मेरे अरमान.. मेरे सपने..


Click here for Myspace Layouts

शनिवार, 25 अक्टूबर 2025

अयोध्या

"अयोध्या"
13 मई 2024




जब से भगवान राम का मन्दिर बनना शुरू हुआ तभी से मन मे एक आस का बीज पनपने लगा कि हो न हो एक दिन मैं जरूर अपने लल्ला के दर्शन करुँगी।
धीरे-धीरे ये आस का बीच मन मे अंकुरित होने लगा और फ़टाफ़ट तीव्रगति से फैलने लगा।
मुझे कल की वो बातें याद आने लगी जब मैं छोटी थी और घर मे #धर्ययुग आता था जिसके फ्रंट पेज पर  एक × बना होता था ओर उस पर एक बड़ा ताला लटका होता था । नीचे एक स्लोगन लिखा होता था कि--- " राम मंदिर में फिर से ताला" । बाल बुद्धि थी इसका मतलब समझ नही आता था की क्यो इस मंदिर में ताला लगता हैं?
बात बचपन की थी जो बड़े होने पर समझ आने लगी।फिर वो दिन आया जब यहाँ खून की नदी बही थी और लाशों से गलियां अटी पड़ी थी तब भयभीत हो वो कैसेट देखा था। जिसकी भयावह तस्वीर आज भी दिल मे ताजा हैं।
लेकिन दिन बदले ओर  लल्ला का वनवास खत्म हुआ । भगवान के आशीर्वाद से इस सदी का महानतम दिन आया जब इस मंदिर का उदधाटन हुआ और श्रीराम  लल्ला के रूप में इस नगरी मे अवतरित हुए।
मेरे जीवन के सफलतम दिनों में एक अध्याय ओर जुड़ गया 13 मई 2024 का वो पावन दिन था जब मैंने मेरे प्रभु राम के दर्शन किये। स्थापना के ठीक 111 दिन बाद।
ओर इस दर्शन के बिचौलीये रहे अयोध्या निवासी #श्रीसूरजमिश्राजी जो हमारे Gds सदस्य भी हैं।जिनकी वजय से मैंने आराम से  लल्ला के दर्शन किये फोटू खिंचवाए और अपनी बरसों की प्यासी आत्मा को तृप्त किया। जय श्रीराम🙏











कोई टिप्पणी नहीं: