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शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2023

तमिलनाडुडायरी#3

#तमिलनाडुडायरी 3
(रामेश्वरम)
14 dec 2022

आज हमको रामेश्वरम जाना था और मुझे ट्रेन से ही जाना था क्योंकि मुझे पम्बन ब्रिज देखना था और इतने बड़े और लंबे पुल से कैसे ट्रेन निकलती है वो अनुभव लेना था।और उसके लिए मदुराई से  सिर्फ एक ही ट्रेन चलती थी जो सुबह शाम अपडाउन करती थी तो हमने इसी ट्रेन से जाने की सोची।
कल हमने जब मदुराई के स्थानीय मंदिरों का दौरा किया था तो स्टेशन जाकर ये पता कर लिया था कि ये ट्रेन कब कब जाती है।ये डेली चलती है।
एक ट्रेन 06651सुबह 6:35 को  ओर दूसरी 06655 शाम6:10 को निकलती है इसमें सब डिब्बे जनरल के होते है और रिजर्वेशन वगैरा नही होती सिर्फ चालू टिकिट लो और कहीं भी बैठ जाओ।
मदुराई टेंपल से रेल्वे स्टेशन का रास्ता मुश्किल से 1 km ही होगा पर ऑटो वाले पूरा 100 का पत्ता छीन लेते है।
हम सुबह साढ़े 5 बजे बगैर नहाए धोए निकल पड़े ,चाय भी हमने स्टेशन पर आकर पी थी😀
मदुराई से रामेश्वरम की टिकिट ओनली 70 ₹ थी। यानी कि 210 रु की 3 टिकिट हाथ मे लेकर हम  बड़े आराम से प्लेटफार्म नम्बर 5 पर खड़ी मदुराई-रामेश्वरम स्पेशल ट्रेन में चढ़ गए ।गाड़ी खाली ही थी।पैर फैलाकर सब सीट पर जम गए।
अपने नियत समय पर गाड़ी आराम से चल रही थी  चल क्या रेंग रही थी 172 km ढाई घण्टे में हमको रामेश्वर पहुचा देगी इसका मुझे शक था। रास्ते मे बहुत से स्टेशनों पर गाड़ी रुकती ओर फिर चल देती थी ।स्थानीय लोग चढ़ते ओर उतरते रहे ।सभी लोग जोर जोर से अपनी भाषा मे बातें कर रहे थे ।मेरी हालत काला अक्षर भैंस बराबर जैसी थी😪।कुछ पल्ले नही पढ़ रहा था खेर,जैसे तैसे गाड़ी रामनाथपुरम पहुँची ओर मेरी मन की अभिलाषा पूर्ण हुई।वही से पम्बन ब्रिज की शुरुवात हुई खिड़की से ब्रिज पर चलती ट्रेन को देखना आश्चर्य कर गया ये अनुभूति वही कर सकता है जो ट्रेन में बैठा हो ।चारो ओर ठहाका मारता समुंदर ओर उस पर धीरे धीरे रेंगती ट्रेन सचमुच ये अनुभूति कमाल की थी। नीचे समुद्र में से झांकती लाल लाल चट्टाने,उन पर मचलती लहरें, पानी का शोर ओर चलती ट्रेन की आवाज़!सबकुछ मायावी लग रहा था। ब्रिज है कि खत्म होने का नाम ही नही ले रहा था और हमारा काफिला आगे बढ़ता जा रहा था।
जब ट्रेन ने ब्रिज क्रॉस कर लिया तो उस जादुई संसार से तन्द्रा भंग हुई और हम भारत की भूमि छोड़कर रामेश्वर नामक द्वीप पर खड़े थे।जो चारों ओर समुंदर से घिरा हुआ था।
स्टेशन से बाहर आये तो यहां भी ऑटो बनाम लुटेरा खड़ा मिला जो 150₹में हमको 1km तैय कर के हमारी धर्मशाला महेश्वरी धर्मशाला छोड़ गया।
दोपहर में एक एक्सीडेंट के कारण मुझे फिर से मदुराई आना पड़ा।शेष अगले अंक में।
क्रमशः

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