मेरे अरमान.. मेरे सपने..


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शनिवार, 25 अक्टूबर 2025

केरला ट्रिप भाग -6

*।।केरला-डायरी।।*
भाग--6
1जनवरी 2025


मेरी केरला-यात्रा 26 दिसम्बर से पनवेल से शुरू हुई थी जो 27 दिसम्बर को कोच्चीवेळी पहुँची थी। मुन्नार में 3 दिन गुजार कर कल हम थेकडी पहुँच गए थे ।आज हमारा पांचवा दिन हैं ओर साल का पहला दिन हैं। अब आगे:-----


आज साल का पहला दिन हैं और ये शुरू हुआ ठीक रात के 12 बजे केक कटिंग के साथ💐🎂
तो हुआ यू की कल रात 31दिसम्बर का जश्न हम अलेपि के बीच पर मनाने वाले थे। रात को सब गुलफ़ाम बने पार्टी के इंतजार में 9 बजे सजधज कर कमरे से बाहर निकले तो पता चला कि यहाँ का बीच 2-3 km दूर है और हमारा बस वाला नोटांक मार कर आराम से सो रहा हैं उसने स्पष्ट बोल दिया कि 9 बजे के बाद गुडनाईट, मतलब गुडनाईट।

 
अब उसके फैसले से उसको एस्ट्रा पैसा भी नही हिला सका तो बेचारे हमारे ग्रुप के 'बॉयज' दौड़ लगाकर ऑटो वालो को ढूंढने निकल पड़े पर लगता था सारे आटो वाले नए साल का जश्न दारू पीकर मनाने वाले थे तो कोई आने को तैयार नही था।और अगर 1 आध मिल भी गया तो 18 लोग छत पर चढ़कर या एक दूसरे की गोद मे बैठकर भी नही पहुँच सकते थे।  बड़े मायूस हो हमने बीच पर जाना केंसिल किया और अपुन की मंडली वही जमा ली।मूढ़ तो खराब हो चुका था पर थोड़ी देर में सब नार्मल हो गया।


फिर क्या था Gds की महफ़िल जब जम जाती हैं तो खत्म होने का नाम ही नही लेती😂😂 सब अपने अपने धांसू किस्से सुनाने लगे और ठीक 12 बजे जब अचानक पटाखे चलने लगे तो होश आया कि नया साल तो गया😀 सब बाहर की ओर लपके ओर लगे नाचने । बाहर अंधेरा था तो अंधेरे को दूर किया मोबाइल की टार्च ने।जब सब थक कर अंदर आये तो एक हेवी केक हमारा इंतजार कर रहा था। ये बड़ा सरप्राईज था।जी हां, लेकिन ये नए साल का केक नही था बल्कि हमारे ग्रुप की मेम्बर ललिता नाहटा का जन्मदिन केक था जिसे उनके प्यारे बेटे मनन ओर राहुल सजा रहे थे। यानी कि नए साल के जश्न में जन्मदिन का जोश भी शामिल हो गया।इस दुगनी खुशी के बीच उन्होंने केक काटा ओर हम सबने जीभर कर खाया और इस तरह हमारे पिछले साल की बिदाई ओर नए साल के आगमन की खुशियां मनाई गई जो हमारे मानस पटल पर हमेशा अंकित रहेगी।🥰
रात 1 बजे के बाद सोए ओर ठीक 8 बजे नाश्ता खाने भी आ गए क्योकि आज फिर हमको इस होटल से अपना बोरिया बिस्तर लपेटकर आगे कोवलम जाना था जहाँ 2 दिन रुकना था।
खेर, हम सबने सुबह नाश्ता किया। आज का नाश्ता  कल से भी बढ़िया था ।तो सबने एक साथ अपना नाश्ता खत्म किया और हम सब  बस में सवार हो गए।


आज सुबह-सुबह हम अलेपि की फेमस राइड यानी कि चलते फिरते घरों में घूमने निकल पड़े।
अलेपि के चलते-फिरते घर यानी कि हाउसबोट में हमने डेरा जमा लिया और लगे कव्वाली करने।क्या हुड़दंग मचाई की कह नही सकती।
कहीं फोटू खींचने की होड़ लगी थी तो कहीं कव्वाली गाई जा रही थी तो कहीं डांस हो रहे थे  ओर तो ओर हमारे शास्त्री जी ने तो "हनुमान चालीसा" ही शुरू कर दिया जिसमें स्वर से स्वर मिलाया हमारे ग्रुप के ' बॉयज' ने तो माहौल एकदम भक्ति पूर्ण हो गया। फिर क्या था थोड़ी देर में हम सब हनुमान चालीसा गा रहे थे। हालांकि मुझे पूरा नही आता पर स्वर मैंने भी मिला ही दिया।☺️


उसके बाद रही सही कसर हमारी अनिता मैडम ने एक पहाड़ी गीत गाकर पूरी कर दी।नए साल का ये रंगारंग प्रोग्राम ऐसा लग रहा था मानो हमारे केरला ट्रिप का यही पैसा वसूल आईटम हो।😛
2 घण्टे की ये पानी पर तैरती सैर मुझे जिंदगी भर याद रहेगी।🥰🥰


अब हम सब अपनी दूसरी डेस्टिनेशन पर चल दिये जिसका नाम था --"जटायु अर्थ सेंटर"।
यहाँ आने की मेरी दिली ख्वाहिश थी ।मैं काफी दिनों से ये जगह आना चाहती थी पर आना नही हो पा रहा था। 2021 में अपनी रामेश्वरम -त्रिवेंद्रम यात्रा में मैं इस जगह से अनजान थी वरना तभी आ जाती।


खेर,लेकिन कई बार सबकुछ ठीक होने पर भी बहुत कुछ नही होता।इंसान के हाथ मे कुछ भी नही हैं वो उस ऊपर बैठी अदृश्य शक्ति के हाथ का खिलोना मात्रा हैं।उसके इशारे के आगे हम इंसान कितने मजबूर है।


यहाँ आकर पता चला कि आज रोप वे बन्द हैं और 900 सीढ़ियों से ही सब लोग ऊपर  आ-जा रहे हैं। खड़ी चढाई चढ़ना मेरे लिए बहुत मुश्किल था 😪इसलिए हमारे ग्रुप के जवान मेम्बर सीढ़ियों से चढ़ गए और हम नीचे बैठे उनका इंतजार करते रहे । ओर ये सोचकर खुश हुए की यहाँ तक आना ही हमारे लिए सौभाग्य की बात है। ये सोचकर दिल को तसल्ली दी कि इसमे भी उस वाहेगुरु की कोई रजा होगी। हम नीचे 2 घण्टे तक सबका इंतजार करते रहे और उनकी आंखों के जरिये ही उस पवित्र स्थल का अवलोकन करते  रहे जहाँ भगवान राम के चरण पड़े थे।


सबके आने के बाद हमारी सवारी आगे कोवलम बीच पर चल दी। लेकिन बीच मे एक वेज रेस्टोरेंट में सबने छक्क कर खाना खाया।
पोस्ट लंबी हो गई हैं तो आगे की यात्रा अगले एपिसोड में देखिए आपके अपने केरला डायरी में
क्रमशः***



















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