*।।केरला-डायरी।।*
भाग--5
31दिसम्बर 2024
मेरी केरला-यात्रा 26 दिसम्बर से पनवेल से शुरू हुई थी जो 27 दिसम्बर को कोच्चीवेळी पहुँची थी। मुन्नार में 3 दिन गुजार कर आज हम थेकडी पहुँच गए हैं ।आज हमारा चौथा दिन हैं, अब आगे:-----
कल शाम को हम थेकडी पहुँचे थे । मुख्य बाजार में स्थित हमारा होटल बहुत ही बढ़िया था सामने ही बड़ा सा चर्च था और उसी के कोने में माँ मरियम की विशाल सफेद प्रतिमा थी जिस पर रात को रंग बिरंगी लाईट के फोकस से प्रतिमा बेहद खूबसूरत लग रही थी।हल्की -हल्की ठंड में हम बाजार में घूम रहे थे बहुत ही प्यारा मौसम था इस समय। फिर खाना खाकर हम आकर होटल में सो गए।
आज सुबह भी होटल में नाश्ता करने वाली मैं पहली ही मेम्बर थी🤪 आज हमारा नाश्ता 3 दिन की अपेक्षा ज्यादा ही शानदार था। कंठ तक ठूंस कर मैंने नाश्ते से इतिश्री की।😋😋
मैंने देखा धीरे धीरे ग्रुप के सभी मेम्बर नाश्ता कर चुके तो हम सब आज जंगल मे मंगल मनाने निकल पड़े।हमारे साथ सोनाली,नेहा,अनिता मेम ओर चक्रवती सर नही गए बाकी सब 4-5 के ग्रुप में 3 जीप में सवार हो निकल पड़े।
आगे जाकर बन्द जीपों के कवर को खोल दिया गया जैसे कोई लड़की अपनी बंधी हुई जुल्फों को खोल देती हैं ठीक वैसे ही हमारी जीप और उसमें बैठे हम लोग मदमस्त होकर उड़े जा रहे थे।अब ठंडी ठंडी हवा हमारे चेहरो से टकरा रही थी ओर हमारे बाल हवा में लहरा रहे थे। हिचखोले खाती हमारी जीप टेढेमेढे खूबसूरत रास्तों से गुजर रही थी कि अचानक सारी जीपें एक जगह रुक गई ।
मैंने भी उतरकर जायका लिया तो पता चला कि नीचे एक नदी बह रही हैं वो एक खूबसूरत पॉइंट था।सब वो ही देखने नीचे उतर चुके थे । पर नीचे उतरना मुझे थोड़ा टेडी खीर लग रहा था पर मेरा मन इस खीर को खाने को ललचा रहा था क्योकि मुझे आभास हो गया था कि ये खीर नमकीन नही अपितु बहुत मीठी होगी😍 और हुआ भी वही, खीर मीठी ही नही बल्कि मेवा डली थी। तो अपने राम कूद पड़े इसे फ़तेह करने और इसमे साथ दिया हमारे ग्रुप के जैन साहब ओर सूद साहब ने जिनका सहारा लेकर आखिर ये गर्मागर्म खीर मैंने खा ही ली😀😀
नदी बहुत ही खूबसूरत थी पहाड़ी नदी कल-कल बहता पानी उफ्फ्फ..गजब!! तभी मुझे फ़िल्म मधुमती की नदी याद आ गई जिधर वैजयंतीमाला ने गीत गाया था:--
"मैं तो कब से खड़ी इस पार... ये अंखिया थक गई पथ निहार...आ ...जा..रे परदेशी.."
परदेशी तो कोई आया नही पर हमारे ग्रुप के सारे हैंडसम मर्द अपनी बुआ के फोटू खींचने जरूर आ गए ओर फिर फोटुओं का जो दौर चला तो रुकने का नाम ही नही ले रहा था । उधर हमारे एडमिन अलग मुझसे होड़ लगा रहे थे नायाब फोटू खिंचवाने में,पर मुझे पता था मुझसे बाजी नही जीत सकते😄 😀😀
नीचे उतरना जितना टेडी खीर था ऊपर आना उससे भी ज्यादा कठिन था परंतु Gds हो जिधर पंगा नही लेने का उधर 🙆 मैं कब ऊपर आ गई मुझे पता ही नही चला 🤣😂🤣
तो जनाब सभी के प्रयासों से मैं ऊपर आ गई और हमारी जीप फिर एक बार चल पड़ी।
काश! यहाँ सोनाली होती तो हजारों की तुलना में फोटू खिंचवाती ओर हमारे पप्पूकुट्टी बेचारे अभी तक नदी की लहरों में फंसी सोनाली मैडम की तस्वीरें खिंचते रहते। 🥰
अब हमारी जीप उछलती कूदती सरपट दौड़ रही थी आगे बहुत की खराब रास्ता आने वाला था जिसने मेरी हड्डी पसली एक कर दी।😔
जिसके कारण मुझे रात को आयोडेक्स ढूंढना पड़ा परन्तु वो कमबख्त पता नही कीधर कम्बल ओढ़कर सोया हुआ था कि मिला ही नही😪😪
हड्डियां तुड़वा कर हम जंगल मे मंगल मनाते रहे मनाते रहे जब भी जीप किसी खूबसूरत स्पॉट पर रुकती हम ता-थैया -ता-थैया करते और फिर जीप में बैठ जाते अपनी कमरिया तुड़वाने😪
और आखिर में हमारा कलमुँही जीप से पीछा छूटा ओर हम सब हमारी प्यारी बस में सवार हो गए ।यहाँ सोनाली,नेहा ओर अनिता मैडम फिर से मिल गए और हमारी सवारी आगे अलेपि की ओर भागने लगी।रास्ते मे एक जगह लंच किया।हालांकि आज भूख उतनी नही थी क्योकि सुबह अनलिमिटेड नाश्ता जो ठूस लिया था।
शाम के 4 बजे हम अलेपि पहुँच गए और सबसे पहले लाईट हाउस देखने पहुँचे। सात मंजिला लाईट हाउस की गोल सीढ़िया देखकर पहले तो मुझे चक्कर आ गये फिर एकदम नही बोलकर मैंने दिल को तसल्ली दी कि मैं ऊपर नही जा सकती पर सोनाली को ऊपर जाता देखकर मेरा डरपोक मन थोड़ा साहस दिखा गया और डरते डरते श्री राम का नाम लेकर आखिर ऊपर चढ़ ही गई। पर दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था बार बार यही बोल रहा था कि ––" बेटा ऊपर चढ़ तो गई हैं पर अब उतरेगी कैसे😭😭😭
सच मानो,किस टाइम मेरे दिमाग मे ये सनक सवार हुई थी कि मैं ऊपर चढूगी? कान पकड़े बाबा! आज के बाद ऐसी पागलपंथी फिर कभी नही करुँगी। सच्ची! मैंने दिल को तसल्ली दी।
हालांकि 2 दिन बाद फिर वही फितूर सवार हुआ था 😔😔😔
लाईट हाउस देखकर हम अलेपि के बीच पर आ गए जिधर सनसेट का विहंगम दृश्य दिखने वाला था।सबने बीच पर खूब हुडदंग मचाई। आज 31 की रात थी और हम सब यहाँ पार्टी करने वाले थे। वो अगले एपिसोर्ट में
क्योकि,अभी पिक्चर बाकी हैं मेरे दोस्त!!!
क्रमशः*****
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें