★पिता की याद में★
मुझे वो कंधा आज याद आया।
जब पिता का साथ था घना साया।
अपने आंगन की...
मैं फुदकती हुई चिरैया थी!
दाना चुगती हुई गौरैया थी!
आये जो पंख,उड़ना मुझको भाया,
पिता ने ही मुझे उड़ना सिखाया!
मुझे वो कंधा आज याद आया!!
मुझे एक गुड़िया ला के देना,
उसका नाम 'अप्पू' बताना,
ओर मेरा इसी नाम से फ़ेमस हो जाना,
हमेशा उनका कहना–
"मेरी बेटी मेरे सिर माथे पर रहना!"
देखा एक घर और मुझे गुड्डे संग सजाया,
मुझे वो कंधा आज याद आया !!
मेरी दुनिया में पापा 😢
तुम न लौट कर आये...
जियूँ कैसे
कोई मुझको बताये!
मेरी किस्मत ने ऐसा धोखा क्यूँ खाया!
मुझे वो कंधा आज क्यूं याद आया!!
मुझे वो कन्धा आज क्यूँ याद आया🙏
मेरे पिता को सादर नमन👏
7मार्च 1982
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