*।।केरला-डायरी।।*
भाग--4
30दिसम्बर 2024
मेरी केरला-यात्रा 26 दिसम्बर से पनवेल से शुरू हुई थी जो 27 दिसम्बर को कोच्चीवेळी पहुँची थी। अब हम मुन्नार में हैं आज हमारा तीसरा दिन हैं, अब आगे:-----
आज हमारा सारा टब्बर मुन्नार से निकल रहा था, 3 दिन यहाँ रहकर इस माहौल से, यहाँ के स्टॉफ से इश्क हो गया था। स्पेशली विष्णु से थोड़ा ज्यादा ही लगाव हो गया था वो भी हमसे घुलमिल गया था थोड़ा भावुक हो वो मेरे पास सेल्फी खिंचवाने आ गया। हम सबने सेल्फी खिंचवाई ओर वहाँ से बिदाई ली।
अब हम एक शानदार टी-गार्डन में पहुँचे जिधर 50 ₹ का टिकिट कटवाकर हम सब चाय के बगानों में ऐसे घुस गए जैसे बेगारी करने जा रहे हो 🤣😂😂
यहाँ सबने अपनी अपनी रील बनाई और दिल की तमन्ना फोटुओं में धो दी। सभी ने अलग-अलग पोज बनाकर बरसों की तमन्ना पूरी की🥰 यहाँ का माहौल भी बहुत रोमांटिक था चारो ओर चाय के बगान...पीछे दूर तक हरे-हरे पहाड़ ओर उन पर नाचते सफेद बादल.. आश्चर्य की चरम सीमा तक जादुई माहौल था....कभी बादल पहाड़ पर थिरकते नजर आते कभी चाय के बगानों पर ओर कभी हमको ठंडा सा स्पर्श करवा जाते।
सन्दीप साहनी जी हरे बगानों में अपनी लाल रंग की टीशर्ट में देवानन्द नजर आ रहे थे ओर योगिता के पीछे दौड़ लगा कर गा रहे थे--" माना जनाब ने पुकारा नही,क्या मेरा प्यार भी गवारा नही..." ऐसा लग रहा था मानो किसी तोते ने अपने मुंह मे लाल सुर्ख मिर्च दबा रखी हो ।उस पर मैंने उनका थिरकता हुआ वीडियो भी बना डाला☺️
उधर हमारे नम्बर 2 सन्दीप चटर्जी किसी मलयालम बेग़म के पीछे पड़े हुए थे और वो उनसे अपना पल्लू छुड़ाकर उनको चेता रही थी --- "छोड़ दो आँचल जमाना क्या कहेगा"। ओर हद तो तब हुई जब मैं उनका भी वीडियो बना रही थी।😂😂🤣
इधर हमारे एडमिन तो एक छोटी- सी डूंगर पर ही चढ़ गए और आमिरखान की तरह लहरा-लहरा कर गाना गाने लगे ---"पहला नशा, पहला खुमार... नया प्यार है नया इंतजार..."🥰 मुझे डर लगने लगा, कहीं आमिर खान की तरह शर्ट न उतारकर फेंक दें परन्तु एक नम्बर के कंजूस अपनी Gds की टोपी तक नही फेंक सके😂🤣😂 मैंने इनका भी फोटू उतार लिया।
इस जादुई माहौल में हम सब काफी देर तक उठा-पटक करते रहे। सबने बहुत इंजॉय किया अब हमारी बस बादलों को काटती हुई दौड़ रही थी। सामने की सड़क तक दिखनी बन्द हो गई थी हम खुद भी बादलो के अंदर से निकल रहे थे।ये पल इतना रोमांचक और जादुई था कि लग रहा था मानो हम स्वर्ग में घूम रहे हो👻👻
थेकडी का 3-4 घण्टे का सफर था एक जगह रुककर हमने आज का लंच भी किया।
केरल में 3-4 घण्टे के सफर में बोरियत बिल्कुल नही होती क्योकि दृश्य इतने खूबसूरत होते हैं कि
आंख बंद करने का मौका ही नही मिलता।घुमावदार रास्ते,हरे भरे चाय के बागान ओर खूबसूरत घर देखते रहने का मन होता हैं।
शाम 4 बजे हम आराम से थेकडी पहुँच गये । थेकडी के इंटर पर ही हमको भगवान गणेश की बड़ी विशाल मूर्ति देखने को मिली। फिर कुछ देर बाद हम एक बढ़िया से होटल के आंगन में उतरे जो मेन बाजार में था आसपास काफी दुकानें थी और सामने एक बड़ा सा चर्च था जिस पर नए साल के उपलक्ष्य में लाइटिंग कर रखी थी।
कुछ देर फ्रेश होकर हम ठीक 6 बजे यहाँ पास ही कथककली का शो देखने गए 200 रु पर पर्सन का online टिकिट सन्दीप ने पहले ही करवा लिए था। कथकली नृत्य नाटिका मैंने जीवन मे पहली बार ही देखी थी। कलाकारों ने लक्ष्मण और शूपर्णखा का कैरेक्टर जबरजस्त प्ले किया था। एकदम मंजा हुआ अभिनय और भाव भागिमा देखते ही बनता था।
उसके बाद हमने केरल की एक ओर प्राचीन कला को देखा जिसे "कलारिपट्टू" कहते हैं। इसमे योद्धा ओर उसकी युध्द कला दिखाई गई थी जो हैरत करने वाली थी।
ये भी 1 घण्टे का प्रोग्राम था। थियेटर से निकलकर हम बाजार में आ गए और सबने अपने मनपसंद गरम मसाले खरीदे।
आज पूरे दिन बहुत कसरत की थी तो नींद भी आंखों में थपेड़े मार रही थी कल फिर सफर करना है तो हम सब गुड बॉय बोलकर अपने अपने रूम में चले गए।
मिलते हैं एक ब्रेक के बाद।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें