*।।केरला-डायरी।।*
भाग--7
2 जनवरी 2025
मेरी केरला-यात्रा 26 दिसम्बर से पनवेल से शुरू हुई थी जो 27 दिसम्बर को कोच्चीवेळी पहुँची थी। मुन्नार में 3 दिन गुजार कर हम थेकडी पहुँचे फिर अलेपि।ओर आज हम कोवलम पहुँच गए। आखरी क़िस्त।अब आगे:-----
कोवलम यानी कि ये हमारा केरला ट्रिप का आखरी डेस्टिनेशन था अब बिदाई की घड़ी नजदीक आ रही थी। 6 दिन पहले मिले अनजान लोग अब दिल के बहुत करीब आ चुके थे। सुबह 6 बजे उठना,8 बजे नाश्ता करना और 9 बजे निकल पड़ना अब एक यादगार पल बनने जा रहा था।
कल रात को हम कोवलम बीच पर बने रीसोर्ट में आ गए थे जिसका नाम था "पप्पूकुट्टी" ।पहली बार केरला के किसी होटल का नाम जुबान पर आया था😂🤣😂 वरना नाम याद रखना तो दूर की बात है बोला भी नही जाता था।
खेर, कोवलम का रिसोर्ट बहुत बढ़िया था।होटल के सामने ही विशाल समुद्र अपनी बांहे फैलाये हमारे स्वागत में खड़ा था। किनारों पर शांत लहरे आ जा रही थी ओर लोग उन मचलती लहरों के संग अटखेलियां कर रहे थे।
आगे, हम सब कोवलम के सजे धजे बाजार से गुजरते हुए अपने होटल की ओर बढ़ रहे थे ।अपने रूम में सामान रख हम सब खाना खाने अपनी अपनी पसन्द के होटलों में चले गए। मैं ओर अनिता मैडम अतिथि होटल की पहली मंजिल पर बैठे थे आज कुछ हटकर नानवेज खाने का मन हो रहा था। सामने हीँ समुंदर दिखाई दे रहा था। जिस पर कितने ही जोड़े चहल कदमी कर रहे थे। और हम भी ठंडी हवा के झोको से झूम रहे थे। सामने की टेबल पर बैठा एक अंग्रेज जोड़ा हाथ मे बियर का गिलास पकड़े अपनी ही मस्ती में चूर था। और हम सब इन नजारों का लुत्फ लेते हुए अपना डिनर खत्म कर रहे थे। फिर समुंदर के किनारे चलते हुए अपने कमरे में आ गए। अब बस आज का आखरी दिन बचा था साथ मौज मस्ती के लिए क्योकि कल सब लौट जायेंगे अपनी अपनी जिंदगियों में।😔
कोई नी बादशाहों! अभी तो दिन शुरू हुआ है😂🤣😂
अब, हम सब रोज की तरह गुलफ़ाम बने अपनी उड़न तश्तरी में सवार हो तेजी से त्रिवेंद्रम की ओर बढ़ रहे थे " स्वामी पद्मनाशन मन्दिर की ओर।ये लखपति मन्दिर मेरे कुछ सालों पहले से ही दिमाग मे आया था जब इसके अंदर से खजाना निकला था हालांकि 2021 में मैं अपनी रामेश्वरम-कन्याकुमारी यात्रा के दौरान इस मन्दिर के दर्शन कर चुकी थी पर आज फिर ईश्वर ने इस मंदिर में आने का मौका दिया था तो क्या हर्ज था😄
अब हम सब अपनी लूँगीयां टाइट कर मन्दिर के विशाल प्रागण्ड में लाईन में लगे हुये थे। भीड़ काफी थी पिछली बार मुझे आराम से दर्शन हुए थे। पर मूर्ति दिखाई नही दी थी।शायद इस बार हो जाये।
अचानक, हमारे ग्रुप के वीर जवान कहीं से जुगाड़ कर के Vip टिकिट्स ले आये और हमको कुछ राहत मिली ।अब हम दूसरी Vip लाईन में खड़े थे जो काफी नजदीक थी।
गर्भ गृह में दीपक की रोशनी में मुझे पिछली बार की तरह मूर्ति के दर्शन इस बार भी नही हुए।😪 मेरे लिए ये अफसोस कि बात है कि मुझे दीपक की लो में मूर्ति के दर्शन नही हुए।
साउथ में सभी बड़े छोटे मंदिरों में दीपक जलते हैं और उनकी मध्यम रोशनी में सबकुछ धुंधला नजर आता हैं खेर, उस स्थान पर पहुँचना ही बहुत बड़ी उपलब्धि हैं। यही सोचकर दिल को तसल्ली दी।
अब हम एक बार फिर से कोवलम बीच के पास बने लाईट हाउस में पहुँच गए पर यहाँ कहते है लिफ्ट हैं तो हम सब पहली मंजिल पर चढ़कर लिफ्ट के जरिये 6 माले तक आराम से पहुँच गए पर आखरी मंजिल फिर से सीधी सपाट थी आगे सीढ़िया थी।अब 'मरता क्या न करता' जैसे तैसे हम लोग सीढ़ियों के जरिये ऊपर आ गए☺️ ऊपर आकर दिल खुश हो गया।हमारे सामने विशाल समुंदर दूर तक नजर आ रहा था और कोवलम बीच का शानदार नजारा दिखाई दे रहा था। सबने खूब फोटू खिंचवाए ओर आराम से नीचे आ गए।
अब हम नजदीक ही भगवान शिव के मन्दिर पर पहुँच गए।यहाँ भगवान शंकर की एक विशाल प्रतिमा बनी थी जिसका जिक्र मेंने कई वीडियो में देखा था।ये मूर्ति मैंने पिछली यात्रा में नही देखी थी। पास ही मन्दिर भी था।
अब ,हम सब अपने रात्रि निवास पर लौट आये।आज एक नाटिका भी खेली गई जिसका नाम था सोनू की शादी।
ओर सोनू की शादी जिसका डायरेक्शन , लेखन, पटकथा ,संवाद,अभिनय सभी हमारे ग्रुप के युवा डायरेक्टर p n शर्मा जी ने किया था।ओर सोनू यानी कि हमारी सोनाली चक्रवती ओर मिस्टर सन्दीप चक्रवती ने दुल्हा-दुल्हन बनकर इस प्ले में चार चांद लगा दिए। नाटक की प्रस्तुति इतनी अच्छी थी कि हमारा हंस हँस के बुरा हाल हो गया।
रात गुजरती रही और हमारा कोवलम स्पेशल प्ले शो अपनी गरिमा बनाते हुए आगे बढ़ता रहा। इतना आनंद मैंने आज से पहले किसी मीटिंग में नही लिया था।
ये आखरी रात हमारे पूरे केरला टूर पर भारी थी।
ओर
ओर इस तरह हमारी केरल यात्रा खत्म हुई।