.. मेरे सपने..


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मंगलवार, 2 अगस्त 2022

सपनों के रंग

सपनों का रंग
~~~~~~~~~★

मैंने सपनों को चुराकर
तकिये के नीचे छुपा रखे है।
तुम अपनी आंखों को मूंदकर
मेरी अँखियों  में समा जाओ,
मैं तुम्हें सपनों की बस्ती में ले चलूंगी 

पूरे चांद के उजाले में,
अपनी बाहों के झूले में
लोरिया गाकर –
तुम्हें झूला झुलाऊंगी।

तब,
तकिये के नीचे रखे अपने सपनों को 
हकीकत का जामा पहनाऊँगी।।

तुम मेरे आग़ोश में अपना सर रख देना,
मैं अपनी उंगलियों से तुम्हारा ललाट सहलाऊंगी
फिर कोमल लबों से उन्हें चूमकर 
अपने प्यार की मोहर लगाउंगी ।

तब तुम मदहोश हो मुझसे लिपट जाना,
और मैं अपनी समस्त लज्जा खोकर 
अमर बेल बन तुममें सिमट जाऊंगी।।

तब तकिये के नीचे रखे अपने सारे सपनों को आजाद कर दूँगी 👻
ओर खुशी के रंग बिखेर तुम्हारी जोगन बन चिल्लाऊंगी___
"मुझे तुमसे मोहब्बत है!
मोहब्बत है !!
मोहब्बत है!!!"

____दर्शन के दिल से💝

2 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

क्या बात !! तुम जो मिल गए ..... सारे सपने आज़ाद हो गए । बहुत खूब । भवपूर्ण रचना ।

कविता रावत ने कहा…

वाह! बहुत खूब !इज़हारे बयां