अमृतसर यात्रा भाग-8
(मनिकरण)
1जून 2019
28 मई को मैं ओर मेरी सहेली रुक्मणि बम्बई से अमृतसर गोल्डन टेम्पल ट्रेन से अमृतसर को निकले..रतलाम में मेरी भाभी भी आ गई ...तीसरे दिन 30 मई को सुबह 6 बजे हम सब अमृतसर पहुँच गये,अमृतसर अच्छे से घूमकर आज सुबह हम अमृतसर से निकलकर माता चिंतपूर्णी के बाद माता ज्वालादेवी के दर्शन करके हम रात को आनंदपुर साहिब आये, रात हमने आनंदपुर साहिब में ही गुजरी,सुबह हम विरास्ते खालसा देखकर फिर किरतपुर साहेब दर्शन कर के अब मनिकरण को चल दिये, अब आगे...
किरतपुर से हम सीधे #मणिकरण साहेब को चल दिये.. शाम के चार बज रहे थे और ड्राइवर ने बोला कि मणिकरण पहुंचते पहुंचते रात हो जाएगी।
हमको नींद के झोंके आ रहे थे और गाड़ी हवा से बातें कर रही थी...एक तरफ नदी और दूसरी तरफ पहाड़ दिल को सुकून दे रहे थे। सुंदर नगर में पहुंचकर जबरजस्त ट्रैफिक जाम मिला क्योकि यहां चार लेन बन रही थी पहाड़ों को काटा जा रहा था,यहां 3 km लम्बी सुरंग बनकर तैयार थी हमारी कार जब सुरंग से निकल रही थी तो उसका दूसरा सिरा नजर ही नही आ रहा था...
आखिर रात 12 बजे हम मणिकरण साहेब पहुंच गए।
गुरद्वारे में जबरदस्त भीड़ थी ,रूम के लिए बहुत धक्का मुक़्क़ी हो रही थी हम लेडिस थे तो हमको रूम फटाफट मिल गया ...लेकिन ये क्या यहां तो रूम था ही नही? यहां तो बड़ा सा हॉल था जिधर बिस्तर बिछे हुए थे ,क्या हम यहां रहेंगे ?हम बहुत परेशान हुए? अब 12 बजे कौन होटल देखने जाएगा।गुरद्वारे का दरवाजा भी बन्द था इसलिए हमने वही रुकने का प्रोग्राम बनाया ...रात सुकून से गुजरी...बाहर पार्वती नदी के शोर ने हमको लोरिया सुनाकर सुलाया उफ़्फ़फ़!!!!
पिक्चर अभी बाकी हैं मेरे दोस्त😊
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